इसी बीच अदिति ने एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया, तो जिंदगी फिर अपनी रफ्तार से चल पड़ी. अब नीलेश को एक ही बात की चिंता थी कि अच्छा लड़का देख कर नीलू की शादी करा देना है. यह एक बड़ी जिम्मेदारी थी उस के सिर पर, जिसे महादेव उस पर छोड़ गए थे. लेकिन उसे कोई ऐसा लड़का नजर नहीं आ रहा था, जो उस की बहन नीलू के लायक हो. सब के सब दहेज लोभी थे. केवल उन्हें पैसा चाहिए था और ऐसे लालची घर में वो अपनी बहन की शादी नहीं करना चाहता था. नहीं, पैसे की कोई कमी नहीं थी उस के पास. लेकिन दहेज क्यों दे वो, जब उस की बहन खुद सक्षम है तो...? और इस दहेज के दानव का क्या भरोसा कि कल को पैसे के लिए उस की बहन को मार भी दे? इसलिए नीलेश ने तय किया कि वह अपनी बहन की शादी किसी ऐसे लड़के से करेगा, जो उस के पैसों से नहीं, बल्कि उस से प्यार करता हो.
नीलेश के औफिस में अभी 2 महीने पहले ही अतुल्य ने रिपोर्ट किया था. वह 2019 बैच का आईएएस अफसर था. 52वां रैंक आया था उस का. इन 4 सालों में उस के कई जगहों पर ट्रांसफर हुए. लेकिन इस से पहले वह दिल्ली में पोस्टेड था. फिर उस का तबादला यहां मुंबई कर दिया गया.
अतुल्य से नीलेश की अच्छी पटने लगी थी. बातोंबातों में ही एक रोज उस ने बताया कि उस का अपना घर पटना, बिहार में है और उस के मातापिता वहीं रहते हैं. वो भी छुट्टियों पर वहां जाता रहता है.
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