“तुम गंभीरतापूर्वक हमारे रिलेशन के बारे में नहीं सोच रहे,” प्रतिभा ने सोहन से बड़े नाजोअंदाज से कहा.“तुम किसी बात को गंभीरतापूर्वक लेती हो क्या?” सोहन ने भी हंस कर जवाब दिया.

दोनों ने आज छुट्टी के दिन साथ बिताने का निर्णय लिया था और अभी कैफे में बैठे कौफी पी रहे थे. दोनों कई दिनों से दोस्त थे और बड़े अच्छे दोस्त थे.

“लेती क्यों नहीं, जो बात गंभीरतापूर्वक लेने की हो. तुम मेरे सब से प्यारे दोस्त हो, मैं तुम से प्यार करती हूं, तुम्हारे साथ जीवन बिताना चाहती हूं. यह बात बिलकुल गंभीरतापूर्वक बोल रही हूं और चाहती हूं कि तुम भी गंभीर हो जाओ,” प्रतिभा ने आंखें नचाते हुए जवाब दिया.

सोहन को उस की हर अदा बड़ी प्यारी लगती थी और इस अदा ने भी उस के दिल पर जादू कर दिया. पर उस ने एक बात नोट की थी प्रतिभा के बारे में कि उस ने कई पुरुष मित्रों से मित्रता की थी, पर किसी से उस की मित्रता ज्यादा दिनों तक टिकी नहीं थी.

“देखो प्रतिभा, जहां तक दोस्ती का सवाल है, तो तुम मेरी सब से अच्छी दोस्त हो. तुम्हारे साथ समय बिताना मुझे बहुत पसंद है. इसीलिए मैं तुम से समय बिताने के लिए अनुरोध करता हूं. और जब कभी तुम साथ में समय बिताने का कार्यक्रम बनाती हो तो झट से तैयार हो जाता हूं. पर, शादी अलग चीज है. दोस्त कोई जरूरी नहीं पतिपत्नी ही बनें. मेरी कई महिलाएं दोस्त हैं. तुम्हारे भी कई पुरुष दोस्त हैं. सभी से शादी तो नहीं हो सकती. हम दोस्त ही भले हैं,” सोहन ने समझाया.

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