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इतने में औफिस क्लर्क एक लड़के के साथ चाय ले कर हाजिर हुआ. उस के हाथ में कुछ कागज भी थे. मुझे सैल्यूट किया और कहा, ‘लीजिए मैम, गरमागरम चाय पीजिए.’ उस ने बोलना चालू रखा, ‘मैम, 1 से 2 बजे के बीच लंच है. 5 बजे आप को यहीं कमरे में चाय मिलेगी. 7 से 8 बजे के बीच बार खुलेगा. आप अपनी पसंद की ड्रिंक ले सकेंगी कैश दे कर. रम, वाइन, व्हिस्की सब मिलेंगी. 8 से 9 बजे के बीच डिनर है.’
वह थोड़ी देर के लिए रुका, फिर बोला, ‘सुबह 6 बजे की आप की एयर इंडिया की फ्लाइट है. सुबह 3 बजे आप को चाय दी जाएगी. 4 बजे एयरपोर्ट के लिए स्टेशन वैगन लेने आएगी. ये रहे आप का मूवमैंट और्डर, एयर टिकट, बोर्डिंग पास, रिफ्रैशमैंट के लिए वीआईपी लौंज का 200 रुपए का कूपन. आप रिफ्रैशमैंट में अपनी मरजी का कुछ भी खा सकती हैं.’

किसी रिकौर्ड की तरह वह बोलता चला गया. मैं ने पूछा, ‘मेरे अलावा जाने वाला कोई और अफसर भी है.’
‘मैम, अभी तक तो कोई नहीं है. शाम 6 बजे तक जो भी आएगा, उन का नाम जोड़ दिया जाएगा. उस के बाद वाले अफसर अगले दिन जाएंगे. एयर इंडिया में बिजनैस क्लास में अफसरों के लिए केवल 4 सीटें रिजर्व होती हैं. आमतौर पर रोज 4 अफसर नहीं होते हैं. पोस्टिंग या सालाना छुट्टी जाने, आने वाले, अफसर ही ट्रांजिट कैंप में आते हैं. बाकी सब सीधे फ्लाइट पकड़ कर यूनिटों में चले जाते हैं.’
सैल्यूट कर के वह चला गया. मैं ने मां, बाऊ जी से बात की और अपने सहीसलामत पहुंचने की खबर दी. लंच के लिए अभी आधा घंटा बाकी था. मैं ने बूट उतार दिए और बक्से से चप्पल निकाल कर पहन ली और ऐसे ही पलंग पर लेट गई.

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