भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली अपनी आत्मकथा ‘ए सेंचुरी इज नौट एनफ’ में क्रिकेट से जुड़ी अपनी कुछ बातों को फैन्स के सामने लाए हैं. यह किताब जल्द ही लौन्च होने वाली है, लेकिन लौन्च से पहले किताब के कुछ अंश को गांगुली ने फैन्स के साथ शेयर किया. एक बातचीत के दौरान सौरव गांगुली ने साल 2002 में खेले गए नैटवेस्ट सीरीज का जिक्र किया.

गांगुली ने कहा, ”फाइनल मैच में जीत को लेकर टीम काफी उत्साहित थी और जहीर खान के विनिंग शौट लगाते ही मैं अपने आपको रोक नहीं सका.” गांगुली ने बताया कि जीतने के बाद शर्ट उतारकर सेलिब्रेट करना सही नहीं था. जीत का जश्न मनाने के लिए और भी कई तरीके थे.” गांगुली ने कहा,

”जब इंग्लैंड की टीम भारत आई थी तो एंड्र्यू फ्लिंटौफ ने यह काम किया था. लौर्ड्स में फाइनल मुकाबला जीतने के बाद मैंने भी कुछ ऐसा ही किया. हालांकि, इस घटना के बाद इसे लेकर काफी पछतावा हुआ और मैं आज तक इस बात का अफसोस कर रहा हूं. रियल लाइफ में मैं इस तरह का इंसान नहीं हूं. खुशी जाहिर करने के और भी तरीके थे, लेकिन क्रिकेट का जुनून मुझ पर इस कदर हावी था कि मैंने फ्लिंटौफ को उन्हीं के अंदाज में जवाब देना बेहतर समझा.”

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बता दें कि इंग्लैंड की टीम ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत को वनडे सीरीज के फाइनल मुकाबले में हराया था. इसके बाद जब भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर गई थी तो वहां वो जीतने में कामयाब रही. इस मैच में मुश्किल परिस्थितियों से निकलकर भारतीय खिलाड़ियों ने जीत हासिल की थी. लौर्ड्स में खेले गए फाइनल मैच में इंग्लैंड की टीम ने 50 ओवर में 5 विकेट खोकर 325 रन बनाने में सफल रही थी.

326 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी रही. कप्तान सौरव गांगुली और सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने पहले विकेट के लिए 106 रनों की पार्टनरशिप की थी. इसके बाद सहवाग 45 तो गांगुली 60 रन बनाकर आउट हो गएं. इन दोनों के अलावा युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने टीम को जीत की ओर बढ़ाने का काम किया. अंतिम ओवर में भारतीय टीम ने दो विकेट से इस मैच को अपने नाम कर लिया.

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