भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने भी #MeToo से जुड़कर अपने साथ हिए प्रताड़ना की बात की है. महिला युगल में विश्व चैंपियनशिप की पूर्व कांस्य पदक विजेता ज्वाला गुट्टा ने मंगलवार को अतीत में हुए ‘मानसिक प्रताड़ना' और चयन में भेदभाव की शिकायत का मुद्दा उठाया. ज्वाला ने कहा कि उन्होंने जो झेला वह मौजूदा ‘मी टू' खुलासों के अंतर्गत आता है.

हालांकि ज्वाला ने कई ट्वीट करते हुए ना तो किसी का नाम लिया और ना ही यौन उत्पीड़न के किसी मामले का जिक्र किया. राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व स्वर्ण पदक विजेता ज्वाला ने चयन में उन्हें निशाना बनाए जाने के अपने आरोपों को एक बार फिर दोहराया.

उन्होंने लिखा, शायद मुझे भी उस मानसिक प्रताड़ना की बात करनी चाहिए जिससे मैं गुजरी.... #‘मी टू' ज्वाला ने आरोप लगाया, 2006 से. इस व्यक्ति के प्रमुख बनने के बाद से... राष्ट्रीय चैंपियन होने के बावजूद मुझे राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया.

सबसे नवीनतम मामला तब का है जब मैं रियो से लौटी. मुझे फिर राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया. एक कारण बताया गया कि मैंने खेलना छोड़ दिया है!!. हैदराबाद में रहने वाली इस खिलाड़ी के लंबे समय से मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद के साथ मतभेद रहे हैं.

इस दौरान ज्वाला ने यह आरोप भी लगाए कि वह पूरी तरह से एकल खिलाड़ियों पर ध्यान देते हैं और युगल खिलाड़ियों की अनदेखी करते हैं. ज्वाला ने दावा किया था कि गोपीचंद की आलोचना के कारण राष्ट्रीय टीम में उनकी अनदेखी हुई और यहां तक कि उन्होंने युगल जोड़ीदार भी गंवा दिया. इस खिलाड़ी ने हालांकि मंगलवार को किए ट्वीट में गोपीचंद का नाम नहीं लिया.

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