शीर्ष भारतीय गोल्फर एसएसपी चौरसिया ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और खेल मंत्रालय पर गंभीर आरोप लगाए हैं. चौरसिया ने रियो ओलिंपिक की तैयारियों के लिए आवंटित की गई पूरी राशि अभी तक नहीं मिलने के लिए आईओसी और खेल मंत्रालय को लताड़ा.

चौरसिया ने यहां तक कहा कि रियो ओलंपिक में खिलाड़ियों के साथ नौकरों वाला बर्ताव किया गया. इसके अलावा वादे के मुताबिक ओलंपिक की तैयारी में लगाए गए 30 लाख रुपये का भी भुगतान नहीं किया गया.

चौरसिया और उनके साथी भारतीय खिलाड़ी अनिरबान लाहिरी, दोनों को अब तक खेल मंत्रालय द्वारा मंजूर की गई वो राशि नहीं मिली है. जहां चौरसिया को अब तक सिर्फ 5.5 लाख रुपये दिए गए हैं वहीं, दुनिया भर में 16 खिताब जीत चुके लाहिरी को अब तक एक रुपया नहीं मिला है.

चौरसिया ने कहा, 'मेरे पास वो पत्र मौजूद है जिसमें उन्होंने 30 लाख रुपये चुकाने का वादा किया था लेकिन रियो ओलंपिक के बाद हमसे कहा गया कि इस रकम को घटाकर 15 लाख कर दिया गया है.'

रियो ओलंपिक के बारे में अपनी बात रखते हुए चौरसिया ने कहा, 'वाहनों से लेकर किसी भी चीज में सही व्यवस्था नहीं की गई थी. वहां बहुत ठंड थी और बारिश भी हो रही थी लेकिन इन लोगों ने छाते या रेनकोट का इंतजाम भी नहीं किया था. वो ऐसे बर्ताव कर रहे थे जैसे वे मालिक हैं और हम नौकर.'

आईओए और खेल मंत्रालय के प्रति अपना गुस्सा जाहिर करते हुए चौरसिया ने आगे कहा, 'एयरपोर्ट पर वाहन के लिए हमको चार घंटों तक इंतजार कराया गया जबकि लाहिरी को अपना इंतजाम करके ही आना पड़ा. हमे बहुत खराब लग रहा था. अब ओलंपिक में हिस्सा लेने से पहले हमे दो बार सोचना होगा. हम इस चीज में और पड़ना नहीं चाहते क्योंकि हम आगे के कड़े लक्ष्य के लिए तैयारियों में व्यस्त रहना चाहते हैं.'

चौरसिया ने कहा कि कुछ दिन पहले उम्मीद की एक किरण जरूर नजर आई जब मंत्रालय ने एक ई-मेल किया जिसमें दोबारा सभी जानकारियां मांगी गईं.

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