आज भी लोगों को एक बाइक चलाती महिला अगर सड़क पर दिखाई पड़ती है तो उन की निगाहें कुछ वक्त के लिए ठहर जाती हैं. बाइक चलाती महिला को देख कर हर किसी की नजर में आश्चर्य और सवाल उठते हैं पर स्कूटी चलाती हुई महिला पर किसी का ध्यान नहीं जाता.
असल में स्कूटी चलाना बाइक चलाने से आसान होता है, क्योंकि यह वजन में हलकी होती है. लेकिन गियर वाली बाइक भले ही हैवी होती हो लेकिन लौंग डिस्टेंस के लिए वही बेहतर होती है, महिला इसे चलाते हुए खुद की मजबूती को जाहिर करती है.

बाइक चलाना है फन

महाराष्ट्र में नए साल के उपलक्ष्य में मुंबई और अन्य जगहों पर महिलाएं पारंपरिक नववारी या नौ गज की साड़ी पहन कर बाइक की सवारी करती हैं, जो उन के मजबूत और दृढ़प्रतिज्ञ होने का प्रतीक है. इस के अलावा कर्नाटक, मध्य प्रदेश में भी महिलाएं बाइक की सवारी करती हैं और उसे वे फन मानती हैं. उन के हिसाब से अगर पुरुष बाइक चला कर अपनी मर्दानगी दिखाते हैं तो वे भी किसी से कम नहीं हैं. वे भी अपने मजबूत इरादों को दिखाने के लिए बाइक की सवारी कर सकती हैं.

दिखाती हैं स्ट्रैंग्थ

महिलाओं के बाइक चलाने के उदहारण कई हैं, मसलन गुजराती परिवार की डाक्टर सारिका मेहता बाइकिंग क्वीन मानी जाती हैं. बाइक राइड करने का जनून उन्हें तब सवार हुआ जब उन्हें उन के पति ने पहले बाइक चलाने से मना किया और हंसी उड़ाई थी. बाद में पति ने ही उन्हें बाइक राइड करना सिखाया था. इस के बाद वे 25 देशों में बाइक राइड कर कीर्तिमान स्थापित कर चुकी हैं.

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