इस कोरोना महामारी और लॉक डाउन के दौरान भी दलितों को चैन नहीं है. एक तरफ खाने के लिए लाले पड़े हुवे हैं. दूसरी तरफ सामंतों द्वारा बलात्कार की घटनाओं का अंजाम दिया जा रहा है.

बिहार राज्य के भोजपुर जिला अंतर्गत चरपोखरी थाना के कथराई गाँव में दलित नाबालिग छात्रा के साथ दबंग स्वर्ण जाति के चार लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया.दबंगों के डर से पीड़िता के परिवार वालों ने तत्काल मुकदमा दर्ज नहीं किया.जब भाकपा माले के लोगों ने हस्तक्षेप किया और इस सम्बंध में एस पी से बात किया तो मेडिकल जाँच और स्पीडी ट्रायल कर दोषियों पर कार्यवाई करने का आश्वासन मिला.

इस बर्बर घटना के खिलाफ भाकपा माले,ऐपवा, आइसा, इनॉस इंसाफ मंच ने प्रतिवाद दिवस मनाया.और इन संगठनों के समर्थकों ने लॉक डाउन का पालन करते हुवे अपने अपने घरों से विरोध किया.

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इसी तरह उत्तरप्रदेश में बाल्मीकि समाज के नवम वर्ग की छात्रा के साथ दुष्कर्म किया गया और धमकी दी गयी.इस घटना से आहत होकर  छात्रा ने आत्महत्या कर ली.

इसी तरह मार्च महीने में ही मुजफ्फरनगर जिले में 17 वर्षीय एक दलित किशोरी से पाँच युवकों ने सामूहिक बलात्कार किया.किशोरी पशुओं के लिए चारा लेने खेत में गयी थी जहाँ आरोपियों ने उसे पकड़ लिया और उसके साथ सामूहिक बलात्कार कर उसका वीडियो भी बनाया कि अगर किसी को बताएगी तो वीडियो वायरल कर देंगे.

इसी जिले में 8 मार्च को एक पन्द्रह वर्षीय लड़की के साथ बन्दूक दिखाकर चार लोगों ने रेप किया.

13 मार्च को बुलन्दशहर में भी सामूहिक बलात्कार का मामला प्रकाश में आया.आरोपियों ने लड़की को उस समय पकड़ लिया जब वह अपने भाई के साथ एक शादी समारोह से लौट रही थी.

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