अब से तीन साल पहले नोट बंदी के 8 दिन बाद सोनम गुप्ता नाम की एक काल्पनिक युवती सोनम गुप्ता खूब सुर्खियों में रही थी. किसी अनाम नोट बंदी पीड़ित द्वारा गढ़े इस किरदार और कहानी ने लोगों का नोट बंदी का दुख कम करने में अहम रोल निभाया था . सोनम गुप्ता को लेकर तरह तरह के किस्से कहानी कुछ इस तरह सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे कि लोग भूल गए थे कि मोदी जी के एक सनक भरे फैसले ने उन्हें सड़क पर ला खड़ा कर दिया है.
सोनम गुप्ता कौन थी यह किसी को नहीं मालूम लेकिन उसकी बेवफाई ने हिंदुस्तानी प्रेमियों को अपनी भड़ास निकालने का मौका जरूर दे दिया था. सबसे पहले सोनम तब चर्चा में आई थी जब 2 हजार रुपए का एक नोट वायरल हुआ था जिस पर लिखा था, सोनम गुप्ता बेवफा है. बस फिर क्या था सोनम को लेकर तरह तरह की अफवाहों का दौर शुरू हो गया. फिर इस तरह के कई नोट वायरल हुए जिन पर सोनम गुप्ता बेवफा है लिखा था .
फिर किसी कहानीकार ने एक कहानी भी गढ़ दी जिसके मुताबिक सोनम गुप्ता अलीगढ़ के एक व्यापारी की बेटी थी. सोनम अपने पड़ोस में रहने बाले शर्मा जी के बेटे से प्यार करती थी जो कि इनकम टेक्स विभाग में कार्यरत थे. सोनम और उसका प्रेमी शादी करना चाहते थे लेकिन रूढ़िवादी गुप्ता जी गैर जात में लड़की व्याहने तैयार नहीं थे. बेटे की जिद देखकर शर्मा जी ने गुप्ता जी के घर जाकर शादी का प्रस्ताव रखा पर गुप्ता जी ने तैयार नहीं होना सो नहीं हुए.
सोनम और उसका प्रेमी मन मसोस कर रह गए लेकिन गुप्ता जी के इंकार को शर्मा जी ने अपने दिल पर ले लिया. फिर एक दिन गुप्ता जी के घर इनकमटेक्स का छापा पड़ गया . सोनम इस पर नाराज हो गई और उसने अपने प्रेमी को खूब खरीखोटी सुनाते हमेशा के लिए उससे नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया. दुखी प्रेमी ने जेब से 2 हजार रु का तत्कालीन चमचमाता नोट निकाला और उस पर लिख दिया सोनम गुप्ता बेवफा है .
बस यहीं से सोनम गुप्ता की स्टोरी सत्यनारायन की कथा जैसी वायरल हुई और देखते ही देखते सोनम गुप्ता राष्ट्रीय बेवफा के खिताब से नवाज दी गई. मीडिया और सोशल मीडिया पर सोनम की बेवफाई के किस्से चटखारे ले लेकर सुनाये जाने लगे. सोनम की आड़ में लोगों ने नोट बंदी का अपना गम गलत किया. सोनम पर चुटकुले बने, गाने बने और लोगों की प्रेम अभिव्यक्ति भी प्रदर्शित हुई. जल्द ही लोगों ने यह कहना भी शुरू कर दिया कि सिर्फ सोनम ही नहीं बल्कि उसकी कजिन पूनम गुप्ता भी बेवफा है और वह अरविंद केजरीवाल की रिश्तेदार है.
यकीन माने अगर सोनम गुप्ता की कहानी इतने बड़े पैमाने पर तूल न पकड़ती तो मोदी जी को लेने के देने बन पड़ जाते. सोनम गुप्ता की कहानी अगर नोट बंदी से हैरान परेशान और त्रस्त देशवासियों का ध्यान नहीं बंटाती तो तय है गुस्साये लोग आगजनी और तोड़फोड़ कर अपना गुस्सा निकाल रहे होते और मोदी जी फिर एक बार नहीं हजार बार भी सार्वजनिक मंच से रोकर 50 दिन का वक्त मांगते तो लोग पसीजते नहीं और उन्हें 50 सेकंड का भी वक्त नहीं मिलता .
ऐसे में वह बेवफा ही सही सोनम गुप्ता ही थी जिसने मोदी जी को संकट से उबारा था .