हौकी के जादूगर ध्यानचंद के जन्मदिन यानी 29 अगस्त खेल दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिटनैस को मुहिम की शक्ल दी तो इस से आगे का काम केंद्रीय खेलमंत्री किरण रिजिजू ने संभाल लिया. 2 अक्तूबर को किरण रिजिजू अपने दलबल के साथ सुबह दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में फिट इंडिया की टीशर्ट पहन कर लोगों को फिट रहने के गुर सिखा रहे थे. इस में भारी संख्या में युवकयुवतियां, डाक्टर, बच्चे और जवान पेरैंट्स मौजूद थे. वे पढ़ेलिखे ठीकठाक कमाने वाले लोग थे. खैर, यह अच्छी बात है कि इन्हें फिटनैस की चिंता है. पर एक वर्ग ऐसा भी है जिसे फिट रहने के लिए रोटी की चिंता है.

किरण रिजिजू ने 2 अक्तूबर गांधी जयंती पर दिल्ली से कई घोषणाएं भी कर डालीं जिन का सिलसिला प्रधानमंत्री की मंशा के मुताबिक साल 2023 तक चलने की पूरी उम्मीद है. किरण रिजिजू ने देश के उद्योगपतियों से भी इस मुहिम में शामिल होने की अपील की. बाकी कई सैलिब्रिटीज तो बिना किसी अपील के ही देश को फिट करने और रखने के इस अभियान से बिना किसी आमंत्रण के ही जुड़ गए हैं.

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इस में कोई शक नहीं कि फिटनैस को ले कर जागरूकता बेहद जरूरी है क्योंकि फिट लोग ही देश को आगे ले जा सकते हैं और स्वस्थ और फिट रहें तो खुद भी आगे बढ़ सकते हैं लेकिन जिस तरह इस मुहिम को परवान चढ़ाया जा रहा है उस से कई सवाल भी उठ खड़े हो रहे हैं जिन पर फिटनैस के कर्ताधर्ताओं और मीडिया का कोई ध्यान ही नहीं जा रहा है कि आखिर यह है किस के लिए?

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