Social Polarization : भारत का आम हिंदू हमेशा से शांतिप्रिय और सहिष्णु रहा है. दूसरे धर्मों की इज्जत करने में हिंदू समाज से ज्यादा उदार कोई नहीं रहा. हिंदू मजारों पर भी जाता है. क्रिसमस भी सेलिब्रेट करता है. ईद भी मनाता है और सिखों के गुरुद्वारों में भी जाता है. लेकिन पिछले एक दशक से हिंदुओं के नाम पर बने कुछ संगठन हिंदुओं की इस छवि को धूमिल करने में लगे हैं.

पिछले कुछ सालों से क्रिसमस के दौरान भारत के कई राज्यों में ईसाइयों की प्रार्थना सभाओं, कैरोल गायन और उत्सवों में बाधा डालने, तोड़फोड़ और हमलों की घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं. इन घटनाओं को हिंदुत्व के नाम पर बने संगठन अंजाम दे रहे हैं. 2025 क्रिसमस के दौरान भी देश में ऐसी घटनाएं बड़ी तादात में घटी हैं.

25 दिसंबर 2025 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के एक चर्च में प्रार्थना में शामिल हुए. बिशप से मिले और देशवासियों को क्रिसमस की बधाई दी. ठीक इसी समय पूरे देश में हिंदुत्वदी संगठन के लोग चर्चो में तोड़फोड़ करने लगे थे.

छत्तीसगढ़ के रायपुर में मैग्नेटो मॉल में क्रिसमस की सजावट को तोड़ दिया गया. कांकेर में चर्च जलाए गए, ईसाई घरों को नुकसान पहुंचाया गया. क्रिसमस के विरोध में बंद का आह्वान किया गया और विरोध में पोस्टर लगाए गए.

मध्य प्रदेश के जबलपुर में दो प्रार्थना सभाओं पर हमला हुआ. चर्च में प्रार्थना कर रही एक अंधी महिला को पीटा गया. असम के नलबाड़ी में स्कूल में क्रिसमस की सजावट जलाई गई. उत्तर प्रदेश के स्कूलों में क्रिसमस की छुट्टी रद्द कर दी गई. राजस्थान के डूंगरपुर में चर्च में उपद्रव किया गया. केरला के पलक्कड़ इलाके में बच्चों के कैरोल ग्रुप पर हमला हुआ. उत्तराखंड के हरिद्वार में क्रिसमस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया. दिल्ली, ओडिशा, गुजरात, हरियाणा में सांता कैप बांटने या बेचने वालों को धमकियां देने की खबरें आई. कई स्कूलों में क्रिसमस रद्द करने का दबाव बनाया गया.

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