ट्रांसजैंडर आखिर है क्या? ऐसे लोग जो अपना लिंग बदलवा देते हैं ट्रांसजैंडर कहलाते हैं. एक ट्रांस महिला वह होती है जो पुरुष के रूप में पैदा होती है लेकिन महिला के रूप में पहचानी जाती है और एक ट्रांस पुरुष वह होता है जो महिला के रूप में पैदा होता है लेकिन पुरुष के रूप में पहचाना जाता है. इन की चालढाल, बात करने का लहजा, कपड़े पहनने का तरीका सब विपरीत लिंग की तरह होते हैं. ऐसे में ये लोग अपना जैंडर चेंज करवा लेते हैं.
ट्रांसजैंडर एलजीबीटी समूह का एक हिस्सा है. एलजीबीटी समलैंगिक लोगों का समूह है. समलैंगिकों को बोलचाल की भाषा में एलजीबीटी यानी लैस्बियन, गे, बाईसैक्सुअल और ट्रांसजैंडर कहते हैं.
ट्रांसजैंडर को मिली नई पहचान
हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जो ट्रांसजैंडर हैं. लेकिन समाज में इन्हें मान्यता नहीं थी. इस डर से ये सामने आने से कतराते थे. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से ट्रांसजैंडर को पहचान मिलने के बाद ये कानूनी रूप से हमारे समाज का हिस्सा बन चुके हैं.
इस में दो राय नहीं है कि हमारे समाज में ट्रांसजैंडर को अपमानित किया जाता रहा. लेकिन जहां इन के लिए कोई जगह नहीं थी, आज उसी समाज में रह कर ये अपनी पहचान बना रहे हैं. इस पहचान में कई नाम जुड़े हैं जिन में से एक नाम सत्यश्री शर्मिला का भी है. 2018 में सत्यश्री शर्मिला भारत की पहली ट्रांसजैंडर वकील बनी थीं. ऐसे ही एक और नाम, जो ट्रांसजैंडर समुदाय के गर्व का प्रतीक बन कर उभरी हैं, जोयिता मंडल का है, जो देश की पहली ट्रांसजैंडर जज बनीं.
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