The intruder issue: रचनात्मक लेखन - हमारे देश में आए दिनों ये मुद्दा छाया रहता है कि देश को घुसपैठिए बर्बाद कर रहे हैं लेकिन सवाल सबसे बड़ा जो अभी भी जस का तस बना हुआ है कि घुसपैठिया कौन और कैसे है? किसी को घुसपैठिया कहने वाले हम कौन होते हैं? क्या दुनियाभर के तमाम राष्ट्रों की सीमाएं ये तय कर सकती हैं कि घुसपैठिया कौन होगा और कौन नहीं होगा? आखिर ये बंधन बनाए किसने हैं और कब से बनाए गए हैं? एक तरफ तो हमारे धर्म हमें ये सिखाते हैं कि इस पूरी सृष्टि की रचना एक ईश्वर ने की है, हम सब उसी की संतान हैं तो फिर जब हम एक ईश्वर की संतान हैं और ये सृष्टि उसी की बनाई हुई है तो फिर इसपर हक तो सभी का हुआ न और जर्रे-जर्रे पर हुआ तो फिर एक जगह से दूसरी जगह जाकर बस जाने वाला कोई भी व्यक्ति चाहे उसका धर्म, संप्रदाय और समुदाय कोई भी हो घुसपैठिया कैसे हो सकता है? ऐसे तो हम जिनके गुलाम रहे वो भारत आने वाले अंग्रेज भी घुसपैठिए थे और भारत से लंदन जाने वाले लोग भी घुसपैठिए हुए. यानी हमें घुसपैठियों ने गुलाम बनाया?

यानी यूनाइटेड किंगडम में प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने वाले ऋषि सुनक वहां के अनुसार कोई और नहीं बल्कि एक घुसपैठिए हैं क्योंकि उनके माता-पिता भी तो भारतीय थे. वर्ल्ड पावर माने जाने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका के दोबारा से राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप की मां मैरी ऐनी मैकलियोड ट्रम्प का जन्म तो स्कॉटलैंड में हुआ था वो बाद में 1942 में यूएस की नागरिक बनीं, वो अमेरिका की मूल निवासनी नहीं थीं तो इसका मतलब क्या हुआ कि, राष्ट्रपति ट्रंप भी एक घुसपैठिया हैं? हम सब जानते हैं कि आज से करीब 23 लाख साल पहले हमारे पूर्वज यानी होमो हैबिलिस पहली बार अफ़्रीका में नजर आए जिसके बाद उनके विकास की गाथा हमारे सामने है. आज से तकरीबन 2 लाख साल पहले आधुनिक मानव का कॉन्सेप्ट हमारे जीवन में सामने निकल कर आया जिसमें भी हमें यही बताया गया कि हम सबके पूर्वज अफ्रीकी ही थे. बताया गया कि होमो इरेक्टस के बाद विकास दो शाखाओं में विभक्त हो गया. पहली शाखा का निएंडरथल मानव में अंत हो गया और दूसरी शाखा क्रोमैग्नॉन मानव अवस्था से गुजरकर वर्तमान मनुष्य तक पहुंच पाई है.

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