जो लोग अपने हर काम को बिल्कुल सही तरीके से करना चाहते हैं, जिसमें किसी भी कमी की कोई गुंजाइश ना हो, उन्हें परफेक्शनिस्ट कहते हैं. माना कि परफेक्शनिस्ट’ होना आसान नहीं है लेकिन किसी का अपने काम में ‘परफेक्शनिस्ट’ होना अच्छी बात है . परफेक्शनिस्ट’ होने को हमारे समाज में एक गुण माना जाता है. आमिर खान को भी एक बेहतरीन एक्टर इसलिए माना जाता है क्योंकि वो ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ हैं.
रोहित और अनन्या की जिंदगी पर एक नजर डालें
“अनन्या को दो दिन के लिए ऑफिस के काम से बैंगलोर जाना पड़ा और पीछे से वह पूरा घर सिस्टमेटिक तरीके से मैनेज करके गई थी लेकिन जैसे घर में घुसी तो उसे लगा जैसे वह किसी और के ही घर में आ गई है.. घर के हालत देखकर उसने अपना सर पकड़ लिया .
किचन में पूरे स्लैब पर घी फैला हुआ था ,गैस बर्नर पर चाय निकली हुई थी .. सारी दालों मसालों के डिब्बे खुले पड़े थे ,सिंक में झूठे बर्तनॉन से स्मेल आ रही थी ,मसालेदानी में सारे मसाले एक दूसरे मे मिले हुए थे ,सोफ़े पर कपड़ों का ढेर लगा हुआ था ,नमकीन ,चिप्स के खाली रैपर यहाँ वहाँ पड़े हुए थे .. राशन का सारा सामन डाइनिंग टेबल पर बिखरा हुआ था ..
अनन्या और रोहित के घर से हमेशा ये ही बातें सुनाई देती थी ..
“रोहित, तुम ने आज फिर टूथपेस्ट का ढक्कन खुला छोड़ दिया..
ऑफिस से आने के बाद तुम्हारे जूते हमेशा यहाँ वहाँ पड़े रहते हैं
ग्रॉसरी लाने के बाद उन्हें अपनी जगह पर क्यों नहीं रखते हो
तुमने चाय में लगता है चीनी की जगह नमक डाल दिया है !
तुमने अपनी कपबर्ड देखी है किसी भी सॉक्स का पेयर कंप्लीट नहीं है ..
रोहित और अनन्या शादी के बाद अकेले रहते हैं . ऊपर के डायलॉग्स से आप यह तो समझ गए होंगे कि अनन्या अपने काम में परफेक्शनिस्ट’ है और वहीं रोहित उसके बिल्कुल उल्टा .. जिसकी वजह से रोज उनके बीच बहस होती रहती है .
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