मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच ने 4 ऐसे आरोपियों को अरेस्ट किया है जो मुंबई व देश के कई जगहों पर घूमते रहते थे साथ ही विदेशों में देह व्यापार के धंधे में लिप्त थे. पुलिस पूछताछ में इन आरोपियों ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं.
दरअसल, जब से मुंबई में डांस बार बंद हुए, बेरोजगार हो गईं बार डांसर को होटल मालिक और्कैस्ट्रा के बहाने बुलाते रहते हैं.
कोर्ट के आदेश के बाद बंद डांस बार पहले शाम होते ही गुलजार हो जाते थे और अमीर ग्राहकों को नशे के साथसाथ सैक्स भी परोसा जाता था.
पर जब से डांस बार बंद हुए यहां काम कर रही लड़कियों के सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई. कईयों ने या तो घर वापसी कर ली या फिर कहीं और ठिकाना ढूंढ लिया. आमतौर पर ये बार डांसर पश्चिम बंगाल, राजस्थान, यूपी आदि राज्यों की होती हैं.
सैक्स का नया कारोबार
मुंबई के होटलों में नौकरी के बहाने कई लड़कियों के फोटो खींच लिए गए थे, जिन्हें गिरफ्तार आरोपियों को फौरवर्ड किया गया था. यहीं से शुरू हुआ सैक्स का नया कारोबार जिस की गिरफ्त में लडकियां फंसती चली गयीं.
गिरफ्तार आरोपियों ने इन फोटो को खाड़ी देशों के कई शहरों के होटल मालिकों को भेज दिया. वहां से चुनी गईं लड़कियों की लिस्ट आई जिन से मुंबई में बात की गई. जिन लड़कियों ने खाड़ी देश जाने के लिए सहमति दे दी उन्हें बतौर ऐडवांस में 20 हजार रुपए दिए गए.
ऐडवांस देने के बाद दलालों के पास समस्या खड़ी हो गई. पैसे तो लड़कियों को दिए जा चुके थे पर इन में से कई लड़कियों के पास पासपोर्ट नहीं थे. जिन के पास पहले से ही थे उन की डिमांड भी ज्यादा थी. फिर इन के लिए पासपोर्ट बनवाया गया.
पुलिस ने बिछाया जाल
इस गंदे व्यापार के खेल का परदाफाश करने वाले क्राइम ब्रांच के सीनियर इंस्पेक्टर अजय सावंत, सुशील बंजारी, राजू सुर्वे, सुनील पवार की जांच टीम ने मीडिया को बताया कि इन लड़कियों से उन के परिवार या परिवार के किसी करीबी आदमी के बैंक अकाउंट नंबर भी मांगे गए. कई खातों में ऐडवांस में 3 महीने की डेढ लाख सैलरी भी दी गई.
पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए मुखबिरों का जाल बिछा दिया. पकड़ में आने के बाद सख्ती से पूछताछ की गई तो कई सनसनीखेज खुलासे हुए.
खाड़ी देशों का डांस बार
मुंबई के डांस बारों में आमतौर पर ग्राहक नोट बरसाते थे और नशे के साथसाथ सैक्स की डिमांड करते थे. जिन से सौदा पट जाता था ग्राहक उसे या तो अपने साथ ले जाते थे या फिर होटल में ही व्यवस्था होती थी. पर खाड़ी देश के शहरों के डांस बारों में ग्राहकों को डांस बार में जाने से पहले काउंटर पर एक कार्ड दिया जाता है. इस कार्ड की कीमत एक बार में 50-60 दिरहम होती है.
सैक्स का खुला खेल
डांस बार में आए ग्राहकों को जो लड़की पसंद होती है उस के नाम से मशीन में कार्ड स्वाइप करना होता है. वह जितनी बार कार्ड को स्वाइप करता है उस की पूरी डिटेल कंप्यूटर में सेव हो जाती है. फिर काउंटर छोड़ने से पहले उसे पूरी पेमेंट करनी होती है.
अजीबोगरीब शर्त
वहां के होटलों में एक लड़की को 3 महीने के अंदर कम से कम 400 बार कार्ड स्वाइप कराना अनिवार्य होता है वरना लड़कियों को पासपोर्ट नहीं लौटाए जाते हैं.
कोई भी लड़की सिर्फ डांस से ग्राहकों को कार्ड स्वाइप कराने के लिए राजी नहीं कर पाती थी. लिहाजा उसे कईकई ग्राहकों के साथ सैक्स करना होता था.
ग्राहक उसे फिर अपने साथ होटल ले जाते थे और वहां उस के साथ शुरू होता था सैक्स का खेल. इस खेल में भी किसी लड़की को ग्राहक को पूरी तरह संतुष्टी देनी होती थी यानी ग्राहक का सैक्स के दौरान जो भी डिमांड होता उसे लड़की को पूरा करना होता यहां तक कि अप्राकृतिक सैक्स भी.
तारतार इंसानियत
दरअसल, खाड़ी देश में पैसे कमाने को ले कर जितने सब्जबाग दिखाए जाते हैं, वहां होता इस के उलट ही है. कबूतरबाजी से या फिर वैध तरीके से भी गई युवतियों का जीवन वहां इतना नरकीय हो जाता है जो एक भुक्तभोगी युवती ही समझ सकती है.
आएदिन खाड़ी देशों में काम करने गई महिलाओं के साथ की गई बर्बरता की खबरों से इंसानियत कांप उठती है. हाल के वर्षों में कई नर्सों ने भी वहां काम छोड़ कर भारत लौटना ज्यादा मुनासिब समझा है.
देश के कई हिस्सों में समाजिक संस्थाओं ने खाड़ी देशों में महिलाओं पर हो रही जुल्म के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया है बावजूद इसके अभी भी बड़ी संख्या में भारतीय महिलाओं को वहां अवैध तरीके से पहुंचाया जाता है.
सख्त हो कानून
बार डांसरों को पहले डांस से दिल जीतने की बात कह कर भेजा जाता है पर वहां शुरू होता है सैक्स का खेल. वह भी ऐसा कि 24 घंटे में एक युवती को कई ग्राहकों के साथ सैक्स करने पर मजबूर किया जाता है.
सैक्स वर्करों के लिए खाङी देश उस नरक के समान है जहां पलपल जिंदगी बदतर होती जाती है. ऐसे में मुंबई पुलिस ने जिन आरोपियों को पकड़ा और जो खुलासे हुए किए उस की प्रशंसा तो की जानी चाहिए पर साथ ही सरकार को भी चाहिए कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और कानून सख्त बनाए ताकि दरिंदगी की इंतहा पर लगाम लगायी जा सके.