हम जब किसी व्यक्ति को अपना विश्वासपात्र बनाते हैं, और हमारे राज,भेद जान जाता है. यही व्यक्ति हमारे लिए कब विभीषण, जयचंद बन जाएगा हम सोच समझ ही नहीं पाते. और एक दिन लंका को ढहाने का काम भी यही करता है. और हम सर पीट कर रह जाते हैं.

इस महत्वपूर्ण विषय पर आज हम आपको इस आलेख में यह बताने का प्रयास करेंगे कि किस तरह समाज में ऐसे ताने बाने की घटनाएं घटित होती हैं जिनके परि पार्श्व में हमें सजग और जागरूक रहने की दरकार है.

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पहली घटना-

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कटोरा तालाब कॉलोनी में एक घटना घटित हुई दस वर्षों तक काम करने वाले एक नौकर ने अपने ही मालिक के घर लूट की घटना घटित करवा दी और अंततः पर्दाफाश हुआ.

दूसरी घटना- 

जिला राजनांदगांव के लालबाग क्षेत्र में एक वकील साहब के वर्षों पुरानी टाइपिस्ट ने वकील साहब के यहां लाखों रुपए की चोरी करवा दी.

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तीसरी घटना-

कोरबा नगर के बालको थाना अंतर्गत सेक्टर 5 में वर्षों पुरानी एक नौकरानी ने अपने ही मालिक के घर लूट के लिए दो लोगों को भेजा और अंततः पर्दाफाश हुआ.

यह सच है कि आमतौर पर माननीय कमजोरी के तहत आमतौर पर लोग अपने अधीनस्थ काम करने वाले कर्मचारियों पर आंखें मूंदकर भरोसा करते हैं. और जाने अनजाने सारी जानकारियां भेद पता चलता चला जाता है यही आगे जाकर विस्फोटकारी घटना का कारण बनता है.

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