हम जब किसी व्यक्ति को अपना विश्वासपात्र बनाते हैं, और हमारे राज,भेद जान जाता है. यही व्यक्ति हमारे लिए कब विभीषण, जयचंद बन जाएगा हम सोच समझ ही नहीं पाते. और एक दिन लंका को ढहाने का काम भी यही करता है. और हम सर पीट कर रह जाते हैं.
इस महत्वपूर्ण विषय पर आज हम आपको इस आलेख में यह बताने का प्रयास करेंगे कि किस तरह समाज में ऐसे ताने बाने की घटनाएं घटित होती हैं जिनके परि पार्श्व में हमें सजग और जागरूक रहने की दरकार है.
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पहली घटना-
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कटोरा तालाब कॉलोनी में एक घटना घटित हुई दस वर्षों तक काम करने वाले एक नौकर ने अपने ही मालिक के घर लूट की घटना घटित करवा दी और अंततः पर्दाफाश हुआ.
दूसरी घटना-
जिला राजनांदगांव के लालबाग क्षेत्र में एक वकील साहब के वर्षों पुरानी टाइपिस्ट ने वकील साहब के यहां लाखों रुपए की चोरी करवा दी.
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तीसरी घटना-
कोरबा नगर के बालको थाना अंतर्गत सेक्टर 5 में वर्षों पुरानी एक नौकरानी ने अपने ही मालिक के घर लूट के लिए दो लोगों को भेजा और अंततः पर्दाफाश हुआ.
यह सच है कि आमतौर पर माननीय कमजोरी के तहत आमतौर पर लोग अपने अधीनस्थ काम करने वाले कर्मचारियों पर आंखें मूंदकर भरोसा करते हैं. और जाने अनजाने सारी जानकारियां भेद पता चलता चला जाता है यही आगे जाकर विस्फोटकारी घटना का कारण बनता है.
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“विवाद होता है” घटना का मूल कारण
छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में विगत 15 दिसम्बर को ग्रीन पार्क जैसे पॉश कॉलोनी में हुए लूट की घटना को अंजाम देने वाले 2 आरोपी बिलासपुर पुलिस के हत्थे चढ़ गए . बिलासा गुड़ी में लूट का खुलासा करते हुए बिलासपुर पुलिस अधीक्षक प्रशांत कुमार अग्रवाल ने हमारे संवाददाता को बताया कि ग्रीन पार्क स्थित मनोहर आडवाणी के घर में घुसकर महिला को घायल कर लूट करने वाले आरोपी को पुलिस की 8 टीम ने लगातार 10 दिनों की मेहनत के बाद पकड़ने में सफलता मिली है. मगर आश्चर्य और चिंता की बात यह है कि लूट की घटना को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि पुराना नौकर है.
दरअसल, आरोपी रवि भोसले पुराना हाईकोर्ट के पीछे अटल आवास में निवास करता है और कुछ समय पूर्व आर आर कलेक्शन में कार्यरत था. इस दौरान मालिक द्वारा भेजे जाने पर आरोपी ग्रीन पार्क स्थित आवास पर आना जाना करता था जिससे घर सारी स्थिति का अवलोकन कर चुका था. जब विवाद की वजह से रवि ने काम छोड़ दिया तो कुछ दिनों पहले अपने पुराने मित्र दीपक यादव के साथ मिलकर अपने मालिक के घर की रेकी कर लूट की योजना बनाई. और 15 दिसंबर को शाम मनोहर आडवाणी के घर में घुसकर महिला को घायल कर लूट की घटना को अंजाम दिया. छत्तीसगढ़ में न्याय धानी के रूप में मशहूर बिलासपुर में लगातार हो रहे अपराधों के बीच जैसे ही लूट की घटना लोगों को पता चली तो शहर में दहशत फैल गई . पुलिस ने भी इसे चुनौती के रूप में स्वीकार कर 8 टीमें बनाकर लगातार छानबीन कर रही थी. इस दौरान शहर भर के अपराधों में संलिप्त रहने वाले लोगों को उठाकर पूछताछ भी की गई लेकिन आरोपियों का कहीं पता नहीं चल पा रहा था. इस दौरान पुलिस ने आडवाणी के घर काम करने वाले पुराने नौकरों की सुचि तैयार की और गहनता से सभी से पूछताछ करना शुरू किया. इस दौरान रवि भोंसले से भी कड़ाई से पूछताछ की गई जिस पर रवि ने अपने दोस्त के साथ मिलकर अपराध करना कबूल कर लिया. लुटे हुए नगदी को दोनों आरोपियों ने आपस में बैठकर खर्च कर दिए थे लेकिन रुपए के अलावा सभी सामान को बरामद कर लिया गया है.
आंखें- दिमाग खुला रखें
दरअसल, ऐसी घटनाएं हमारे मानवीय गुणों और कमजोरी के कारण हो जाती हैं. क्योंकि आमतौर पर लोग अपने आसपास काम करने वाले नौकर कामगारों पर भरोसा करने लगते हैं.
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ऐसे में समझदारी का तकाजा यही है कि अपनी प्रॉपर्टी, पैसे कहां रखे हैं नगद सोना, जेवरात कहां रखे गए हैं यह बताने से गुरेज करना चाहिए.
बिलासपुर उच्च न्यायालय के अधिवक्ता बीके शुक्ला के मुताबिक न्यायालय में ऐसे प्रकरण पुलिस लेकर आती है जिनमें स्पष्ट रूप से अपराधिक कृत्य करने वाले नौकर चाकर होते हैं और इन्हें अपने अपराध की सजा भी मिलती है.
सामाजिक कार्यकर्ता, संगीत शिक्षक और मनोविज्ञान के जानकार घनश्याम तिवारी के मुताबिक ऐसे घटनाक्रम के पीछे का बड़ा कारण लोगों का आंख बंद करके विश्वास करना होता है और अक्सर जब विवाद के बाद काम पर सर्वेंट नहीं आते तब बैर दुश्मनी भाव को लेकर घटना को अंजाम दिया जाता है.