राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता व भारत की महिला पहलवान रितु फोगाट भारतीय खेल में प्रसिद्ध फोगाट परिवार से आती हैं. फोगाट परिवार की वे पहली सदस्य हैं जो अखाड़े में ताल ठोंकने के बाद अब मिक्स मार्शल आर्ट्स यानी एमएमए में उतरी हैं.

अगर आप में आत्मविश्वास, मेहनत, लगन, हिम्मत आदि हो तो आप को मंजिल तक पहुंचने से कोई रोक नहीं सकता, ऐसी सोच रखती हैं रितु. मिक्स मार्शल आर्टिस्ट रितु फोगाट, जिन्हें इंडियन टाईग्रेस के नाम से भी जाना जाता है, ने 30 अक्तूबर को सिंगापुर में आयोजित ‘वन चैंपियनशिप’ में जीत हासिल की है और एशिया की पहली महिला मिक्स मार्शल आर्टिस्ट बन चुकी हैं.

पूर्व पहलवान महावीर सिंह फोगाट की तीसरी पुत्री रितु ने 8 वर्ष की उम्र से अपने पिता से कुश्ती की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी. उन्होंने कुश्ती के कैरियर पर ध्यान देने के लिए 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी. कुश्ती में सफलता हासिल करने के बाद वे मार्शल आर्ट की तरफ मुड़ीं और कई चैंपियनशिप जीतीं.

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26 साल की रितु अपनी इस जीत से बहुत खुश हैं. यह जीत उन के मार्शल आर्ट कैरियर की सब से महत्त्वपूर्ण जीत है.

इस जीत से आप क्या महसूस कर रही हैं?

कोरोना महामारी के दौरान मैं ने जितनी मेहनत की है, उस का फल मु?ो मिला. मैं भारत की ओर से मार्शल आर्ट को ऊंचाइयों तक ले जाना चाहती हूं. कोरोना में जब सबकुछ बंद था, मैं प्रैक्टिस करती रही, क्योंकि मेरे कोच मु?ो वीडियो की सहायता से ट्रेनिंग देते थे. मैं परिवार, दोस्तों और सभी देशवासियों की आभारी हूं जिन्होंने मु?ो यहां तक पहुंचने में मेरे मनोबल को ऊंचा किया. मेरी कोच भी धन्यवाद की पात्र हैं जिन्होंने मु?ो इस मुश्किल समय में भी हर दिन ट्रेनिंग दी. अभी मैं ग्रैंड प्रिक्स की तैयारी कर रही हूं ताकि मैं वर्ल्ड चैंपियनशिप को जीत सकूं.

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