देश में हिंदूमुसलिम विभाजन और हिंदुओं के ध्रुवीकरण का गंदा खेल शुरू हो चुका है. मोदी सरकार के नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के कारण पूरे देश में आग लगी हुई है. नोटबंदी और जीएसटी के बाद एक बार फिर जनता हलकान व परेशान है. इस से हो यह रहा है कि जनता की रोजीरोटी से जुड़े सवाल नेपथ्य में चले गए हैं.

अब तक भारत में केवल कश्मीर को ही सब से ज्यादा समस्याग्रस्त क्षेत्र माना जाता था, लेकिन आज पूरा पूर्वोत्तर तो सुलग ही रहा है, आग धीरेधीरे पूरे देश में भी फैल रही है और इस आग को भड़काने में पाकिस्तान या अलगाववादियों का हाथ नहीं है. इस का श्रेय सिर्फ और सिर्फ हमारी केंद्र सरकार और उस की अगुवाई करने वाली मोदीशाह की भाजपा को जाता है.

आज दुनियाभर के देशों की सरकारें अपने देश, समाज और जनता की बेहतरी के लिए काम कर रही हैं. वे जनता के कल्याण और उन्हें अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करने में जुटी हैं. वे राजामहाराजाओं और तानाशाहों की तरह लोगों का सुखचैन नहीं छीन रही हैं, उन्हें परेशान नहीं कर रही हैं, उन्हें किसी समस्या में नहीं उल झा रही हैं. लेकिन भारत की वर्तमान निर्वाचित केंद्र सरकार ने अपने देश की जनता को उत्पीडि़त करने में रिकौर्ड कायम कर डाला है. नागरिकों का कल्याण करने के बजाय मोदी सरकार लगातार उसे बेहाल, बेचैन और बेबस करने में जुटी है.

2016 में इस सरकार ने देश की जनता पर नोटबंदी थोप कर उस पर बेपनाह जुल्म ढाए. मात्र 10 दिनों के अंदर बैंकों के आगे लगी लंबीलंबी लाइनों में 100 से ज्यादा लोग मर गए. जीएसटी के बाद देश की अर्थव्यवस्था तहसनहस हो चुकी है. महंगाई आसमान छू रही है. प्याज के दाम पैट्रोल के दाम से ऊपर उड़ रहे हैं. रुपए की कीमत लगातार गिर रही है. देश के विश्वविद्यालयों में हाहाकार मचा हुआ है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...