कोरोना का प्रकोप से पुरे दुनिया कहर रहा है , वही इससे बचाव के लिए दुनिया भर में नई योजनाओ से ऐसे  लगाई लगा जा रहा है. अपने देश में भी कोरोना से लड़ने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र के साथ कई अन्य क्षेत्रों में भी कार्य कर के इसके विरोध लड़ाई लगा  जा रहा है। तो आइये जानते है हमारा देश क्या नया हो रहा है.

* शुरुआत में केवल एक लैब अब 230 तक बढ़ाया गया :-  कोविड-19 से उत्पन्न इस संकट को देश में स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली को मजबूत करने के अवसर में कैसे बदला गया, इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि शुरूआत में कोविड-19 की जाँच के लिए पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में हमारी केवल एक लैब थी. उन्होंने कहा कि पिछले 3 महीनों के दौरान हमने 16 हजार से अधिक सैम्पल संग्रह केंद्रों के साथ 87 निजी प्रयोगशालाओं की मदद से सरकारी प्रयोगशालाओं की संख्या को 230 तक बढ़ाया है. अब तक हमने कोविड-19 के लिए 5 लाख से अधिक लोगों की जांच की है. हम 31 मई 2020 तक सरकारी प्रयोगशालाओं की संख्या को बढ़ाकर 300 करने और प्रतिदिन अपनी वर्तमान दैनिक जांच क्षमता को 55,000 से 1 लाख तक करने जा रहे हैं.

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* उपचार सुविधाओं को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है :-   सरकार ने रोग की गंभीरता के आधार पर कोविड उपचार सुविधाओं को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया है जिसमें- हल्के लक्षणों वाले रोगियों के लिए कोविड देखभाल केंद्र, मध्यम लक्षणों वाले रोगियों के लिए कोविड स्वास्थ्य देखभाल केंद्र  और गंभीर लक्षणों वाले रोगियों के लिए समर्पित कोविड अस्पताल शामिल हैं. रोग की गंभीरता के अनुसार रोगियों के स्थानांतरण की सुविधा के लिए भी इन तीनों प्रकार के कोविड केंद्रों के लिए विधिवत व्यवस्था की गयी है. हमारे पास देश की सभी 2,033 समर्पित सुविधाओं में 1,90,000 से अधिक पृथक बैड, 24,000 से अधिक आईसीयू बैड और 12,000 से अधिक वेंटिलेटर हैं. इन सभी सुविधाओं को पिछले 03 महीनों के भीतर व्यवस्थित किया गया है.

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