‘अरे हमारी ‘हिडिम्बा’ के आगे तो उसकी बोलती बंद हो जाती है. आगे पीछे दुम हिलने लगता है.लगता ही नहीं कि मेरा बॉस है. ‘हिडिम्बा’ गरजी नहीं कि जनाब की सिट्टी-पिट्टी गुम…. हा,  हा, हा…..’ मनोज पार्टी में अपने दोस्तों के आगे पत्नी की तारीफ कर रहा था या उसकी भारी-भरकम काया का मज़ाक उड़ा रहा था, ये बात रागिनी को समझ में नहीं आयी. वो उसकी बात पर ना तो हंस पायी और ना नाराज़ हो पायी. हां, अपने लिए ‘हिडिम्बा’ शब्द सुनकर उसके दिल को बहुत ठेस पहुंची और पार्टी में आने का सारा मज़ा ख़त्म हो गया. खाना भी उसने बेमन से खाया और घर आकर वह बाथरूम में बंद होकर काफी देर तक सुबकती रही.

मनोज अक्सर उसको इसी तरीके के उपनामों से पुकारता है. बच्चों के सामने भी कभी ‘दारासिंह की अम्मा’ कभी ‘महिषासुरमर्दनी’ कभी ‘हिप्पोपोटैमस’ कह कर आवाज़ लगता है. घर के अन्य सदस्य या पडोसी सुन रहे हैं, इसकी उसे ज़रा भी परवाह नहीं होती है. मगर आज तो पार्टी में उसने हद ही कर दी ‘हिडिम्बा’ की संज्ञा दे कर. क्या सोचते होंगें उसके दोस्त रागिनी के बारे में. पार्टी से पहले ब्यूटीपार्लर जा कर सलीके से कराया गया उसका मेकअप, नया हेयर स्टाइल और उसकी कांजीवरम की खूबसूरत नयी साड़ी पर से हट कर लोगों का ध्यान उसकी लम्बी चौड़ी काया पर चला गया. इसी लम्बाई पर रीझ कर कभी मनोज ने उससे शादी की थी.

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बच्चे होने के बाद उसका शरीर काफी भर गया तो लम्बाई के कारण वो ज़्यादा भारी-भरकम नज़र आने लगी. शादी के बाद मनोज कैसे रागिनी को प्यार से ‘रागी-रागी’ कह कर बुलाता था. अब तो ये नाम सुने जैसे अरसा बीत गया. कोई पिछले जन्म का नाम लगता है. सच पूछो तो अब मनोज उसके अपने नाम ‘रागिनी’ से भी उसे नहीं पुकारता. बस उसकी काया को इंगित करते किसी उपनाम से ही बुलाता है. घर में रागिनी ने उसकी इस हरकत का बुरा नहीं माना, हंस कर उसके मज़ाक को लिया मगर आज पार्टी में जो हुआ उससे रागिनी बहुत आहत हुई.

काजल का पति भी सबके सामने उसको ‘कोयला’ कह कर बुलाता है. हालांकि उसकी वाणी में मिठास होती है मगर ये मिठास काजल को करेले की तरह कडुवी जान पड़ती है. काजल का रंग सांवला है. माता पिता ने इसी रंग के चलते शायद उसका नाम काजल रखा होगा. हमेशा पढ़ने में अव्वल रही काजल जब सरकारी अधिकारी बनी तो उसके माँ पिता को उस पर कितना नाज़ हुआ, तारीफों से उसकी झोली हमेशा भरी रही, लेकिन शादी के बाद ससुराल में जब उसके पति अधीर ने उसका नाम ‘काजल’ को बिगाड़ कर ‘कोयला’ कर दिया तब उसका सारा ध्यान अपने काम से हट कर अपने शरीर के रंग पर केंद्रित हो गया. अब काजल का बहुत सारा वक़्त और पैसा ब्यूटीपार्लर्स में बर्बाद होता है. इतवार की पूरी छुट्टी उबटन और मसाज में बर्बाद हो जाती है. क्या जतन करे कि रंग थोड़ा साफ़ हो जाए इसी चिंता में वह घुली जाती है. हालांकि अधीर मज़ाक में उसको ‘कोयला’ कह कर बुलाता है लेकिन जब ये मजाक वो बाहरवालों के सामने करता है तो काजल भीतर से कहीं टूट जाती है. कभी खुद को कोसती है कभी भगवान् को.

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उधर अनुराधा का पति हमेशा अपने सालों का यानी अनुराधा के दोनों भाइयों का मज़ाक उड़ाता है. ‘अरे, हमारे साले साहब की ना पूछो भाई, मोहल्ले में उनकी दादागिरी की धाक है….  सूरमा पहलवान हैं दोनों …….’

अनुराधा के दोनों भाई उससे छोटे हैं. वो अपने भाइयों से बहुत प्यार करती है. बड़ी बहन नहीं बल्कि माँ के सामान लाड-प्यार करती है उनसे, मगर उसका पति हमेशा उनका मज़ाक उड़ाता है. ये बात अनुराधा को नागवार गुज़रती है. अपने पति के लिए जो प्यार और इज़्ज़त शादी के वक़्त उसके मन में थी, अब नहीं है. अब तो वह ज़रा-ज़रा से बात पर उससे लड़ बैठती है. इसकी वजह है पति द्वारा अनजाने ने उसके भाइयों को ज़लील किया जाना.

साधना की शिकायत है कि उसका पति हर वक़्त उसके शरीर का मजाक उड़ाता है और हर समय उसको मोटी-मोटी कह कर चिढ़ाता है. साधना कहती है, ‘मेरा पति हमेशा मुझे मोटी बुलाता रहता है. शुरुआत में तो मैंने इसे इग्नोर किया, लेकिन अब इसने मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाना शुरू कर दिया है. पति के इस तरह के कॉमेंट्स लगातार सुनाने के कारण मेरे मन में उसके लिए नकारात्मक भाव जन्म लेने लगे हैं. मैं वजन कम करने की काफी कोशिश भी कर रही हूं, लेकिन इसमें सफल नहीं हो पा रही हूं. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं?’

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साधना अपने वज़न को लेकर चिड़चिड़ी और अवसादग्रस्त रहने लगी है.

ज़्यादातर पति जब अपनी पत्नियों किसी अन्य नामों से पुकारते हैं तो इसके पीछे उनका दिल दुखाने की कोई मंशा नहीं होती है, बल्कि ऐसा वो सिर्फ मज़ाक में करते हैं. लेकिन धीरे-धीरे यह मज़ाक उनकी आदत बन जाता है और वो पत्नियों को फिर उलटे-सीधे नामों से पुकारने लगते हैं या उनके घरवालों के लिए गलत शब्दों का उच्चारण कर देते हैं. घर की चारदीवारी में तो पत्नियां इन बातों का बुरा नहीं मानतीं और हंस कर झेल लेती हैं लेकिन जब सार्वजनिक रूप से उनके साथ ये नाम चिपका दिए जाते हैं तो उनको बहुत पीड़ा पहुँचती है और उनकी अन्य तमाम खूबियां इन उपनामों के आगे फीकी पड़ जाती हैं.

आप अपने साथी को लेकर क्या कॉमेंट करते हैं, इसे लेकर बहुत सावधान रहना चाहिए. हो सकता है कि आपके लिए वो नॉर्मल या फिर मजाक में कही गई बात हो, लेकिन पार्टनर के लिए यह आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा होता है. पति और पत्नी एक-दूसरे के लिए मजबूत सपोर्ट सिस्टम होते हैं, लेकिन वहीं शब्दों के चुनाव में होने वाली लापरवाही उनके रिश्ते में कड़वाहट घोल सकती है. खासतौर से अपने साथी के शरीर को लेकर किए जाने वाले कॉमेंट्स या उसका मजाक उड़ाया जाना, उसके आत्मसम्मान को ठेंस पहुंचाता है. जाहिर सी बात है कि इस तरह की चीज को कोई भी बर्दाश्त नहीं ही कर सकेगा और आज नहीं तो कल ये रिश्ते में बड़ी दरार पैदा कर देगा. लगातार आलोचना या मज़ाक उड़ाए जाने से ऐसा लगने लगता है कि हमें कोई प्यार नहीं करता है. हमारा काम किसी को नहीं दिखता बस शरीर ही दिखता है.

काजल ने तो अपने गहरे रंग के चलते अब पति के साथ कहीं बाहर जाना ही बंद कर दिया है. यहाँ तक कि पारिवारिक शादियों वगैरा में भी वह जाने से कतराने लगी है. सिर्फ इस डर से कि कोई दूसरा उसके रंग रूप पर ध्यान दे ना दे, मगर पति सबके सामने उसको ‘कोयला’ नाम से पुकार कर सबका ध्यान उसकी ओर खींच कर रख देंगे.

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पतियों को सोचना चाहिए कि अपनी पत्नी की किसी शारीरिक खामी को हर वक़्त उजागर करते रहने से वो खामी दूर तो नहीं हो जाएगी, उलटा पत्नी के आहत होने से उनकी शादीशुदा ज़िंदगी ही गहरे संकट में फंस जाएगी. किसी का हर वक़्त मज़ाक उड़ाना ठीक भी नहीं है. इससे सामने वाले के मन में ना तो आपके प्रति प्यार रहेगा और ना इज़्ज़त. गृहस्थी की गाड़ी ठीक से चलती रहे इसके लिए ये दो बातें होनी बहुत ज़रूरी हैं मगर पति अपनी बेवकूफी से अपने लिए प्यार और इज़्ज़त दोनों गवां देते हैं. ऐसे पतियों की पत्नियां हर वक़्त इस खौफ में रहती हैं कि पता नहीं कब और किसके सामने उनका मज़ाक बन जाये. इस खौफ के चलते ही वह अपने पतियों से कटी-कटी रहने लगती हैं, उनके साथ बाहर जाने से बचती हैं, उनसे अपनी भावनाएं शेयर नहीं करतीं और धीरे-धीरे ये बातें दोनों के बीच अलगाव की दीवार बन कर खड़ी हो जाती हैं.

इस सम्बन्ध में पत्नियों को भी थोड़ा मुखर होने की ज़रूरत है. शुरू शुरू में पत्नियां ऐसी बातों का विरोध दर्ज नहीं करतीं हैं. वो पति के मज़ाक को मज़ाक के तौर पर ही लेती हैं. हंस कर टाल देती हैं. लेकिन बाद में जब यही मज़ाक उनको चुभने लगता है तब भी वे सिर्फ इग्नोर करती हैं बजाये इसके कि पति को ऐसा करने से टोकें. यदि शुरू में ही विरोध दर्ज करा दिया जाए तो पति सावधान हो जाएंगे. आगे ऐसी हरकत करने से पहले विचार करेंगे. उनको भी मज़ाक से ज़्यादा प्यारी घर की शान्ति है. ज़्यादातर पति अनजाने में ही पत्नियों का मज़ाक उड़ा देते हैं. उनको इस बात का अहसास भी नहीं होता कि पत्नी के दिल पर चुभन कितनी तीखी पड़ेगी. लेकिन पत्नियां अगर चुप रहने की बजाये खुल कर बता दें कि पति की कौन सी बात उनको अच्छी लगती है और कौन सी बुरी, तो अपनी गृहस्थी में प्यार और शान्ति बनाये रखने के लिए पति कुछ भी बोलने से पहले अपने शब्दों को तोलेंगे. अपने शरीर, रंग, लम्बाई आदि को लेकर किये गए पहले कमेंट पर ही महिलाओं का अपनी राय जाहिर कर देना बेहतर है. आगे आपके बीच दूरियां ना बढ़ें किसके लिए महिलायें कुछ बातों को गाँठ बाँध लें.

अपनी फीलिंग्स जाहिर करें

अपने पति को बताएं कि उनके कहे शब्द और किए गए एक्शन कैसे आपको प्रभावित कर रहे हैं और उससे आपको कितना बुरा महसूस हो रहा है. एक बार वह चीजों को आपके नजरिए से देखेंगे, तो शायद वह ज्यादा सपोर्टिव पार्टनर बनने की कोशिश करें. यह भी हो सकता है कि वह आपका नजरिया बदलते हुए आपको इन चीजों को ज्यादा सकारात्मक तरीके से देखने में मदद करें, तब आपको लगे कि शायद आपके पति आपकी मदद की कोशिश कर रहे हैं.

खुद पर विश्वास न खोएं

आपसे जो हो सकता है, आप वो सबकुछ ट्राई कर रही हैं, लेकिन कुछ चीजें हम सबके बस के बाहर की होती हैं. इससे आपको हार मानने की जरूरत नहीं है. आपको खुद से प्यार करना, अपने आपको अप्रिशिएट करना चाहिए. इसके लिए रोज सुबह खुद को पॉजिटिव बातों के बारे में ध्यान दिलाएं. आप जब खुद से प्यार करना सीख जाएंगी, तो यह आपको सही मायने में खुशहाल जिंदगी जीने में मदद करेगा.

अपनी अच्छाइयों की तरफ आकर्षित करें

आपमें बहुत सारी अच्छाइयां हैं. उनकी तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करें. इससे ना सिर्फ आप पॉजिटिव फील करेंगी बल्कि लोग भी आपकी शारीरिक कमी से ध्यान हटा कर आपके गुणों की तारीफ़ करेंगे. आप अच्छा खाना बनाती हैं, गार्डनिंग, पेंटिंग, सिलाई कढ़ाई करती हैं तो शरीर को लेकर कुंठा पालने की जगह इन चीज़ों को सामने लाइए और प्रशंसा पाइये.

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