प्रज्ञा सिंह- आर्किटेक्ट

कोविड-19 यानी कोरोना वायरस को ले कर पूरी दुनिया में यह सोच बनती जा रही है कि कोरोना के साथ जिंदगी कैसे बिताई जाए. ऐसे में तमाम तरीके के बदलाव, रहनसहन, खानपान, आवागमन छुट्टियों के उपयोग पर हो रहा है. किसी भी काम को शुरू करने से पहले यह सोचना पड़ता है कि कोरोना के साथ बचाव कैसे हो सकेगा.

ऐसे में सब से महत्वपूर्ण क्षेत्र घर, शौपिंग कौम्प्लैक्स व औफिस हैं, जिन का निर्माण करते समय अब यह सोचा जाएगा कि कोरोना से बचाव कैसे हो.

सवाल

घर, औफिस, शौपिंग कौम्प्लैक्स, सिनेमाहाल, औडिटोरियम जैसी बहुत सी चीजों का निर्माण करते समय कोरोना से बचाव के मद्देनजर टैक्नोलौजी का देखा जाना बहुत जरूरी हो गया है.

इस संबंध में लखनऊ की आर्किटेक्ट प्रज्ञा सिंह से एक खास बातचीत हुई. उन की पढ़ाईलिखाई लखनऊ से हुई. यहीं से उन्होंने पहले बीआर्क और फिर एमआर्क किया. प्रज्ञा के पति पायलेट हैं और उन की 2 छोटी बेटियां हैं.

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प्रज्ञा सिंह अपनी कंपनी प्रतिष्ठा इनोवेशन्स के जरीए सरकारी और निजी क्षेत्र में स्ट्रक्चर डिजाइन और इंटीरियर डिजाइनिंग का काम देखती हैं.

पेश है प्रज्ञा सिंह से हुई बातचीत के प्रमुख अंश :

? - एक इंटीरियर डिजाइनर के रूप में निर्माण कार्यों में कोरोना का क्या प्रभाव देख रही हैं?

0 - आने वाले समय में घर, औफिस, बंगले, शौपिंग कौम्प्लैक्स, सिनेमाहाल, स्कूल, रेलवे स्टेशन, बसअड्डा इस तरह से बनेंगे, जो कोरोना से बचाव में उपयोगी होंगे.

इंटीरियर डिजाइनिंग के क्षेत्र में यह एक बहुत बड़ा बदलाव पूरी दुनिया में आने वाला है, जिस में हर निर्माण यह सोच कर होगा कि कोरोना को कैसे अपने से दूर रखना. यह ठीक वैसे ही है, जैसे कुछ समय पहले जब भूकंप का प्रकोप दुनियाभर में छाया था तो सभी निर्माण भूकंपरोधी बनाए जाते थे. ऐसे ही अब इंटीरियर डिजाइनिंग में कोरोनो से बचाव के डिजाइन तैयार होंगे.

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