लखनऊ, पूरा देश कॅरोना के भय में डूबा हुआ है.देश भर के लोग अपने घरों में कैद हो कर कॅरोना वायरस का मुकाबला कर रहे है. घरो में बंद लोगो को लग रहा कि अस्पतालों में बेहतर हालत है. सही बात यह है कि अस्पतालों में पहुचने वालो को इलाज नही मिल रहा और करोना को लेकर बनाई गई "हेल्पलाइन" जरूरतमंद लोगों को नया नम्बर दे रहे या यँहा से वँहा टरका रही है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मशहूर कवि नरेश सक्सेना के साथ घटी घटना इसको बयान करती है. लखनऊ के गोमतीनगर में रहने वाले नरेश सक्सेना की बहू सोनी को आठ दिन से ज़ुकाम, बुख़ार, नाक बंद, गले और हड्डियों में दर्द, समेत सांस फूलने की शिकायत थी.

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नरेश सक्सेना और परिजन 22 मार्च को रात साढ़े दस बजे सोनी को लेकर किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज पहुंचे। डॉक्टर को बताया कि वह दिल्ली शादी में गए थे, जहां अमेरिकी रिश्तेदार आए थे. कोरोना का शक था इसलिए डॉक्टर से जांच करने की बात कही.डॉक्टर ने सब सुनने के बाद भी कहा कि आप इनको घर ले जाए और आइसोलेशन में रखे.

बहू सोनी की तबीयत ज्यादा खराब होने पर मदद के लिए 112 नंबर पर फोन किया.थोड़ी देर बाद दो कॉन्स्टेबल आए.उन्होंने पूरी बात सुनने के बाद प्रशासन के अधिकारी से बात की.कॉन्स्टेबलों ने कहा कि अधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद एक घंटे बाद बताएंगे. एक घंटे बाद परिवार के लोगो ने फिर से कॉन्स्टेबलों से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि सुबह निर्णय होगा.

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