कोरोना इस काल में लोगों की जान  हलक में अटकी  है. कई लोग अस्पताल के बेड पर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं.जो ठीक भी हैं तो उनके चारों तरफ कोरोना का खतरा मंडरा रहा है ….लेकिन साथ ही इससे सबसे ज्यादा असर बच्चों की पढ़ाई पर हो रहा है.कोरोना की खतरनाक लहर के बीच कई तरह के एग्जाम कैंसल हो गए. बोर्ड एग्जाम भी कैंसिल हो गए.बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं.ऑनलाइन पढ़ाई भले ही समय की मांग हो लेकिन फिर भी जितना बच्चे स्कूल जाकर सीखते हैं , जो एक्टिविटी उन्हें स्कूल में करने को मिलती है वो घर पर तो बिल्कुल भी मुमकिन नहीं है.

इतना ही नहीं साथ ही कॉलेज बंद हो गए और उनके एग्जाम भी कैंसिल हो गए. कहां वैक्सीन आने के बाद लग रहा था कि अब सब कुछ सामान्य हो जाएगा और स्कूल -कॉलेज भी धीरे-धीरे खुलने लगेंगे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. उल्टा कोरोना वापस से आ गया और इस बार कुछ ज्यादा ही तेजी  के साथ फैल रहा है. इन सब के बीच में पढ़ाई  और वक्त दोनों का ही नुकसान हो रहा है.

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कोरोना के कोहराम के बीच सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा रद्द कर दी गईं. कई राज्यों ने बोर्ड की परीक्षा रद्द कर दी. जेईई मेन्स की भी परीक्षा टल गई लेकन एनडीए की परीक्षा में कोई बदलाव नहीं किया गया . हालांकि वहीं इसके उलट भारी कोरोना संक्रमण के बीच राजधानी में एनडीए की परीक्षाएँ करायी जा रही हैं. लखनऊ के अमीनाबाद में आज नेशनल डिफेंस एकेडमी की परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्र पहुंचे थे .वीकेंड लॉकडाउन की वजह से छात्र अपने साधन से लखनऊ पहुंचे.  जिससे इन्हें यहां  पहुंचने में काफी दिक्क्त का सामना भी करना पड़ा.उनके साथ अभिभावक भी आए थे,  और सभी अभिभावक ने कहा कि कहा कि संक्रमण के खतरे को देखते हुए परीक्षा रद्द करनी चाहिए थी लेकिन सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया जबकि कोविड के चलते बच्चों की आधी स्ट्रेंथ ही थी.अब सोचने वाली बात ये है कि शायद ये कोरोना ना होता तो बच्चों की संख्या ज्यादा होती है लेकिन इस पर भी कोरोना का ही असर था जो बहुत ही कम बच्चे परीक्षा देने पहुंचे थे.

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हालांकि NDA  की परीक्षा भले ही हो गई लेकिन बाकी सभी परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं और देखा जाए तो कोरोना के कारण ये फैसला बिल्कुल सही है लेकिन एक बार से बच्चों की पढ़ाई पर इसका बुरा असर पड़ रहा है.बच्चे दिन- रात तैयारी करके सोचते हैं कि अब परीक्षा हो जाएगी तो आगे की पढ़ाई होगी. क्या- क्या सपने होते हैं लेकिन ये सब कुछ कोरोना के कारण बर्बाद होता नजर आ रहा है.राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ने के बाद दिल्ली सरकार ने  स्कूलों में 9वीं और 11वीं कक्षाओं की परीक्षाएं रद्द कर दी. इसकी जानकारी  उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने घोषणा करके दी. वहीं ओडिशा बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (Odisha BSE) ने क्लास  9वीं और 11वीं के छात्रों को बिना परीक्षा के प्रमोट करने का फैसला लिया है और बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा को स्थगित कर दिया है.

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राज्य में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते पैदा हुए हालातों को देखते हुए यह निर्णय लिया है. राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्वीट करके ये जानकारी साझा की कि , शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के कक्षा 9 और 11 के सभी स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा.लेकिन सोचने वाली बात ये है कि बच्चों को अब बिना परीक्षा दिए ही प्रमोट कर दिया जाएगा क्या ये पढ़ाई के लिए ठीक है ? लेकिन हालात ऐसे पैदा हो गए हैं कि इसको गलत भी क्या कहें.

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