क्या यह आश्चर्य की बात नहीं है कि आज के इस आधुनिक समय में भी हमारे देश में आए दिन महिला प्रताड़ना की खबरें सुर्खियों में रहती हैं. यौन अपराध का सिलसिला तो जारी है इसके साथ ही सबसे बड़ी सोचनीय विषय परिवार में किसी महिला का बेटी को जन्म देना.

दरअसल सच्चाई यह है कि हम आज भी शताब्दियों पहले के समाज में जी रहे हैं, जाने कितनी जन जागरण अभिव्यक्ति प्रयास के बावजूद अगर महिला के मां बनने पर बेटी के जन्म पर उसे परिजन गर्म सरिये से दाग दें तो यह अत्याचार गंभीर श्रेणी में माना जाएगा. और उसकी सजा कुछ ऐसे हो कि लोग कांप उठे और समाज में फिर कोई ऐसी कोई घटना ना हो.

आइए! आज हम आपको कुछ ऐसे ही घटनाओं से रूबरू कराएं  जिससे पता चलता है कि समाज में आज भी महिला उत्पीड़न अपनी चरम सीमा को स्पर्श कर रहा है .

सरकार की लाख जागृति शिक्षा, समाज के संवेदनशील लोगों द्वारा लगातार प्रयास के बावजूद ऐसी घटनाओं में कमी नहीं आ रही है देखिए कुछ हाल की घटनाएं.

ये भी पढ़ें- नशे का कारोबार, युवाओं की चिंता

पहली घटना-

बिहार के पटना में एक महिला ने जब बेटी को जन्म दिया तो ससुराल वालों ने उसे  मायके भेज दिया और यह तो सिर्फ बेटियां ही पैदा करती है ताना देकर हमें नहीं चाहिए ऐसी बहू उसे प्रताड़ित किया जाता रहा.

दूसरी घटना –

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिला जगदलपुर में एक शासकीय अधिकारी ने अपनी बहू के साथ इसलिए प्रताड़ना की कि उसने बेटी को जन्म दिया था.

तीसरी घटना-

अंबिकापुर सरगुजा के एक व्यवसायी ने जब देखा कि पत्नी चौथे बच्चे के रूप में एक बालिका को जन्म देने वाली है तो उसके साथ प्रताड़ना अत्याचार का दौर शुरू हो गया.

अत्याचार की इंतेहा

मध्यप्रदेश में देवास जिले के एक गांव में बेटी को जन्म देने पर 22 वर्षीय एक महिला को उसके ससुराल पक्ष ने कथित रूप से रस्सी से बांधकर गरम सरिए से दागा, जिससे उसके हाथ-पैरों में जख्म हो गए. इस घटना की खबर मायके पक्ष के लोगों को मिली तो मामला पुलिस तक पहुंच गया.

ये भी पढ़ें- होली और बलि

इस अत्याचार के मामले में  महिला रजनी ( काल्पनिक नाम) के पति, सास और ससुर सहित पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. बरोठा के थाना प्रभारी शैलेंद्र मुकाती के मुताबिक   घटना देवास जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर दूर बरोठा थानाक्षेत्र के नरियाखेड़ा गांव में होली उत्सव के पूर्व 16 मार्च को घटित हुई. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पीड़िता के मायके वाले अपनी बेटी से मिलने होली व्यवहार के दरमियान उसके गांव आए. पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंदौर जिले में खुड़ेल क्षेत्र के तिल्लोर की रजनी की तीन साल पहले देवास के नरियाखेड़ा के बबलू झाला के साथ सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुरूप विवाह हुआ था और एक साल बाद उसने बेटी को जन्म दिया.

पुलिस अधिकारी ने हमारे संवाददाता को बताया देवरानी ने बेटे को जन्म दिया था, तो घरवाले रजनी को प्रताड़ित करने लगे. पुलिस के मुताबिक पति बबलू और ससुराल वाले हर वक्त रजनी को ताना देते थे और स्थिति धीरे धीरे मारपीट और सरिया से दागने तक पहुंच गई.16 मार्च को लक्ष्मी के पति बबलू, उसके ससुर भेरू झाला, सास मंजू झाला, देवर अंकित झाला एवं देवरानी काजल झाला ने प्रताड़ना की हदें पार कर दीं और उन्होंने एक नवजात को जन्म देने वाली रजनी को बांधकर गरम सरिए से दाग दिया.यह घटना आज सुर्खियों में है और समाज को एक दफा पुनः महिलाओं के संदर्भ में संवेदनशील होने के लिए उदाहरण है और जागरूकता फैलाने वाली सामाजिक संस्थाओं के लिए एक गंभीर मसला.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...