Writer- संदीप मित्तल

अब युवाओं की नसों में खून की जगह ड्रग्स दौड़ रहा है. पहले केवल शहरों में फलफूल रहे ड्रग्स के धंधे ने अब गांवदेहातों को भी अपनी चपेट में ले लिया है. चिंताजनक यह भी है कि इस गैरकानूनी व जानलेवा कृत्य में युवाओं की भारीभरकम लिप्तता है.

ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की नशे की लत का मामला बहुत तूल पकड़ा पर असल में यह युवाओं को नशे से बचाने की जगह राजनीतिक बदले का हथियार और कमाई का हिस्सा बन गया.

नशा और नशे से संबंधित काले कारोबार से भारत सहित पूरा विश्व परेशान है. ड्रग्स का फैलता अवैध कारोबार और नशे में डूबते जा रहे युवावर्ग से निबटना हमारे लिए चिंता भी है और चुनौती भी. आज विश्व के सामाजिक और आर्थिक विकास में सब से बड़ी बाधा अवैध दवाएं बन चुकी हैं.

पंजाब के चुनावों में यह एक बड़ा मुद्दा रहा है क्योंकि नशे के कारण हुई मौतों से गांव के गांव परेशान हैं और वे चाहते हैं कि आने वाली सरकार इस बीमारी को दूर करे. कूमकलां नाम के एक छोटे गांव में 10 साल में 55 युवा नशे के कारण असमय मौत के गर्त में समा गए.

इस अवैध कारोबार ने देश को किस कदर अपने लपेटे में ले लिया है, इस का ताजा उदहारण मुंबई में गिरफ्तार हुए शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान का है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) देश में बड़े ड्रग्स रैकेटों का भंडाफोड़ करता रहता है. हालांकि एनसीबी अब राजनीतिक हथियार बन गया है और अपने असली मकसद से भटक गया है.

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