होली का त्यौहार, रंगों का और उत्साह के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है और इसी भावना के अनुरूप मनाया भी जाता है. मगर कुछ लोग ऐसे होते हैं जो इसमें भी “तंत्र मंत्र” और “साधना” को तव्वजो देते हैं. ऐसा करके अपना और दूसरों के जीवन को खतरे में डाल देते हैं.
होली में रंगों के साथ होलिका दहन भी परंपरा का आस्था का एक प्रतीक है. यह माना जाता है कि होलिका दहन सारी बुराइयों को खत्म करने का तरीका है.
इसे कुछ कम अक्ल और मंदबुद्धि लोग तंत्र साधना का माध्यम समझ बूझ लेते हैं और किसी मासूम की बलि चढ़ा कर काली जादुई शक्तियां प्राप्त करना इनकी जुगत में होता है. मगर अंततः कानून के हाथों पहुंचकर ऐसे लोग अपना आगे का जीवन जेल में बिताया करते हैं.
आइए! आज आपको हम देश की राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में एक ऐसे घटना क्रम से रूबरू कराते हैं जिन्हें देख समझ पढ़कर आप आश्चर्य करेंगे कि आज के आधुनिक जमाने में भी होली उत्सव के इस त्यौहार के पीछे बलि आदि की कोई योजना बना सकता है.
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दरअसल, हर चीज का दो पक्ष होता है. होली के रंगीन पर्व के श्याह पक्ष की हकीकत यह है आज भी पिछड़े हुए इलाकों में इसे तंत्र साधना का बहुत बड़ा माध्यम माना जाता है.
देश की शीर्ष सिटी नोएडा जैसे विकसित सिटी में अगर कोई बलि चढ़ाने की योजना बनाने लगे तो यह कोई छोटी बात नहीं .
दरअसल, नोएडा के सेक्टर-63 थाना क्षेत्र के जारसी गांव में एक सात साल की बच्ची सीमा (काल्पनिक नाम) को उसके पड़ोसी ने कथित तौर पर होली उत्सव में बलि देने के लिए अपहरण कर लिया.
शिकायत मिलने पर इस मामले में पुलिस ने सफलतापूर्वक देर रात जनपद बागपत में छापेमारी की और आरोपी व्यक्ति सहित दो को गिरफ्तार कर बच्ची को बचा लिया. बताया जा रहा है कि होली वाले दिन बच्ची की बलि देने की तैयारी कर रखी थी .
एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी पुलिस अधिकारी के मुताबिक, बच्ची को अगवा करके ले जाते समय आरोपी की तस्वीर एक सीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी, जिसके बाद पुलिस ने करवाई की. अपर पुलिस उपायुक्त जोन द्वितीय) इलामारन के मुताबिक जारसी गांव निवासी एक व्यक्ति ने सोमवार को सेक्टर – 63 थाना पुलिस से शिकायत की थी कि उसकी भतीजी सीमा का एक अज्ञात व्यक्ति ने अपहरण कर लिया है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी और इस दौरान उसके हाथ एक सीसीटीवी फुटेज लगी.
सीसीटीवी फुटेज में आरोपी व्यक्ति बच्ची को अपने साथ ले जाते नजर आ रहा था. इलामारन के मुताबिक, पुलिस ने बच्ची को अगवा करने वाले शख्स की पहचान की और तीन पुलिस दल
बनाकर बागपत में देर रात छापेमारी की गई. उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान पुलिस ने बच्ची को अगवा करने वाले सोनू बाल्मीकि और नीटु बाल्मीकि को गिरफ्तार कर लिया तथा उनके कब्जे से बच्ची को सकुशल मुक्त करा लिया. इलामारन के अनुसार, शुरुआती पूछताछ के के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने बलि देने के लिए बच्ची का अपहरण किया था. बच्ची की मेडिकल जांच करवाई जा रही है.
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धन की लालच और बलि का रिश्ता
देश में यह एक बड़ी विसंगति है कि अनेक महत्वपूर्ण पर्व चाहे दीपावली हो या होली के समय में कुछ ऐसी तंत्र साधनाओं की अफवाहें फैली हुई है जिस के फंदे में फंस करके कम अक्ल लोग अपराध करने से भी गुरेज नहीं करते.क्योंकि उन्हें यह समझाया जाता है कि ऐसा करते ही वे धनवान बन जाएंगे.
उन्हें इतनी समझ नहीं होती और ना ही कोई समझाने वालाकि अगर आप गलत तरीके से धन अर्जित करेंगे तो पुलिस का फंदा कानून से भला कैसे बच पाओगे.
और सबसे बड़ी बात यह है कि किसी की बलि देना यह एक क्रूरतम अपराध है जिसकी क्षमा ना तो आपको किसी दूसरी दुनिया में मिल सकती है और ना ही कानून की नजर से.
कानून के जानकार छत्तीसगढ़ बिलासपुर हाई कोर्ट के अधिवक्ता बी के शुक्ला के मुताबिक अक्सर होली, दीपावली आदि पर्व के समय में नरबलि की घटनाएं घटित हो जाती हैं अथवा पुलिस सतर्कता से आरोपियों को योजना बनाते हुए पकड़ लिया जाता है. यह अशिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण होता है. इसके लिए एक जन जागृति अभियान चलाना आवश्यक है.
डॉक्टर गुलाब राय पंजवानी के मुताबिक आज के इस आधुनिक समय में भी बलि, नरबलि की घटना समाज के लिए कलंक से कम नहीं है. समाज को उसके लिए जागरूक होना होगा.
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इस संदर्भ में पुलिस अधिकारी विवेक शर्मा कहते हैं छत्तीसगढ़ में भी ऐसी एक घटना की विवेचना उन्होंने की थी जिसका मूल उद्देश्य धन अर्जित करना था. मगर आरोपियों ने अपराध करके एक तरह से अपने जीवन का इतिहास काला कर डाला और लंबे समय तक जेल के सींखचों में रहे.