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कितने रूप
सुलभा और जगदीश बैठे बातें कर रहे थे. एकाएक किसी बात का रिस्पौंस न पा कर सुलभा ने जगदीश की ओर देखा, लगा जैसे उस ने सुलभा की बात सुनी ही न हो.
भाग - 1
सिर्फ दोस्त, हां एक दोस्त से ज्यादा नहीं समझा था जगदीश को सुलभा ने. लेकिन उस के मन में अपने लिए दबी भावनाएं जान कर स्तब्ध रह गई थी सुलभा. यह कैसा रूप देख रही थी आज जगदीश का?
भाग - 2
जगदीश किसी प्रकार एमए कर के पिता के साथ बिजनैस में लग गया था. मातापिता के न रहने पर अब वही घर का सर्वेसर्वा था.
भाग - 3
सुलभा जगदीश की बात को सुनकर सन्न रह गई , उसे देखकर जगदीश उससे मांफी मांगने लगा.
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