सवाल

मैं एक हिंदू युवक हूं और एक मुसलिम युवती से प्यार करता हूं. लड़की भी मुझे दिलोजान से चाहती है. हम दोनों शादी करना चाहते हैं. मेरे घर वाले शुरू में थोड़ी आपत्ति करेंगे पर जानता हूं कि मैं उन्हें राजी कर लूंगा. दिक्कत लड़की के घर वालों की ओर से है. उस के घर वाले खासकर बिरादरी वाले किसी सूरत में हमारी शादी नहीं होने देंगे. उस के घर वाले मुझे पसंद करते हैं पर शादी के लिए अव्वल तो वे ही राजी नहीं होंगे और यदि हम उन्हें मनाने में कामयाब भी हो जाते हैं तो उन के बिरादरी वाले हमें जिंदा नहीं छोड़ेंगे. यह बात स्वयं लड़की ने कही है. ऐसी सूरत में हमें क्या करना चाहिए?

जवाब

अंतर्जातीय विवाह भले ही मान्य होने लगे हैं पर हिंदुओं और मुसलिमों में रिश्ता होना असंभव नहीं तो कठिन अवश्य है और फिर आप की गर्लफ्रैंड ने आप के सामने सारी वस्तुस्थिति स्पष्ट कर दी है, इसलिए आप को किसी मुगालते में नहीं रहना चाहिए और विवाह करने की बात को भूल जाना चाहिए. अच्छा तो यह होगा कि अपने प्रेमप्रसंग को जल्दी विराम लगा दें. यह आप दोनों के ही हित में होगा, क्योंकि संबंध जितना लंबा होता जाएगा उतना ही प्रगाढ़ होगा और फिर एकदूसरे से अलग होना उतना ही मुश्किल होगा. फिर जो रास्ता मंजिल तक न पहुंचता हो उस पर चलते रहने का कोई लाभ नहीं.

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