राजनीतिक गलियारों में प्रेम कहानियां कोई नहीं बात नहीं है. भारतीय राजनीति में ऐसे कई नेता रहे हैं, जो अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर अक्सर सुर्खियों में छाए रहे. इन राजनेताओं को पिछड़ी जाति में प्यार हुआ और ये महज सिर्फ प्रेम कहानी तक ही सीमित नहीं रही, ये कहानी शादी में भी तब्दील हुई. हालांकि गांव या छोटे शहरों में सवर्ण घरों में आज भी एससी एसटी को हीन भावना से देखा जाता है, शादी तो बहुत दूर की बात है, लोग इनके साथ खाना खाने से भी कतराते हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि राजनीतिक घरानों में सवर्ण और एससी एसटी की शादियां चुनाव के दौरान वोट बैंक भरने के लिए है या सिर्फ प्रेम के लिए?
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देश की कोई भी ऐसी राजनीतिक पार्टियां नहीं है, जिसमें सभी जातियों के लिए काम किया जाता हो. हर पार्टी में किसी जाति विशेष के प्रति झुकाव देखा गया है
तो क्या ये सवर्ण और एससी एसटी शादियां भी सिर्फ दिखावे के लिए है? इस सवाल का जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलेगा.
रामविलास पासवान (लोकजनशक्ति पार्टी, बिहार )
स्वर्गिय रामविलास पासवान जीवन के अंतिम दौर में मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. ये दलित वर्ग के नेता थे, इनके पर्सनल लाइफ की बात करें, तो इन्होंने दोदो शादियां की थी. ये अपनी पहली पत्नी को तलाक देकर एयर होस्टेस रीना शर्मा से लव मैरिज की. रीना शर्मा पंजाबी हिंदू हैं. रामविलास पासवान दलित नेता थे, जिस वजह से यह शादी उन दिनों काफी चर्चे में रही. जनता के बीच उनकी इमेज भी खराब हुई, पहली पत्नी को छोड़कर उन्होंने दूसरी शादी की. हालांकि इस शादी से रामविलास पासवान को सत्ता में कोई फायदा भी नहीं होने वाला था. उन्होंने दूसरी शादी सिर्फ प्रेम के लिए की थी.
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