लोकसभा चुनाव 2024 के जनादेश ने समाज को बांटने और ध्रुवीकरण करने वालों को साफ संदेश दे दिया है कि भारत जैसे महान लोकतंत्र में मंदिरमसजिद के नाम पर राजनीति ज्यादा देर तक नहीं चलेगी. कुछ समय के लिए जनता धर्म के नाम पर उकसाने पर भ्रमित जरूर हो सकती है, लेकिन जीवन के असली मुद्दे हावी होते ही धर्म और आस्था का भूत उतर जाता है. जीवन पहले है, धर्म बाद में है. जीवन जीने के लिए इंसान को सिर पर सुरक्षित छत चाहिए, अपनी औरतोंबच्चों की हिफाजत चाहिए, पड़ोसियों से मेलजोल और अच्छे संबंध चाहिए, बड़ीबड़ी डिग्रियां ले कर घूम रहे युवा हाथों को काम चाहिए, आसमान छूती महंगाई से नजात चाहिए, बच्चों को पौष्टिक भोजन और अच्छी शिक्षा चाहिए, अस्पताल में बीमार को दवाई चाहिए, किसान को अपनी फसल का वाजिब दाम चाहिए.

अगर इन चीजों की गारंटी नहीं दी जा रही है तो दूसरी मोदी गारंटियां किसी काम की नहीं हैं, चुनावी नतीजा भारतीय जनता पार्टी के लिए आगे भी वही आएगा जो अब की बार दिखाई दिया है. कहावत है कि काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है. जनता मूर्ख नहीं है जो हर बार आप के ललकारने पर थाली बजाने निकल पड़ेगी या नोटबंदी की लाइन में खड़ी हो जाएगी. बीते 10 सालों में समाज को बांटने, मुसलमानों को डराने, किसानों को रौंदने और गरीबों को और गरीब बनाने की जो साजिशें मोदी सरकार ने रचीं, उस का करारा जवाब जनता ने दिया है.

सब से ज्यादा हैरानी तो इस बात की है कि जिस अयोध्या ने भाजपा को सत्ता के सिंहासन पर बैठाया था, उसी अयोध्या ने राम को लाने वाले और रामलला के लिए भव्य मंदिर बनाने वालों को नकार दिया. अयोध्या से शुरू हुई हिंदू राष्ट्र बनाने की मुहिम पर अयोध्या ने ही पानी फेर दिया. भाजपा सरकार ने बीते 10 सालों में हिंदूमुसलिम के बीच जो गहरी खाई खोदी, उस में वह खुद औंधेमुंह जा गिरी. तमाम भाजपाई नेता जो मुसलमानों को आतंकवादी बता कर हिंदुओं के दिलों में उन के प्रति भय और नफरत भरने में जुटे थे, चुनावी नतीजे देख कर उन के चेहरे स्याह पड़ गए.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...