प्रधानमंत्री जी अयोध्या में राममंदिर के लिये भूमिपूजन से पहले चीन से देश की जमीन बचाने का काम कीजिये. रामनाम की जगह तोप और बंन्दूक का प्रयोग कीजिये. देश की जनता 20 सैनिको के बलिदान पर आहत है और सोषल मीडिया पर प्रधानमंत्री के 56 इंच के सीने की माप पर सवाल उठा रही है.
चीन भारत की सीमाओं पर अतिक्रमण करता जा रहा है. 20 सैनिकों के शहीद होने की घटना से इस बात का खुलासा हुआ कि चीन ने भारत की भूमि पर कब्जा जमा रखा है. ऐसे समय में भारत सरकार के लिये सबसे पहले जरूरी है कि वह चीन से अपनी जमीन को बचाये.
चीन लगातार भारत की सीमाओं पर अतिक्रमण करता जा रहा है. भारत सरकार चीन के विवाद के दौर में अयोध्या में राम मंदिर के लिये भूमि पूजन की तैयारी में है. जिस दौर में भारत सीमा पर भूमि के विवाद में चीन के साथ 20 सैनिक षहीद हो चुके हो उस समय देष की सरकार को एकसूत्र में खडे होकर सबसे पहले चीन से निपटना चाहिये. चीन विवाद से ध्यान भटकाने के लिये अयोध्या में राममंदिर के लिये भूमिपूजन किया जा रहा है. जिससे लोग राममंदिर के लिये भूमि पूजन और नींव की खुदाई की खुषी में चीन से हो रहे विवाद को भूल जाये और सरकार पर दवाब खत्म हो जाये.
ये भी पढ़ें-जातीय और संप्रदायिक संधर्ष में भेदभाव
लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सेना से झडप के बीच हुये खूनी संघर्ष के बाद देष की जनता में चीन के प्रति गुस्सा भडक उठा है. केन्द्र सरकार पर देष की जनता का दवाब बढने लगा कि वह चीन के साथ अपने कारोबारी रिष्ते खत्म करे. देष भर में चीनी सामान के बहिष्कार होने लगा. पूरे भारत मंे चीन के राष्ट्रपति के पुतले फंूके जाने लगे. इससे भारत सरकार पर दबाव बढने लगा. चीन के साथ विवाद की घटना 15/16 की रात को घटी पर भारत सरकार ने अपना अधिकारिक बयान 17 जून की षाम को जारी किया. इस समय तक पूरे देष में चीन के साथ संघर्ष को लेकर खबरे फैल चुकी. सोषल मीडिया पर चीन के साथ ही साथ भारत सरकार के प्रति भी लोगों का गुस्सा भडक उठा था.