उत्तर प्रदेश के जौनपुर और प्रतापगढ जिलो में एक जैसी दो घटनाओं में पुलिस की काररवाई अलग अलग रही. जौनपुर की घटना संप्रदायिक  थी तो वहां सरकार ने तेजी दिखाई और प्रतापगढ की घटना में सवर्ण और पिछडों के बीच झगडा था तो वहां सरकार ने पिछडों के साथ न्याय नहीं किया. इसको लेकर योगी सरकार की सहयोगी अनुप्रिया पटेल सरकार से खफा है.

तो विपक्षी बसपा की नेता मायावती जौनपुर की साम्प्रदायिक घटना में योगी सरकार की करवाई से खुश है. योगी सरकार जिस तरह से साम्प्रदायिक और जातीय संघर्ष को लेकर दोहरी नीति पर चल रही है उस पर सवाल उठने लगे है.

पटेल वर्ग के  पिछडी जाति के लोगों के प्रति अन्याय को देखते हुये भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी अपना दल (एस) की नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने पीडितों से मुलाकात की और कहा कि ‘पुलिस ने एक पक्षीय काम किया है.’ अपना दल एस के विधायक और योगी सरकार में मंत्री जयप्रकाश सिंह ‘जैकी’ और विधायक राजकुमार पाल भी साथ थे.

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अनुप्रिया पटेल के सामने ही वहां के लोगों ने सरकार के विरोधी नारे लगाये. अनुप्रिया पटेल ने योगी सरकार के विरोध में कुछ नहीं कहा और पुलिस पर सारा दोष मढ दिया. सरकार विरोधी नारों के विषय में अनुप्रिया पटेल ने कहा कि ‘सरकार विरोधी नारे जनता की भावना को दिखा रहे थे’.

मायावती की तारीफ से गदगद योगी सरकार प्रतापगढ. की घटना पर योगी सरकार की सहयोगी अपना दल (एस) की नेता अनुप्रिया पटेल भले ही खुश ना हो पर जौनपुर की घटना में बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार ने तारीफ की. इसको लेकर भाजपा गदगद है. इसकी वजह यह है कि जौनपुरमामले में सरकार ने जो कदम उठाये मायावती के समर्थन से उसको मजबूती मिल गई.

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