आम लोगों और खेल प्रेमियों को न्यूजीलैंड के हाथों भारतीय टीम को मिली करारी शिकस्त का मलाल लगभग खत्म हो चला है लेकिन जिन्होंने भारतीय टीम की जीत पर सट्टा लगाया था. वे सटोरिये 10 जुलाई की शाम 7 बजे तक उससे भी ज्यादा रकम गंवा चुके हैं .जो उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा पर दांव लगाकर कमाई थी . कुछ तो एक झटके में कंगाली के कगार पर पहुंच चुके हैं और अपनी जमीन जायदाद बेचने प्रापर्टी ब्रोकर्स को कह चुके हैं जिससे बुकियों का पैसा चुकाया जा सके.

मुमकिन है यह बात आपको हैरान करे लेकिन सच यही है कि हारी अकेली टीम इंडिया नहीं है बल्कि लाखों सट्टा प्रेमी भी लंबी रकम हार चुके हैं जिन्हें पूरी उम्मीद थी कि भारतीय टीम न केवल फाइनल तक का सफर तय करेगी बल्कि कप भी जीतेगी क्योंकि खेल और क्रिकेट समीक्षक उसे वर्ल्ड कप क्रिकेट का सबसे मजबूत दावेदार मान रहे थे और मीडिया रिपोर्ट्स भी भारत का पलड़ा भारी बता रहीं थीं. आपको यह जानकार भी हैरानी हो सकती है कि पहली बार 99 फीसदी सटोरियों ने भारतीय टीम की जीत पर दांव लगाया था और सट्टा बाजार में भारतीय टीम का भाव सबसे कम था यानि सटोरियों की नजर में वह जीत ही रही थी .

मुंबई से दुबई तक डूबे: यह बात आपकी हैरानी और बढ़ाएगी कि सेमीफाइनल मेच पर ही बेहिसाब सट्टा लगा था. हर कोई भारत की तयशुदा जीत की गंगा में डुबकी लगाकर पैसा अर्जित कर लेना चाहता था जो इस दौर का सबसे बड़ा पुण्य होता है. अकेले मध्यप्रदेश में ही 500 करोड़ रु भारत की जीत पर लगे थे. सट्टा बाजार के सूत्रों की माने तो देश भर में यह आंकड़ा 50 हजार करोड़ रु से कहीं ऊपर था.

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