ठुमका एक ऐसी क्रिया है जिस से मन प्रसन्न हो जाता है खासतौर से उस वक्त जब ठुमका कोई नायिका लगाए. अब वह नायिका पूर्व ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी हो या नवोदित हरियाणवी गायिका सपना चौधरी, दर्शकों को इस से खास फर्क नहीं पड़ता और न ही वे ठुमके के राजनीतिकरण में दिलचस्पी लेते हैं.
सपना चौधरी के कांग्रेस में जाने मात्र की अटकलों से एक भाजपा सांसद इतने व्यथित हो उठे कि उन्होंने उम्मीद के मुताबिक यह ताना दे मारा कि कांग्रेस को चुनाव जीतना है या ठुमके लगवाने हैं. यह बात सांसद महोदय विस्मृत कर गए कि मनोज कुमार द्वारा निर्देशित फिल्म ‘क्रांति’ में ठुमका लगा कर चाल बदलने का दावा करने वाली हेमा मालिनी उन्हीं की पार्टी से मथुरा से सांसद हैं और वे अपना मशहूर डायलौग ‘चल धन्नो आज तेरी बसंती की इज्जत का सवाल है’ मंच से जरूर बोलती हैं. ऐसे में सपना के ठुमकों पर उन्हें एतराज क्यों.
बेहतर होगा कि ठुमके के प्रति अपना नजरिया बदलते भाजपाई उसे साहित्यिक या पौराणिक लिहाज से देखें क्योंकि उन का नायक रामचंद्र भी ठुमक कर चलता था.
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