कोई लेखक विश्वप्रसिद्ध धरनों पर शृंखलाबद्ध किताब लिखना चाहे तो उस की दौड़ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शुरू हो कर उन्हीं पर खत्म हो जानी तय है. पूर्व धरनों की तरह उन का दिल्ली के एलजी के खिलाफ दिया गया ताजा धरना भी सुपरडुपर हिट रहा. धरने कब, क्यों, कहां और कैसे दिए जाने चाहिए, यह नवोदित नेता अरविंद केजरीवाल से सीख सकते हैं. भाजपा के प्रतिक्रियात्मक धरनों ने तो केजरीवाल के इस धरने में चारचांद ही लगाए.
जो बात कई दिनों से बयानों और भाषणों के जरिए दिल्ली की जनता को समझाने की कोशिश अरविंद केजरीवाल कर रहे थे वह धरने के बाद साबित हुई कि जनता के असली दुश्मन नौकरशाह और भाजपा के इशारों पर नाचने वाले एलजी हैं.
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