देश का राजनीतिक परिदृश्य कुछ ऐसा है की प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी आगे आगे दौड़ रहे हैं. और प्रतिस्पर्धा ऐसी की कांग्रेस के स्तंभ श्रीमती सोनिया गांधी, राहुल गांधी पीछे-पीछे दौड़ रहे हैं . यह हास्यास्पद स्थिति है. कांग्रेस अपने सबसे बुरे दूर्दिनो से गुजर रही है.
आपको देश देख रहा है... एक-एक कदम, आप फूंक-फूंक कर चलें. मगर यहां तो यह भ्रम है कि हम ही देश हैं,हम भी ब्रह्मास्त्र हैं. कांग्रेस को जिस परिपक्वता सूझबूझ के साथ आगे बढ़ना चाहिए वह आज के नेतृत्व में कहीं दिखाई नहीं देता. इसका ज्वलंत उदाहरण है आर्टिकल 370 नरेंद्र मोदी अमित शाह के इस मिशन में कांग्रेस चारों खाने चित हो गई.उसके बड़े बड़े नेता नरेंद्र मोदी के पक्ष में खड़े दिखाई दिए इससे स्पष्ट है की कांग्रेस का नेतृत्व नरेंद्र मोदी के सामने असहाय है.ऐसा करुण दृश्य कांग्रेसियों का इतिहास में पहले कभी नहीं देखा गया .
मोदी का करंट पर करंट !
नरेंद्र मोदी कांग्रेस नेतृत्व को शौक पर शाौक दिए जा रहे हैं. और कांग्रेस नेतृत्व निरंतर छीजते चला जा रहा है और कमजोर से कमजोर होता चला जा रहा है. इसका सबसे ज्वलंत उदाहरण आर्टिकल 370 पर कांग्रेस की घबराहट और थोथी रणनीति है.
लगभग सारा देश आर्टिकल 370 पर नरेंद्र दामोदरदास मोदी के साथ खड़ा हो गया .राहुल गांधी कंधा झटकाते कहते रहे, -" मैं क्या करूं ! मैं तो अध्यक्ष हूं नहीं !!"
यह कह कर आप महान कांग्रेस पार्टी का अपमान कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी देश की थाती है.ऐसी महानतम पार्टी के नेता होकर ऐसा असमंजस,ऐसा व्यवहार. इसे कांग्रेस के लिए शर्मनाक कहा जा सकता है .राहुल गांधी यह भूल गए की कांग्रेस पार्टी के बड़े अलम बरदार है और कांग्रेस उन्हें अपने से अलग नहीं कर सकती और न ही वे अलग होंगे.