देश के बौद्धिक विभूतियों में कर्ण सिंह की गिनती होती है. कश्मीर के पूर्व सदर ए रियासत रहे कर्ण सिंह की एक बड़ी पहचान यह भी है की आप कश्मीर के अंतिम महाराजा हरि सिंह के सुपुत्र हैं. कश्मीर के मसले पर सदैव धीर गंभीर रहने वाले पूर्व सांसद कर्ण सिंह 5 अगस्त के ऐतिहासिक दिवस के आगे पीछे आर्टिकल 370 पर कुछ नहीं कहा... उनकी खामोशी असंदिग्ध थी. क्योंकि आप कांग्रेस के वरिष्ठतम बौद्धिक विचारकों में है, मगर 3 दिनों बाद डा.कर्ण सिंह ने जुबान खोली और कश्मीर पर अपना सारा उबाल निकाला है. उन्होंने आश्चर्यजनक ढंग से कांग्रेस और कश्मीर के दिग्गज नेताओं फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और पीडीपी, चीफ महबूबा मुफ्ती के विपरीत विचार व्यक्त करते हुए कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का समर्थन किया है . डा. कर्ण सिंह का जीवन परिचय जानने वाले जानते हैं आप देश के मूर्धन्य विद्वान है और जो कहते हैं वह बड़ा ही सार पूर्ण और निचोड़ होता है आइए कश्मीर के संदर्भ में आपके विचारों से  आपको अवगत कराएं -

मोदी को कश्मीर से बड़ा समर्थन

डा. कर्ण सिंह नि:संदेह जहां चोटी के विद्वान है वहीं जम्मू कश्मीर के प्रमुख व्यक्तित्व और नेता भी. आर्टिकल 370 के मामले में डा. कर्ण सिंह का अंततः भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार के पक्ष में आना बहुत बड़ी सफलता है. डौक्टर करण सिंह 65 तक कश्मीर के सदर ए सियासत रहे हैं बाद में लंबे समय तक सांसद रहे हैं एक तरह से उन्हें कश्मीर की आवाज या आत्मा कहा जाए तो किंचित भी गलत नहीं माना जा सकता.

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