प्रियंका गांधी ने नागरिकता कानून के विरोध पर उत्तर प्रदेश सरकार की जोर जबरदस्ती पर सवाल उठाया था. प्रियंका गांधी ने नागरिकता कानून का विरोध करने वालों की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते कहा कि पहले सरकार को हिंसा करने वाले को चिन्हित कर लेना चाहिये था उसके बाद उनको दंड देना चाहिये. सरकार ने बिना किसी जांच के नागरिकता कानून का शांतिप्रिय ढंग विरोध करने वालों को जेल भेज दिया. प्रियंका गांधी ने लखनऊ के तीन लोगों का उल्लेख प्रमुख रूप से किया. इनमें रिटायर आईपीएस 77 साल कि एसआर दारापुरी, थियेटर आर्टिस्ट दीपक कबीर और कांग्रेस की प्रवक्ता सदफ का नाम शामिल था. इन तीनों ने ही हिंसा फैलाने का काम नहीं किया था.
प्रियंका ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवा वस्त्र पहनते हैं तो उनको धर्म का पालन करना चाहिये और बेगुनाहों को जेल भेजने से बचना चाहिये. प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बदला लेने वाले वीडियो जारी करने के बाद पुलिस निरकुंश हो गई. पुलिस उनके बयान पर कायम होकर काम कर रही है इस देश क आत्मा में हिंसा औ बदले की भावना नहीं है.
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भाजपा ने बेगुनाहों के मुददे दबाने के लिये भगवा पर सवाल को लेकर प्रियंका को घेर लिया. प्रियंका गांधी की प्रेस कांफ्रेस खत्म होने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री कार्यालय और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डाक्टर दिनेश शर्मा ने प्रियंका के बयान को भगवा का अपमान बता कर बेगनाहों को जेल भेजने के मुददे को दरकिनार कर दिया. इसका जबाव देते डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रियंका को एहसास ही नहीं कि भगवा क्या है ? उनको दूसरे देश के संस्कार मिले है. भगवा को गाली देने से कुछ लोग खुश हो सकते हैं लेकिन इससे वोट नहीं मिलेगे.
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