स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले 14 अगस्त, 2019 को अलवर के सत्र न्यायालय ने पहलू खान लिंचिंग मामले में सभी 6 आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया. पहलू खान, उन के 2 बेटों और 3 अन्य लोगों को  गौतस्कर बता कर 1 अप्रैल, 2017 को भीड़ ने उन पर लाठीडंडों के साथ हमला किया था. इस बर्बर हमले में बुरी तरह घायल पहलू खान की अस्पताल में मौत हो गई थी.

मामले में पुलिस ने विपिन यादव, कालू राम, रविंद्र कुमार, भीम सिंह, दयानंद, योगेश और 2 नाबालिग लड़कों को आरोपी बनाया था और उन के खिलाफ इंडियन पीनल कोड की धारा 302 (हत्या), 341 (सदोष अवरोध), 308 (गैरइरादतन हत्या की कोशिश), 323 (जानबूझ कर चोट पहुंचाना) आदि के तहत मुकदमा दर्ज किया था. लेकिन आरोपों को कोर्ट में सिद्ध करने के लिए पुलिस को जो आवश्यक साक्ष्य जुटाने चाहिए थे, वे उस ने नहीं जुटाए और अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपियों को मुक्त कर दिया. कुल जमा, नतीजा यह कि - नो वन किल्ड पहलू खान...

अप्रैल 2017 की बात है जब 55 वर्षीय किसान पहलू खान अपने 2 बेटों आरिफ, इरशाद और गांव के 3 अन्य लोगों के साथ जयपुर से दुधारू गाय खरीद कर अपने गांव जयसिंहपुर वापस लौट रहा था, कथित गौरक्षकों ने उन लोगों को घेर लिया. भीड़ में मौजूद दबंगों ने उन से उन के पैसे छीन लिए और उन्हें गौतस्कर बता कर लाठीडंडों से जम कर पीटना शुरू कर दिया. पहलू खान की कई पसलियां टूट गईं और उन के सिर में काफी चोट आई.

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