5 जनवरी की सुबह जिस वक़्त पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के जन्मदिन के अवसर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ था, एक खबर ने रंग में भंग डाल दिया. सूचना आई कि प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय रिजर्व पुलिस की टीम पर हमला हो गया.

ईडी ने कोलकाता तथा उस से सटे जिले उत्तर 24 परगना में कुल 12 जगहों पर सुबह से तलाशी अभियान चला रखा था. ईडी अधिकारी जब उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में तृणमूल नेता व ब्लौक अध्यक्ष शाहजहां शेख के घर पर छापेमारी करने पहुंचे तो वहां कोई 200 लोगों की भीड़ ने उन पर हमला बोल दिया. उन की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई. साथ आए रिजर्व पुलिस के जवानों और मीडियाकर्मियों को भी नहीं बख्शा गया. उन के सिर फोड़ दिए, फोन छीन लिए. इस अप्रत्याशित हमले में कई ईडी अधिकारी जख्मी हो गए. शेख के समर्थकों ने इधरउधर डर से छिपे अधिकारियों को ढूंढढूंढ कर पिटाई की. परिणामस्वरूप, ईडी अधिकारियों को वहां से भागना पड़ा. जख्मी अधिकारियों को स्थानीय कैनिंग अस्पताल में भरती कराया गया है. ईडी की टीम वहां राशन घोटाला मामले में तृणमूल नेता व ब्लौक अध्यक्ष शाहजहां शेख के घर पर छापेमारी करने पहुंची थी.

इस से पहले ईडी के अधिकारियों ने जिले के बनगांव में तृणमूल नेता शंकर आढ्य के घर पर भी छापेमारी की थी. दोनों टीएमसी नेता राशन घोटाले में गिरफ्तार मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के करीबी बताए जा रहे हैं. जैसेजैसे लोकसभा चुनाव के दिन करीब आ रहे हैं, विपक्षी पार्टियों के नेताओं पर ईडी की छापेमारी में तेजी दिखने लगी है. वहीं जांच एजेंसी के अधिकारियों से दोदो हाथ करने के मूड में कई विपक्षी नेताओं ने अपने समर्थकों को सचेत कर दिया है. वे चाकचौबंद हो कर उन के आवासों में ही डंटे हुए हैं. इस से ईडी अधिकारियों में थोड़ा भय जरूर है मगर सत्ता के आदेश का पालन भी उन्हें करना है, फिर चाहे सिर फूटे या टांग टूटे.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...