लेखक-सुरेशचंद्र रोहरा
कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैल चुका है. डब्ल्यूएचओ ने महामारी घोषित कर दी है. प्रधानमंत्री ने दक्षेस देशों के समक्ष बड़ी पहल, फंड बनाने हाथ बढ़ा बड़ा , संदेश दिया है कि भारत कोरोना महामारी को लेकर कितना गंभीर है. दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में स्कूल, कॉलेज, लाइब्रेरी, आंगनबाड़ी बंद करके छत्तीसगढ़ मे कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है.प्रदेश में आज भी मदिरालय की दुकानों में सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट रही है और इसे व्यवस्थित नहीं किया गया है.
कोरोना वायरस के चलते शराब दुकानों को बंद किये जाने के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि किसी एक दुकान को टारगेट न करें. हमको शराब की दुकान से लेकर हर ऐसे ठिकाने जहां भीड़ हैं, हमको परहेज बरतना चाहिए.
------
मदिरालय में भारी हुजूम
-------
छत्तीसगढ़ के दूसरे नंबर के बड़े नेता और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिहदेव कहते हैं कि महाराष्ट्र और दिल्ली में सरकार ने मॉल्स पर भी सिनेमा हॉल के जैसा प्रतिबंध लगा दिया है.लेकिन शराब की दुकानों पर जब तक बंद करने के आदेश नहीं आते तब तक एहतियात सबको बरतनी होगी. मैं किसी एक को टारगेट करने के पक्ष में नहीं हूं कि शराब की दुकान में कोई विशेष बात है. ऐसी कोई बात नहीं है. मैंने पहले भी कहा कि शराब की दुकान से कहीं ज्यादा लोग सब्जी मार्केट में जाते है. किसी एक दुकान को टारगेट न करें.
उन्होंने कहा कि हमारी जान को खतरा हो सकता है समझते हुए अगर हम फिर भी भीड़ करेंगे तो अपने प्रति एक बड़ी लापरवाही होगी. आज का समय दबा कर कुछ कराने का नहीं है, लोगों से आग्रह करके उन को जागरूक करने का है कि आप इसकी गंभीरता को समझे. कुल मिलाकर यह सब लफ्फाजी कांग्रेस के मंत्री नेता कर रहे हैं. जबकि इसकी जगह रणनीतिक तरीके से पहल की गंभीर आवश्यकता है. क्योंकि कहा भी गया है कि -"आप का काम दिखना चाहिए बड़ी-बड़ी बातें नहीं."
-------------
जागरूकता अपरिहार्य आहे
-------
देशभर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस को देखते हुए राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में सभी सार्वजनिक और भीड़-भाड़ वाले जगहों को 31 मार्च तक बंद करने का निर्देश दिया है. जो सीधे-सीधे केंद्र सरकार का परामर्श है. मगर कुछ जगह ऐसी भी है जहां आज भी भारी भीड़ जुट रही है और कहीं ना कहीं शासन और संपूर्ण व्यवस्था निरुपाय महसूस करती है. लेकिन सवाल यह भी है कि क्या कांग्रेस भवन हो या भाजपा के कार्यालय क्या कोरोना से सुरक्षित है ? क्या कांग्रेस के ‘मंत्री से मिलिए’ कार्यक्रम में मुलाकात करने आ रहे लोग कोरोना की चपेट में नहीं आएंगे ? क्या आलाकमान से इसे जारी रखने के लिए कोई निर्देश मिला हुआ है. इसी तरह रेलवे स्टेशन पर रेल, बस स्टैंड पर बसें दौड़ रही है बाजारों में अभी भी भीड़ है और यहां लोग एक दूसरे के संपर्क में आ रहे हैं. ऐसे समय में जब WHO की तरफ से कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया जा चुका है. यह सब जाहिर करता है कि कोरोना का लेकर हम कितने गंभीर हैं. दरअसल, हमें अभी जागरूक होने की बेहद दरकार है.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
सब्सक्रिप्शन के साथ पाएं
500 से ज्यादा ऑडियो स्टोरीज
7 हजार से ज्यादा कहानियां
50 से ज्यादा नई कहानियां हर महीने
निजी समस्याओं के समाधान
समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...
सरिता से और