लेखक- शाहनवाज

कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप से आज के समय कौन वाकिफ नहीं है. भारत में आज सभी को पता है की कोरोना की फिलहाल चलने वाली दुसरी लहर से भारत की जनता बेहद त्रस्त और परेशान है. कोरोना की यह दूसरी लहर जो इस साल लगभग फरवरी से फैलना शुरू हुई थी, वह पिछले साल 2020 के मुकाबले ज्यादा खतरनाक और ज्यादा घातक है.

इस बार यह कोरोना संक्रमण पिछले साल के मुकाबले 3 गुना ज्यादा तेजी से फैल रहा है और संक्रमण तेजी से फैलने के कारण कोविड से मरने वालों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है.

हालिया स्थिति तो यह है की संक्रमण से ग्रसित और गंभीर मरीजों की संख्या में इतनी तेजी से इजाफा हो रहा है की देश की राजधानी दिल्ली के लगभग सभी अस्पतालों में मौजूद सभी बेड, मरीजों से भर चुके हैं. क्योंकि यह संक्रमण मरीजों के फेफड़ों में ज्यादा असर करता है इसीलिए उन्हें औक्सीजन का सहारा ही होता है. ऐसे में औक्सीजन का हर समय मौजूद होना ही बहुसंख्यक मरीजों के ठीक होने की संभावना पैदा करता है.

स्थिति इतनी खराब हो चुकी है की औक्सीजन का स्टौक लगभग देश के सभी राज्यों में खत्म होता जा रहा है. ये सब तो तब की स्थिति है जब लोग कोरोना से संक्रमित है और गंभीर अवस्था में है. हाल तो यहां इतने खराब हो गए हैं की कोरोना से मरने वालों की भी अंतिम विदाई बेहद ही अमानवीय हो गई है. दिल्ली में शमशानघाटों और कबरिस्तानों में मृतकों की अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को टोकन ले कर नंबर लगाना पड़ रहा है. जो की बेहद दुखःद है.

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