देश का भगवा गैंग चाहता है कि सरकार चलाने के लिए कुरसी पर चाहे जो बैठा हो पर सरकार ऋषिमुनियों के इशारे पर चले. इसलिए 5 राज्यों के चुनावों में उस की राजनीतिक इकाई भाजपा की जीत, खासकर योगी आदित्यनाथ की जीत, उस के सपनों की जीत साबित होगी.

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार उन के काल में राजा को राजकाज चलाने के लिए ऋषिमुनियों से सलाह लेना जरूरी माना जाता था. महाभारत, रामायण और अन्य पौराणिक कथाओं में इस के तमाम उदाहरण मिलते हैं. महाभारत काल में धृतराष्ट्र जन्म से अंधे थे. ऐसे में वे राजा नहीं बन सकते थे. ऋषिमुनियों के आदेश पर धृतराष्ट्र की जगह उन के छोटे भाई पांडु को राजा बनाया गया. पांडु शिकार के शौकीन थे. जब वे शिकार पर जाते थे, गुरुओं और ऋषिमुनियों के आदेश पर राजकाज चलता था. एक बार पांडु शिकार करने वन में गए थे. शिकार करते हुए उन्होंने एक हिरन के जोड़े को उस समय मार दिया जब वह हिरनी के साथ  क्रिया में था. कथा के अनुसार, वह मृग के रूप में कोई ऋषि कुमार था.

मृग रूपधारी निर्दोष ऋषि कुमार ने पांडु को श्राप दिया कि जब भी वे अपनी रानी कुंती और माद्री के साथ क्रिया की अवस्था में होंगे तो उन की मृत्यु होगी.

श्राप से दुखी पांडु ने ऋषि कुमार की बात को आधार बना कर फैसला किया कि वे राजपाट त्याग कर अपनी पत्नियों से अलग वन में ही रहेंगे. इस से वे अपनी पत्नियों के साथ क्रिया नहीं कर सकेंगे और जिंदा रह पाएंगे. पांडु की पत्नी कुंती और माद्री ने भी वन में रहने का फैसला कर लिया. वे उन के साथ ही रहने लगीं.

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