मोबाइल फोन केवल बात करने भर के लिये नहीं रह गये है. अब यह फोटो और वीडियो कैमरा का काम करने लगे है. इनसे सबसे बड़ी घबराहट राजनीतिक दलों में है. यह दल चाहे सरकार में हो या विपक्ष में अपनी मीटिंग में मोबाइल फोन को पसंद नहीं करते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि मोबाइल फोन के जरीये रिकार्डिंग करके सोशल मीडिया पर वीडियों को वायरल करना सहज हो गया है.

उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के सांसद और विधायक के बीच ‘जूते चलने’ का वीडियों वायरल हो गया जिसके कारण पार्टी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस तरह के तमाम वीडियो पूरे देश के राजनीतिक दलों के लिये सीबत की वजह बनते जा रहे हैं. इससे निजात पाने के लिये राजनीतिक दलोें ने अपनी प्रमुख मीटिंग में मोबाइल और वीडियों कैमरा ले जाना प्रतिबंधित कर दिया गया है.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने फैसला किया हैं कि प्रदेश सरकार की कैबिनेट मीटिंग में अधिकारी और मंत्री अब मोबाइल फोन लेकर नहीं जा सकेंगे. मीटिंग में जाने से पहले इन सभी को अपने मोबाइल फोन बैठक कक्ष के बाहर की जमा कराने होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की तरफ से इस आशय के निर्देश जारी किये गये हैं.

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केवल सरकार में ही नहीं विपक्ष में भी यह रोग तेजी से बढ रहा है. उत्तर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी बहुजन समाज पार्टी ने अपनी कोआर्डिनेटर स्तर की मीटिग में सभी को निर्देश दिया कि वह अपने मोबाइल बैठक में ना लाये. बाकी दलो में भी यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है.

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