उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का महागठबंध टूटने की कगार पर
है़ं. बसपा प्रमुख मायावती ने अपना अवसरवादी दांव चलकर राजनीतिक उठापटक किया हैं. बसपा नेता
मायावती ने लोकसभा चुनाव में हार का ठिकरा समाजवादी पार्टी के उपर फोड़ दिया है. मायावती को कहना है कि यादव वोट महागठबंध को ट्रांसफर नहीं हुआ जिसकी वजह से उनकी हार हुई.
मायावती ने कहा कि यादव वोट शिवपाल यादव ने भाजपा को ट्रांसफर कर दिये जिससे भाजपा को उम्मीद से बड़ी जीत हासिल हो गई. उत्तर प्रदेश में विधनसभा के 11 उपचुनाव होने वाले हैं.
बसपा प्रमुख ने यह सभी चुनाव अकेले लड़ने की बात भी कही है.अपने स्वभाव के विपरीत मायावती ने व्यक्तिगत स्तर पर अखिलेश यादव की तारीफ करते कहा कि ‘अखिलेश और डिम्पल बहुत इज्जत
दी. हमारे रिश्ते कभी भी खत्म नहीं होंगे. हमारी राजनीतिक विवशता है. जिसकी वजह से यह फैसला
करना पडा. यादव वोट ट्रांसफर नहीं हुआ. यादवो ने अखिलेश से भितरघात किया. कन्नौज, फिरोजाबाद की हार सोचने योग्य है. वोट ट्रांसफर होता तो हार नहीं होती.

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समाजवादी पार्टी से बसपा के लाभ पर मायावती ने कहा कि ‘खुद नहीं जीत पाएं, तो हमारे लिए क्या किया होगा सोंचा जा सकता है. सपा के मजबूत धर्मेंद्र, अक्षय और डिम्पल चुनाव हारे गये. सपा को बहुत सीखने की जरूरत है. मायावती ने कहा कि हम आगे मिलकर चुनाव लड़ सकते है'. अखिलेश अपने लोगों को मिशनरी बनाएं तभी आगे साथ साथ चुनाव लड़ा जा सकता है. अभी उपचुनाव अलग लड़े़गे.’

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