वोट की खातिर घूम रहा
गलीमहल्ले द्वारेद्वारे
दोनों हाथों में लड्डू हैं
और जेबों में भरी मलाई
पारस पत्थरी रखे हाथ में
करता वारेन्यारे
चेहरे पर अद्भुत आकर्षण
पांच साल में देता दर्शन
मुंह में रखता पान दबाए
बात कोई समझ न पाए
आगे बढ़ कर हाथ मिलाता
दिल से सब को दूर भगाता
नेतागीरी खरी कमाई
लूटो खाओ जीमो भाई
झूठी कसमें झूठे वादे
सूखे आंसू तरल इरादे
अमचेचमचे गाते नारे
नेता मस्त मलंग है प्यारे.
नरेंद्र सिंह ‘नीहार’

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