जिद में आके, ये बात मत करना
वक्त से दोदो हाथ मत करना
 
जाते पंछी से घोंसले ने कहा
लौट आने में रात मत करना
 
गजनवी आके लूट ले न कोई
दिल को तू सोमनाथ मत करना
 
हर कदम पर शकुनि की चालें हैं
जिंदगी को बिसात मत करना
 
शंका, कुशंका, वहम, अंदेशे
इतना भी एहतियात मत करना
 
बोझ बन जाए जो सफर में ‘शशि’
ऐसे लोगों का साथ मत करना.
 डा. शशि श्रीवास्तव

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