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yo yo honey singh : सलमान खान के बाद अब ‘हनी सिंह’ आए गोल्डी बराड़ के निशाने पर, मिली धमकी

yo yo honey singh : फेमस पंजाबी सिंगर और रैपर हनी सिंह आए दिन सुर्खियों में बने रहते हैं. लोगों को उनके गाने बहुत पसंद आते है. हालांकि इस बार वो अपने किसी नए गाने के लिए नहीं बल्कि खुद को मिली धमकी के लिए चर्चा में आए हैं. दरअसल इस बार गैंग्स्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथी और कनाडा से गैंग चला रहे गोल्डी बराड़ (goldy brar) के निशाने पर रैपर यो यो हनी सिंह (yo yo honey singh) हैं. उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है.

वॉयस नोट के जरिए दी धमकी

बता दें कि, इस बार लॉरेंस गैंग ने किसी और को नहीं बल्कि हनी सिंह (yo yo honey singh) को धमकी दी हैं, जिस बात को खुद रैपर ने कबूला है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मैं सिद्धू मूसेवाला के अंजाम की वजह से बेहद डरा हुआ हूं. मेरे साथ-साथ मेरा परिवार भी डर गया है. समझ में नहीं आ रहा कहां जाकर छुप जाऊं. हालांकि पुलिस कमिश्नर से मिला और उन्हें पूरी बात बताई लेकिन डर है कि जाता ही नहीं.’ साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि ये धमकी उन्हें गोल्डी बराड़ ने लिखकर नहीं वॉयस नोट के जरिए दी है.

इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘वह उस वक्त अमेरिका में थे जब उनके मैनेजर रोहित छाबड़ा को इंटरनेशनल नंबर से धमकी भरा वॉयस मैसेज आया. उस कॉल में धमकी देने के साथ-साथ 50 लाख रुपये की फिरौती भी मांगी गई है.’ आगे उन्होंने कहा कि धमकी देने वाले ने खुद का नाम गोल्डी बराड़ (goldy brar) बताया था.

हनी सिंह ने की सुरक्षा की मांग

धमकी मिलने के बाद हनी सिंह सीधे दिल्ली पुलिस कमिश्नर के दफ्तर जा पहुँचे. जहां उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की और उन्हें धमकी के बारे में बताया. इसके अलावा उन्होंने खुद (yo yo honey singh) की सुरक्षा की भी मांग की है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि इस संदर्भ में पुलिस को जो भी साक्ष्य और सबूत चाहिए थे. वो उन्होंने उन्हें दे दिए है, जिसके आधार पर अब पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.

सलमान खान को भी मिली थी धमकी

आपको बता दें कि इससे पहले सलमान खान (Salman Khan) को भी गोल्डी बराड़ की तरफ से धमकी दी गई थी. साथ ही उनके पनवेल वाले फॉर्म हाउस तक की रेकी की गई थी.

दुनिया नई पुरानी

एक सीधीसादी, संतुष्ट जिंदगी जी रहा था जनार्दन का परिवार. सबकुछ ठीकठाक चल रहा था लेकिन एक दिन ऐसा जलजला आया जो परिवार की सारी खुशियां बहा ले गया.

पदोन्नति के साथ जनार्दन का तबादला किया गया था. अब वे सीनियर अध्यापक थे. दूरदराज के गांवों में 20 वर्षों का लंबा सेवाकाल उन्होंने बिता दिया था. उन की पत्नी शहर आने पर बहुत खुश थी. गांव की अभावभरी जिंदगी से वह ऊब चुकी थी. अपने बच्चों को पढ़ानेलिखाने में जनार्दन व उन की पत्नी ने खूब ध्यान दिया था.

उन की 2 बेटियां और एक बेटा था. बड़ी का नाम मालती, मंझली मधु और छोटे बेटे का नाम दीपू था. मालती सीधीसादी मगर गंभीर स्वभाव की, तो मधु थोड़ी जिद्दी व शरारती थी, जबकि दीपू थोड़ा नटखट था.

मालती बीए की पढ़ाई कर रही थी, मधु 11वीं में पढ़ रही थी और दीपू तीसरी कक्षा में पढ़ रहा था. समय बीत रहा था.

वहां गांव में जनार्दन पैदल ही स्कूल जातेआते थे. यहां शहर में आ कर उन्होंने बाइक ले ली थी. जिस पर छुट्टी के दिन श्रीमतीजी को बैठा कर जनार्दन शौपिंग करने या घूमने जाते थे. उन की पत्नी दुपहिया वाहन में सैर कर फूले न समाती. कभीकभी दीपू भी जिद कर मांबाप के बीच बैठ कर सवारी का आनंद ले लेता था.

मधु विज्ञान विषय ले कर पढ़ रही थी. जनार्दन ने शहर के एक ट्यूशन सैंटर में भी अब उस का दाखिला करवा दिया था. वह बस से आयाजाया करती. दीपू को जनार्दन खुद स्कूल छोड़ जाया करते और लौटते समय ले आते. एक व्यवस्थित ढर्रे पर जीवन चल रहा था.

नई कालोनी में आ कर जनार्दन की पत्नी बच्चों के लालनपालन में तल्लीन थी. दिन के बाद रात, रात के बाद दिन. समय कट रहा था. बेहद घरेलू टाइप की महिला थी वह. एक ऐसी आम भारतीय महिला जिस का सबकुछ उस का पति, बच्चे व घर होता है. मां का यह स्वभाव बड़ी बेटी को ही मिला था.

मधु ट्यूशन खत्म होते ही बस से ही लौटती. कालोनी के पास ही बस का स्टौप था. ट्यूशन सैंटर के पास एक ढाबा था. शहर के लड़के और बाबू समुदाय अपने खाने का शौक पूरा करने वहां आते थे. एक दिन यहीं पर मधु सड़क पार कर बसस्टौप के लिए जा रही थी, एक कार टर्न लेते हुए मधु के एकदम पास आ कर रुकी. मधु घबरा गई थी. वह पीछे हट गई. कारचालक ने कार किनारे पार्क की और मधु के पास आया, बोला, ‘‘मैडम, सौरी, मैं जरा जल्दी में था.’’  दोनों की आंखें चार हुईं.

‘‘दिखाई नहीं देता क्या,’’ वह गुस्से से बोली.

‘‘अब एकदम ठीक दिखाई देता है मैडम.’’ उस ने मधु की आंखों में आंखें डालते हुए कहा.

‘‘नौनसैंस,’’ मधु ने उसे गुस्से से देख कर कहा.

फिर मधु बसस्टौप की तरफ बढ़ चली. वह उसे जाता हुआ देखता रहा. उस का नाम था शैलेश. शहर के एक कपड़े के व्यापारी का बेटा. अब तो शैलेश अकसर ट्यूशन सैंटर के पास दिखता- कभी ढाबे से निकलते हुए, कभी कार खड़ी कर इंतजार करते हुए. फिर वही हुआ जो ऐसे में होता है. एक शरारत पहचान में, पहचान दोस्ती में, और फिर दोस्ती प्यार में बदल गई.

बस की जगह अब मधु कार या कभी बाइक में ट्यूशन से लौटती. मधु के मातापिता इस बात से अनजान थे. लेकिन कालोनी के एक अशोकन सर को सबकुछ पता था. इधर अशोकन सर

शाम की चहलकदमी को निकलते और कालोनी से कुछ कदम दूर मधु कार से कभी बाइक से उतरती, दबेपांव धीरेधीरे घर की ओर जाती. इन की हायबाय उन्होंने कितनी ही बार देखी.

मां तो यही सोचती कि उस की बेटी सयानी है, विज्ञान की छात्रा है, एक दिन उसे डाक्टर बनना है. वह एक मौडर्न लड़की है. दुनिया में आजकल यही तो चाहिए. पिता को घर की जिम्मेदारियों से फुरसत कहां मिलती है भला.

लेकिन मधु के प्यार की भनक मालती को लग गई थी. उस के फोनकौल्स अब ज्यादा ही आ रहे थे. जब देखो मोबाइल फोन कान से लगाए रहती. एक शाम जब वह काफी देर बातें कर चुकी, तो मालती ने पूछा, ‘‘मधु, कौन था वह जिस से तुम इतनी हंसहंस कर बातें कर रही थी? तुम कहीं ऐसेवैसे के चक्कर में तो नहीं पड़ गईं. अपनी पढ़ाई का खयाल रखना.’’

मधु ने जवाब में कहा, ‘‘नहीं दीदी, ऐसीवैसी कोई बात नहीं है.’’

आखिर एक दिन उस ने दीदी को बता ही दिया कि वह शैलेश से प्यार करने लगी है. वह अच्छा लड़का है.’’

मालती ने मन में सोचा, ‘शायद यह सब सच हो.’

एक दिन अचानक मुख्यभूमि से

जनार्दन के पास फोनकौल आई.

उन्हें अपने पैतृक गांव जाना पड़ा. उन के मित्र वेंकटेश ने फौरन उन के विमान टिकट का बंदोबस्त किया. पापामम्मी दोनों को जाना था. ज्यों ही मम्मीपापा गए, मधु ने दीदी से कहा कि वह 2-3 दिनों के लिए चेन्नई जाना चाहती है. शैलेश 2-3 दिनों के लिए अपने बिजनैस के सिलसिले में चेन्नई जाएगा. वह उसे भी साथ ले जाना चाहता है.

‘‘दीदी, तू साथ दे दे. बस, 2-3 दिनों की ही तो बात है.’’

मालती अवाक रह गई. मगर वह क्या कर पाती भला. उस की ख्वाहिश और बारबार यह आश्वासन कि शैलेश बहुत अच्छा लड़का है, वह उस से शादी करने को राजी है. मालती ने उसे इजाजत दे दी. शैलेश के साथ विमान से मधु चेन्नई चली गई. मालती का जैसे दिन का चैन और रातों की नींद उड़ गई थी. पता नहीं क्या हो जाए. लेकिन चौथे दिन वह शैलेश के साथ लौट आई थी. टूरिस्ट सीजन की वजह से उन्हें किसी ने ज्यादा नोटिस नहीं किया था.

एक सप्ताह के बाद मम्मीपापा मुख्यभूमि से लौट आए थे. गांव की पुश्तैनी जमीन का उन का हिस्सा उन्हें मिलने वाला था. मम्मीपापा के लौट आने पर मालती का मन बेहद हलका हो गया था.

समय गुजरता जा रहा था. जनार्दन और उन की पत्नी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए दिनरात एक कर रहे थे. मालती अब बीए पास कर चुकी थी. वह आगे पढ़ने की सोच रही थी. दीपू 7वीं कक्षा में पहुंच गया था और मधु अब कालेज में पढ़ रही थी.

आधुनिक खयाल की लड़की होने के कारण मधु के पहनावे भी आधुनिक थे. उस की सहेलियां अमीर घरों की थीं. उन लड़कियों के बीच एक नाम बहुत ही सुनाई देता था- बबलू. वैसे उस का सही नाम जसवंत था. बबलू कभी अकेला नहीं घूमता था, 3-4 चेले हमेशा उसे घेरे रहते. क्यों न हों, वह शहर के एक प्रभावी नेता का बेटा जो था. ऊपर से वह तबीयत का भी रंगीन था. उस ने जब मधु को देखा, तो देखता ही रह गया उस की गोरी काया और भरपूर यौवन को. पर मधु भला उस पर क्यों मोहित होती, वह तो शैलेश की दीवानी थी. जब कभी कक्षाएं औफ होतीं तो मधु अपना समय शैलेश के साथ ही बिताती, कभी किसी पार्क या किसी दूसरी जगह पर.

जर्नादन और वेंकटेश की दोस्ती अब पारिवारिक बंधन में बदलने जा रही थी. वेंकटेश के बेटे को मालती बहुत पसंद थी. पिछले बरस उस ने अपनी सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी और उस की सरकारी नौकरी भी लग गई थी.

एक सुबह वेंकटेश और उन की पत्नी अपने बेटे का रिश्ता मालती के लिए ले कर आ गए थे. और अगले फागुन में शादी की तिथि निकल आई थी. मालती शादी के बाद भी पढ़ाई करे, उन्हें एतराज नहीं था. मां यही तो चाहती थी कि उस की बेटी को अच्छी ससुराल मिले.

इधर, मधु कालेज में अपनी सहेलियों की मंडली में हंसतीखेलती व चहकती रहती. क्लास न होने पर कैंटीन में समय बिताती या लाइब्रेरी में पत्रिकाएं उलटतीपलटती. कभीकभार शैलेश उसे पार्क में बुला लेता. बबलू तो बस हाथ मसोस कर रह जाता. वैसे, बहुत बार उस ने मधु को आड़ेहाथों लेने की कोशिश की थी.

वह गांधी जयंती की सुबह थी. कालेज में हर वर्ष की तरह राष्ट्रपिता की जयंती मनाने का प्रबंध बहुत ही अच्छे तरीके से किया गया था. लड़कियां रंगबिरंगे कपड़ों में कालेज के कैंपस और पंडाल में आजा रही थीं. तभी, बबलू की टोली ने देखा कि मधु शैलेश की कार में बैठ रही है.

अक्तूबर का महीना. सूरज की किरणों में गरमी बढ़ रही थी. शहर से दूर समुद्र के किनारे एक पेड़ के तने से लगे मधु और शैलेश बैठे हुए थे. शैलेश का सिर मधु की गोद में था और मधु की उंगलियां उस के बालों से खेल रही थीं. जब भी दोनों को मौका मिलता तो शहर से दूर दोनों एकदूसरे की बांहों में समा जाते. तभी, शैलेश ने जमीन पर फैले पत्तों में किसी के पैरों की पदचाप सुनी और वह उठ गया, देखा कि सामने एक नौजवान खड़ा है और उस के पीछे 3 और लड़के. मधु ने देखा, वह बबलू था.

और अगले क्षण बबलू ने मधु को हाथों में जकड़ लिया. बब्लू ने मधु को उस की गिरफ्त से छुड़ाना चाहा और पूछा, ‘‘तुम लोग कौन हो और इस बदतमीजी का मतलब…’’ बात अभी पूरी भी न हो पाई थी कि बबलू के बूटों का एक प्रहार उस की कमर पर पड़ा. वह उठ कर भिड़ना ही चाहता था कि बबलू का एक सख्त घूंसा उस के गाल पर पड़ा.

बबलू के इशारे पर 2 लड़कों ने उसे पीटना शुरू कर दिया. शैलेश ने मधु को अपनी बलिष्ठ बांहों में उठा लिया और पास ही के जंगल की ओर बढ़ चला. मधु प्रतिवाद करती रही. बबलू का तीसरा सहायक भी उन के पीछे पहुंच गया था.

शाम तक मधु के न लौटने पर जनार्दन व उन के घर वाले घोर चिंता में घिर गए. उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी. मालती अनजाने भय से अंदर ही अंदर घबरा रही थी.

अगले दिन यह खबर जंगली आग की तरह फैल गई थी कि शहर से दूर जंगल में एक लड़की का शव और समुद्र के किनारे एक लड़का घायल अवस्था में मिला है. पुलिस हरकत में आई. उस ने शव को अस्पताल पहुंचा दिया और घायल लड़के को अस्पताल में भरती करा दिया.

जनार्दन को पुलिस ने अस्पताल बुला लिया था शिनाख्त के लिए. जब पुलिस अधिकारी ने शव के मुंह से कपड़ा हटाया, जनार्दन के मुंह से चीख निकल गई. वे वहीं गिर पड़े.

दोपहर तक शव कालोनी में लाया गया. कालोनी के लिए वह दिन शोक का था. सभी जनार्दन परिवार के दुख में शामिल थे. मां का रो कर बुरा हाल था, छोटे दीपू को जैसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था. मालती दहाड़ें मारमार कर रो रही थी. जर्नादन के लिए सबकुछ एक अबूझ पहेली की तरह था. उन के सपनों का महल धराशायी हो गया था. रोरो कर उन का भी बुरा हाल था.

मालती के सिवा कौन जानता था कि मधु के जीवन के ऐसे अंत के लिए मालती भी तो जिम्मेदार थी. काश, शुरू से उस ने उसे बढ़ावा न दिया होता और मांपिताजी को सबकुछ बता दिया होता.

दहाड़े मार कर रोती मालती को अड़ोसीपड़ोसी ढांढ़स बंधा रहे थे.

रिलेशनशिप में ज्यादा फोटो न खींचें

किसी भी रिश्ते में यादें इंपौर्टेंट रोल प्ले करतीहैं. और हर कोई चाहता है कि उन यादों को संजो कर रखे. कुछ यादें लमहों के रूप में होती हैं तो कुछ चीजों के रूप में. वहीं कुछ यादें तसवीरों के रूप में भी होती हैं. ये तसवीरें ही हैं जो हमारे चाहने वालों के हमारे पास न होने पर हम उन की तसवीरों से बातें करते हैं.

इसी तरह रिलेशनशिप में भी फोटोज बहुतइंपौर्टेंट होती हैं. रिलेशनशिप में कपल तरहतरह की फोटोज लेते हैं. ये सभी फोटो वे यादों के रूप में अपने साथ रखना चाहते हैं और यह भी चाहते हैं कि समयसमय पर इन्हें देखकर वे अपने पुराने दिनों को जी सकें. आजकल तो फोटोज से बनने वाले तरहतरह के गिफ्ट भी काफी डिमांड में हैं.

लिवइन रिलेशनशिप में रहने वाले नवीन और आध्या बताते हैं कि उन्होंने अपना वैलेंटाइन डे घर पर ही सैलिब्रेट किया. इस के लिए उन्होंने अपनेअपने पार्टनर की फोटो वाली टीशर्ट पहनी और एक केक और्डर किया जिस पर उन की फोटो थीं. वे कहते हैं कि यादें आप के रिश्तों में अहम रोल निभाती हैं.

इंस्टाग्राम और फेसबुक पर पैंडेंट बिजनैस चलाने वाली मोनिका राय ने बताया कि वह पिछले 3 सालों से इस बिजनैस में है. वह बताती है कि और्डर देने वालों में सब से ज्यादा संख्या यंगस्टर्स की है. वह बताती है कि वैलेंटाइन वीक में उसे सब से ज्यादा और्डर मिलते हैं.

इसी दौर में डिजिटल कार्टूनाइज फोटोज की भी डिमांड बढ़चढ़ करहो रही है. इसी इंडस्ट्री से जुड़े 30 वर्षीय सुमित मिश्रा कहते हैं कि “लोग अपनी यादों को समेटकर रखने के लिए आज भी फोटोज का सहारा लेते हैं लेकिन न्यू स्टाइल में और कुछ नए डिजिटल कार्टूनाइज फोटोज के साथ.” वे बताते हैं कि जमाना अब बदल गया है और टैक्नोलौजी ने भी काफी ज्यादा तरक्की कर ली है और इसी तरक्की के चलते इस तरह की फोटोज का दौर आया और यह एक अच्छा बिजनैस कर रहा है.

कई लोग डेटिंग के दिनों में ही अपनी फोटोज सोशल साइट पर अपलोड कर देते हैं जब कि वे यह नहीं जानते कि ये डेटिंग आगे चलकर रिलेशनशिप में बदलेगी भी या नहीं. ऐसे में उन का इतनी जल्दी रोमांटिक फोटोज अपलोड करना सही नहीं है. उन्हें अपने रिश्ते को वक्त देना चाहिए.

अपना ऐक्सपीरियंस शेयर करते हुए प्रियंका बताती है कि एक लड़के को 3 महीने डेट करने के बाद वह उस के साथ रलेशनशिप में आ गई लेकिन करीब 2 साल के बाद उन का रिलेशन टूट गया. तब तक वह उस के साथ अपनी कई फोटोज सोशल साइट पर अपलोड कर चुकी थी. वह कहती है कि जब उन का ब्रेकअप हुआ तो उस ने वे सारी फोटोज डिलीट कर दीं लेकिन अपने दोस्तों के सवालों का जवाब दे-देकर वह परेशान हो गई.

मधु श्रीवास्तव बताती है किशादी के 5 साल बाद जब उन के हस्बैंड ने उन की इंस्टाग्राम आईडी पर उन की और उन के एक्स बौयफ्रैंड की रोमांटिक फोटोज देखीं तो वे गुस्से से तिलमिला उठे. वे यह समझने के लिए तैयार नहीं थे कि फोटो वाला लड़का उन का पास्ट था और वे उस का प्रजेंट हैं. वह कहती है कि काफी समझाने के बाद वे इस बात को समझे कि ये सब अतीत की बातें हैं.

अपनी गलती से सीख लेते हुए मधु कहती है,““ब्रेकअप होने के बाद सभी को सोशल साइट से अपने पार्टनर की फोटोज डिलीट कर देनी चाहिए. ताकि बाद में आप को इस से कोई प्रौब्लम न हो.’’

रिलेशनशिप में कई लोग ऐसे भी होते हैं जो बहुत फोटोज खींचते हैं. इस से उन का पार्टनर इरिटेट हो जाता है और वह धीरेधीरे उन से दूरी बनाने लग जाता है. यह उन के रिलेशनशिप के लिए बिलकुल भी सही नहीं है. पार्टनर को ज्यादा फोटो खींचने से बचना चाहिए.

इसी से रिलेटिड अपना एक्सपीरियंस बताते हुए जय कहता है कि वह और उन की गर्लफ्रैंड जब भी किसी रैस्टोरैंट या कैफे में जाते थे तो उन की गर्लफ्रैंड उस मोमैंट को एंजौय करने के बजाय अपना पूरा समय फोटोज खींचने में निकाल देती थी. सबसे ज्यादा गुस्सा तो उसे तब आता था जब खाने की टेबल पर खाना रखा रहता लेकिन वह खाने और उस की कीमत या बिलकी फोटोज लेने में बिजी रहती.

जय आगे कहता है, ““उस की ये सभी हरकतें मुझे बहुत इरिटेट करती थीं. कई बार समझाने के बाद भी जब उस ने इस आदत को नहीं बदला तो हमारे बीच दूरियां आने लगीं. मैं ने उस से मिलना कम कर दिया और धीरेधीरे हमारा रिश्ता खत्म हो गया.””

गवर्नमैंट जौब की तैयारी करने वाली दिव्या शर्मा कहती है,““रिलेशनशिप में फोटोज लेना जरूरी है लेकिन एक हद तक. हमें फोटोज से ज्यादा उनलमहों को एंजौय करने पर ज्यादा फोकस करना चाहिए. आज के दौर में लोगों ने फोटोज खींचकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने का ट्रैंड बना लिया है. यह, बस, शो-औफ है.””

वह आगे कहती है,““लोग अपनी क्लोज फोटोज भी सोशल मीडिया पर अपलोड कर देते हैं और आगे चलकर जब उन का ब्रेकअप हो जाता है तो वे उन फोटोज को ले कर असहज हो जाते हैं. इसलिए अगर उन्हें सोशल मीडिया पर फोटोज अपलोड भी करनी हैं तो वे क्लोज या कहें बहुत पर्सनल फोटोज अपलोड करने से बचें.””

गुरुग्राम में जौब करने वाली वाणी कहती है,““कुछ लोग तसवीर नहीं खिंचवाते.वे शायद उन पलों को वे कैमरे में नहीं बल्कि आंखों में समेटना चाहते हैं. फोटो खींचने का मोटिव आजकल के दौर में सोशल मीडिया के दिखावे से हो गया है. लेकिन सोशल मीडिया पर फोटोज अपलोड करने से बेहतर उन लमहों को जीना होता है क्योंकि सोशल मीडिया के दिखावे के बाद अगर रिलेशनशिप में अप्स एंड डाउन हुए और रिलेशन वर्क नहीं किया तो आप लोगों के सवालों के जवाब देदेकर थक जाएंगे.” यानी, रिश्तों को जितनी प्राइवेसी दी जाए वे उतना ही स्ट्रौंग होतेहैं.

कई बार जल्दबाजी में हम अपनी प्राइवेट फोटोज अपने लववन को भेजने के बजाय किसी और को भेज देते हैं. ऐसे में हमें अजीब स्थिति का सामना करना पड़ता है और उस पर्सन के मन में कुछ गलत हो तो वह हमें इस के लिए ब्लैकमेल भी कर सकता है. इन सब से बचने के लिए फोटो भेजने में जल्दबाजी न करें.

इस के लावा कई बार हमारा सोशल साइट अकांउट हैक कर लिया जाता है जिस के बाद हमारी वे फोटोज जो हम ने अपने लववन को शेयर की होती हैं उन के वायरल होने का खतरा मंडरा रहा होता है. साथ ही, यह भी डर सता रहा होता है कि कहीं कोई उन फोटोज को लेकर ब्लैकमेल न करे या कोई उन्हें किसी पोर्न साइट पर न डाल दे.

ऐसा ही एक अनुभव साझा करते हुए मनीष बताते हैं कि उन की गर्लफ्रैंड प्रीति (बदला हुआ नाम) ने उन्हें अपनी कुछ सैक्सी फोटोज भेजी थीं और यही फोटोज उन्होंने एक पोर्न साइट पर भी देखीं. इस के बाद उन्हें कुछ शक हुआ. उन्होंने अपना सोशल अकाउंट अच्छे से चैक किया और पाया कि उन का अकाउंट हैक हुआ है. उन्होंने जल्दी से अपना अकाउंट रिकवर किया और पोर्न साइट पर शेयर की गईं फोटोज की कंपलेन साइबर क्राइम विभाग की साइट पर की.

2014 मेंजेनिफर लौरेंस, सेलेना गोमेज, केट अप्टन और एरियाना ग्रांडे सहित कई हौलीवुड हस्तियों की न्यूड पिक्चर लीक हो गई थीं. एनसीआरबी की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में साइबर क्राइम विभाग के पास 356 केस आए जो 2020 की तुलना में 111फीसदी ज्यादा थे.

बातचीत के दौरान वीडियो, फोटो शेयर करना एक सामान्य बात है. इस में कोई नई बात नहीं है और न ही कुछ गलत. लेकिन कई बार लड़की या लड़का सैक्स के दौरान खींचे गए फोटोज या वीडियोज रिकौर्ड कर के एकदूसरे को शेयर करते हैं, जिनमें न्यूड फोटो, सैक्स वीडियो टेप, कौल रिकौर्डिंग जैसी कई चीजें भी होती हैं. जब रिलेशन टूटता है तो जो व्यक्ति रिवेंज लेना चाहता है वह इन फोटोज का गलत इस्तेमाल करता है. ऐसा कर के वह दूसरे पार्टनर को बदनाम करना चाहता है.

यूपी में एक 20 वर्षीय युवती ने अपने पूर्व प्रेमी पर रेप और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया. पूर्व प्रेमी उस की दूसरी जगह शादी होने के बाद उसे और उसके पति को ब्लैकमेल कर रहा था. पुलिस ने युवती की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

जब कोई प्रेमी अपने पार्टनर की न्यूड फोटो या शारीरिक संबंध के दौरान लीगई प्राइवेट फोटो, वीडियो, औडियो को उस की परमिशन के बिना किसी सोशल मीडिया साइट या किसी अन्य पब्लिक साइट पर अपलोड करता हैइस इरादे से कि पार्टनर को बदनाम किया जा सके तो इसे रिवेंज पोर्न कहते हैं. रिवेंज पोर्न को नौन कसोलेशन पोर्न इमेज बेस्ड पोर्नोग्राफी भी कहते हैं. यह सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत अपराध है.

रिवेंज लेने के कई कारण होते हैं, जैसे फीमेल पार्टनर का शादी से इनकार, लड़की की लाइफ में किसी और का आ जाना या उस का दूसरा बौयफ्रैंड बन जाना जिसकी वजह से वह पुराने बौयफ्रैंड को इग्नोर करने लगती है.कई बार लड़के अपना ईगो हर्ट करने पर भी रिवेंज लेते हैं.वहीं कई केस ऐसे भी आते हैं जिन में लड़की शादी से पहले सैक्स करना नहीं चाहती, ऐसे में उस का बौयफ्रैंड फोटो के साथ छेड़छाड़ कर के उसे वायरल कर देता है.

रिवेंज पोर्न के तहत लड़कियों या महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जैसे अनिद्रा, डिप्रैशन, माईग्रेन आदि.

नियति मुखर्जी एक सौफ्टेवयर कंपनी में जौब करती है. 2 साल पहले उस का अक्षय नाम का बौयफ्रैंड था. उन का अब ब्रेकअप हो गया है लेकिन अक्षय यह ब्रेकअप नहीं चाहता था. इसलिए वह नियति को वापस पाने के लिए उसे ब्लैकमेल करने लगा. उस ने नियति को उस की प्राइवेट  पिक्चर भेजी और कहा कि अगर वह वापस नहीं आई तो वह इन पिक्चर को वायरल कर देगा.

पहले तो नियति डर गई लेकिन जब उस ने अपनी दोस्त मुक्ति को इस बारे में बताया तो उस ने इस की शिकायत पुलिस में दर्ज करने को कहा. अब अक्षय जेल की हवा खा रहा है और नियति बिना डरे अपने कैरियर पर फोकस कर पा रही है.

ब्लैकमेलिंग करने का तरीका औफलाइन या औनलाइन कुछ भी हो सकता है. इसकी शिकायत भी उसी आधार पर दर्ज होती है जिस परिस्थिति में ब्लैकमेलिंग या उत्पीड़न हुआ होता है.

सरकार की साइबर क्राइम विभाग की वैबसाइट http://cybercimre.gov.in/पर महिलाएं और बच्चे बिना नाम दिए भी अपनी शिकायत रजिस्टर करवा सकते हैं. उन्हें, बस, यह सुबूत देना होगा कि उन के साथ क्राइम हुआ है. तो अगर किसी को समाज का डर लग रहा है या फिर वह सोच रहा है कि शिकायत दर्ज करवाने पर बदनामी होगी या उसे खतरा होगा तो वह इस वैबसाइट पर जा कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है.

अगर किसी लड़की को फोटो वायरल करने की धमकी दी जाती है तो पुलिस आरोपी के खिलाफ साइबर क्राइम की धारा 66, 67 का अपराध दर्ज कर सकती है. इस के अलावा आईपीसी की धारा 320, 34, 170, 465, 468, 469, 120, 425 समेत कई दूसरी धाराओं में भी मामला दर्ज किया जा सकता है.

वहीं आईटी एक्ट की धारा 66ई कहती है कि अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य महिला या पुरुष के प्राइवेट पार्ट की तसवीर उस की अनुमति के बगैर लेता है और उसे औनलाइन कहीं अपलोड करता है या प्रिंट करता है तो ऐसा करने वाला व्यक्ति दोषी कहलाया जाएगा. ऐसे केस में उसे 3 साल तक की कैद और 2 लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.

यह बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिएकि डरने से बात और ज्यादा बिगड़ सकती है, इसलिए अगर कुछ गलत हो रहा है तो उस की शिकायत जरूर दर्ज होनी चाहिए. चाहे क्राइम औनलाइन हो या औफलाइन,शिकायत करनी बहुत जरूरी है ताकि आरोपी को सजा मिल सके. डरने से जुर्म करने वालों की हिम्मत बढ़ती है और जुर्म को बढ़ावा मिलता है.

लड़कियों को अपने अंदर से यह डर निकालना होगा कि शिकायत कराने से उन की बदनामी होगी. कई लड़कियां सोचती हैं कि अगर उन्होंने ब्लैकमेलिंग के बारे में घर में बताया तो उन की पढ़ाई या नौकरी छूट जाएगी. लड़कियों को इस से डरना नहीं चाहिए. वे यह समझें कि यह उन के अस्तिव की लड़ाई है और अगर उन्होंने यह लड़ाई लड़ ली तो वे सोसाइटी के लिए एक मिसाल बनेंगी.

पृथ्वी के दिल की धड़कन बढ़ी

हमारे ब्रह्मांड के साथसाथ सौरमंडल में भी धरती ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां जीवन संभव है.इसी धरती पर जीवन के लिए कई अनुकूल परिस्थितियों में अब धीरेधीरे बदलाव आ रहा है. हाल ही में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि धरती का केंद्र धीरेधीरे कमजोर हो रहा है.

करीब 2वर्षों पहले खबर आई थी कि पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र कमजोर हो रहा है. यह पिछली 2 शताब्दियों में अपनी 10 फीसदी तीव्रता खो चुका है. जीवन के लिए चुंबकीय क्षेत्र बहुत जरूरी है. यह हमें सूर्य से आने वाले रेडिएशन और अंतरिक्ष से आने वाले आवेशित कणों से बचाता है. इसके कमजोर पड़ने से उपग्रहों और अंतरिक्ष यान परेशानी में पड़ जाएंगे.

कमजोर चुंबकीय क्षेत्र का असर

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के बीच पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र कमजोर हो रहा है जिससे उपग्रहों में तकनीकी गड़बड़ी हो रही है. इसका क्षेत्र प्रतिवर्ष 20 किलोमीटर की दर से पश्चिम की ओर बढ़ रहा है. इस क्षेत्र में पिछले 50 वर्षों में एक बड़े हिस्से में काफी तेजी से कमी देखी गई है.

चुंबकीय क्षेत्र कमजोर होने से ब्रह्मांड से आवेशित कण ओजोन परत को चीरते हुए पृथ्वी पर आ जाएंगे और यह वह ऊंचाई है जहां सैटेलाइट परिक्रमा करते रहते हैं.ऐसा होने से इसमें तकनीकी गड़बड़ी होने का खतरा बढ़ जाएगा. पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र जीवन के लिए एक रक्षाकवच की तरह होता है.

अब एक और नया खतरा पृथ्वी के केंद्र पर मंडरा रहा है. दरअसल इनर कोर के कारण ही धरती की मैग्नेटिक फील्ड बनी हुई है. यदि धरती का कोर ही खत्म हो जाएगा तो उसकी गुरुत्व शक्ति तो प्रभावित होगी ही, साथ ही, वायुमंडल भी खत्म हो जाएगा. धरती का केंद्र यदि कमजोर पड़ेगा तो लोगों का जीवन खत्म हो जाएगा.

धरती का दिल यानी गरम इनर कोर लगातार घूम रहा है जिसकी वजह से हम चुंबकीय और गुरुत्वाकर्षण बल का अनुभव करते हैं. ऐसा पृथ्वी केंद्र के एक दिशा में घूमने की वजह से होता है. लेकिन, वैज्ञानिकों का कहना है कि अब यह केंद्र अपने घुमाव की दिशा बदलने की तैयारी में है जिससे धरती के दिल की धड़कन बढ़ जाएगी यानी भूकंप की संभावना बढ़ जाएगी.

घूमता केंद्र धड़कता दिल

धरती के केंद्र का घुमाव हमारी स्थिरता को तय करता है. अगर इसके घुमाव में बदलाव होता है तो पृथ्वी की सतह भी खतरे में आ जाएगी. इस तरह के घुमाव में करीब 70 साल बाद बदलाव आता है जो अब होने वाला है.

धरती का केंद्र अपने घुमाव की दिशा बदलने की तैयारी में है जिसका असर इस की ऊपरी सतह पर पड़ सकता है. इसके लगभग 5 हजार किलोमीटर नीचे भी ठोस आंतरिक कोर है. पृथ्वी का यह ठोस आंतरिक कोर खुद स्वतंत्र रूप से घूमता है जो केवल तरल धातुओं से घिरा हुआ है.

इस ठोस आंतरिक कोर के बारे में हम भूकंपीय तरंगों की तीव्रता मापने से जानते हैं. ये तरंगें परमाणु विस्फोटों से भी उत्पन्न हो सकती हैं जो पृथ्वी के केंद्र को हिला सकती हैं.

पृथ्वी के इस अंदरूनी हिस्से की गति पर वैज्ञानिकों ने एक नया शोध 23 जनवरी को नेचर जियोसाइंस जर्नल में प्रकाशित किया है जिसमें पिछले 6 दशकों में आए भूकंपों और उन से उत्पन्न भूकंपीय तरंगों का विश्लेषण किया गया है.उससे पता चलता है कि 2009 के आसपास पृथ्वी के आंतरिक कोर की गति रुक गई और फिर यह विपरीत दिशा में चलने लग गई.

यह कोर एक गोल झूले की तरह आगेपीछे लगातार घूमती रहती है. कोर के एक पूरे चक्र में करीब 7 दशक लग जाते हैं यानी इसकी दिशा हर 35 साल में बदल जाती है. पृथ्वी के ठोस कोर ने पहली बार 1970 के दशक में दिशा बदली थी और अब इसका अगला चक्र 2040 के दशक के मध्य में शुरू होगा जो पृथ्वी पर दिन की लंबाई को घटाबढ़ा सकता है.

पृथ्वी केंद्र की अनियमित चाल

पृथ्वी के केंद्र को हम आसानी से देख नहीं सकते. इसके सैंपल लेना भी मुश्किल है लेकिन भूकंपों से निकलने वाली तरंगें और शीत युद्ध के दौरान किए गए परमाणु परीक्षण पृथ्वी के केंद्र को प्रभावित कर रहे हैं. कहीं न कहीं इसका असर अब पृथ्वी पर दिखाई देने लगा है.

धरती की उम्र के मुताबिक इस केंद्र को ठंडा होकर क्रिस्टल होने की घटना बहुत पुरानी नहीं है. खगोलविद डा.सोन्ग ने 90 के दशक में कहा था कि धरती का केंद्र अलगअलग गति में घूम रहा है, जिसका असर पृथ्वी की सतह पर पड़ेगा. इसके बाद से दुनिया के कई वैज्ञानिकों के कान खड़े हो गए और वे इस बात के सुबूत जुटाने में लग गए कि आखिर केंद्र अलगअलग गति में क्यों घूम रहा है और अगर उसकी दिशा बदली, तो क्या होगा.

इसके पीछे की वजह है इनर कोर के ऊपर मौजूद आउटर कोर से बनने वाला दबाव. तरल बाहरी कोर ठोस लोहे को अपनी तरफ खींचती रहती है, इससे निकलने वाली तरंगें बाहरी आवरण को हिला देती हैं, जिससे ताकतवर गुरुत्वाकर्षण पैदा होता है. यही शक्ति इनर कोर के घुमाव को धीमा या तेज करती है.

बाहरी और आंतरिक कोर की लड़ाई के चलते ही हर 70 साल में केंद्र के घुमाव की दिशा में बदलाव आ रहा है जो एक नए खतरे का संकेत है. इस हिसाब से आंतरिक कोर 2040 के आसपास फिर से पूर्व की ओर घूमना शुरू करेगा जो अभी पश्चिम दिशा में घूम रहा है.

हालांकि पूर्व और पश्चिम दिशा के बीच होने वाले घुमाव में रुकावट और बदलाव आज से 17 साल बाद आएगा, फिर भी इसे हलके में नहीं लिया जा सकता. इससे कोई प्रलय तो नहीं आएगी, फिर भी धरती पर हलके भूकंप के झटके शुरू हो सकते हैं जिन की तीव्रता आगे बढ़ भी सकती है.

इतना ही नहीं, इस वजह से दिन के समय में भी कुछ सैकंडों का अंतर आ सकता है. इसके लिए विभिन्न प्रकार के परमाणु परीक्षण भी जिम्मेदार होंगे. पृथ्वी से जुड़े कई रहस्य और सवाल हैं, जिनके जवाब आज भी वैज्ञानिक खोज रहे हैं.

पृथ्वी घूमना बंद कर दे तो

पृथ्वी का भीतरी भाग गरम और ठोस लोहे से बना है. इसके कारण पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र और गुरुत्वाकर्षण बल पैदा होता है. ऐसा पृथ्वी के केंद्र में एक ही दिशा में घूमने के कारण होता हैं. ऐसे में यदि पृथ्वी कुछ समय के लिए रुक जाए या वह विपरीत दिशा में घूमने लगे तो क्या होगा, इसका अनुमान लगाना असंभव है.

पृथ्वी अपने अक्ष पर लगभग 1,600किलोमीटर या कहें 1,000 मील प्रतिघंटा की रफ्तार से घूमती रहती है. हालांकि, इस स्पीड का एहसास हमें नहीं होता क्योंकि हम भी इसके साथ ही घूमते रहते हैं. पृथ्वी के घूमने और रुकने को लेकर कई शोध हुए हैं, जिन में अलगअलग बातें सामने निकल कर आई हैं

पृथ्वी अगर अचानक घूमना बंद कर दे तो पृथ्वी के अधिकांश हिस्सों में प्रलय आ जाएगी. इसके रुक जाने से पृथ्वी के आधे हिस्से को लगातार सूर्य की गरमी का सामना करना पड़ेगा और आधा हिस्सा अंतरिक्ष की तरह ठंड का सामना करेगा. इससे पृथ्वी के उस हिस्से पर बहुत अधिक गरमी हो जाएगी जो सूरज की ओर होगा और बाकी के हिस्से पर हमेशा के लिए अंधेरा और ठंड हो जाएगी.इसका असर सभी जीवजंतुओं पर तो होगा ही, साथ ही, समुद्र का पानी पृथ्वी के अधिकांश हिस्से को डुबो देगा.

आज पृथ्वी पर हो रहे युद्ध कहीं न कहीं इसके वास्तविक वातावरण को बदल रहे हैं. ऐसे में अगर हम लड़ते रहें तो एक और नए खतरे का द्वार खुल जाएगा. आज सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि धरती के केंद्र में हो रहे बदलावों से मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, क्या इस से धरती पर कोई बड़ी आपदा आएगी?

आमतौर पर धरती की चुंबकीय शक्ति 2.50 लाख साल में बदलती है जो अभी दूर की बात है. वैज्ञानिकों की मानें तो पृथ्वी के अंत का अगला चरण अब से 5 से 7 अरब वर्षों में दिखाई देगा जब सूर्य एक लाल विशालकाय हीलियम के गोले में बदल जाएगा जिसकी गरमी पृथ्वी की सतह को पूरी तरह से नष्ट कर देगी. इसकी झलक अभी से दिखने लगी है.

पति की कातिल: पत्नी ने क्यों उठाया इतना बड़ा कदम?

उस दिन जून 2020 की 6 तारीख थी. सुबह होने पर प्रियंका की आंखें खुलीं तो खिड़की से आती तेज रोशनी उसकी आंखों में लगी. पिंकी ने आंखें बंद कर लीं, फिर आंखों को मलते हुए जम्हाई ले कर बैड पर उठ कर बैठ गई.

कुछ देर वह अलसाई सी बैठी रही, फिर मुंह घुमा कर बैड के दूसरे किनारे की ओर देखा तो पति चंदन वहां नहीं था.

शायद आज जल्दी उठ गया, बाहर होगा, सोच कर वह बैड से उठी और पैरों में चप्पल पहन कर बैडरूम से बाहर निकल आई.

जैसे ही वह बाहर आई तो बाहर का दृश्य देख कर सन्न रह गई. चंदन नायलौन की रस्सी से मुख्यद्वार की लोहे की चौखट से लटका था. यह देख पिंकी के मुंह से चीख निकल गई. चीखते हुए वह बाहर की तरफ भागी और पड़ोसियों को बुला लिया. पड़ोसियों ने आ कर देखा तो सब अपनेअपने कयास लगाने लगे. चंदन रेलवे में नौकरी करता था और पत्नी के साथ रहता था.

यह मामला सोनभद्र जिले के थाना कोतवाली राबर्ट्सगंज क्षेत्र के बिचपई गांव का था. किसी ने सुबह 8 बजे राबर्ट्सगंज कोतवाली को घटना की सूचना दे दी.

सूचना पा कर इंसपेक्टर मिथिलेश मिश्रा टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. चंदन की उम्र 34-35 वर्ष रही होगी. वह दरवाजे की लोहे की चौखट से नायलोन की रस्सी से लटका हुआ था. उस के पैर जमीन को छू रहे थे, घुटने मुड़े हुए थे.

देखने से लग रहा था जैसे चंदन ने आत्महत्या की हो, लेकिन पैर जमीन पर लगे होने से थोड़ा संदेह भी था कि क्या वाकई चंदन ने आत्महत्या की है या किसी ने उस की हत्या कर के आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की है.

इंसपेक्टर मिश्रा के दिमाग में ऐसी ही बातें उमड़घुमड़ रही थीं. फिर मिश्राजी ने सोचा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सारी हकीकत सामने आ जाएगी. उन्होंने सिर को झटका और सोचों के भंवर से बाहर आए.

उन्होंने पास में बैठी मृतक चंदन की पत्नी पिंकी से पूछताछ की तो उस ने बताया कि रात में खाना खा कर दोनों साथ बैड पर सोए थे. सुबह उस की आंख खुली तो चंदन बैड पर नहीं था. वह बाहर आई तो चंदन को इस हालत में चौखट से लटकते हुए पाया.

इंसपेक्टर मिथिलेश मिश्रा ने उस से और विस्तृत पूछताछ की तो पता चला वह चंदन के साथ जिस मकान में रह रही थी, वह पिंकी के पिता परमेश्वर भारती का था. वह खुद बीजपुर में रहते हैं. पिंकी और चंदन के दोनों बच्चे भी अपने नाना के पास रह रहे थे. पतिपत्नी के अलावा उस मकान में कोई नहीं रहता था.

चंदन बिचपई से 25 किमी दूर मदैनिया गांव का निवासी था, जो करमा थाना क्षेत्र में आता था. घटना की सूचना करमा थाने को दी गई, वहां से यह खबर चंदन के परिवार तक पहुंचा दी गई.

इंसपेक्टर मिश्रा ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेज दिया और कोतवाली लौट आए. 2 घंटे बाद चंदन का भाई अपने गांव से राबर्ट्सगंज कोतवाली पहुंचा. उस ने इंसपेक्टर मिश्रा को एक लिखित तहरीर दी, जिस में उस ने चंदन की हत्या का आरोप उस की पत्नी पिंकी उर्फ प्रियंका, ससुर परमेश्वर भारती, सास चमेली, साले पिंटू और पड़ोसी कृष्णा चौहान पर लगाया था. भाई ने तहरीर में कृष्णा से पिंकी के संबंध होने का जिक्र किया था.

तहरीर देख कर इंसपेक्टर मिश्रा चौंके. उन के मन का संदेह सच होता दिखने लगा. लाश की स्थिति देख कर उन्हें पहले ही चंदन के आत्महत्या पर संदेह था. पति की मौत पर पिंकी भी उतनी दुखी नहीं लग रही थी, उस का चीखनाचिल्लाना नाटक सा लग रहा था.

खैर, अब इंसपेक्टर मिश्रा को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार था. शाम को जब रिपोर्ट आई तो उस में चंदन की हत्या किए जाने की पुष्टि हो गई.

इस के बाद इंसपेक्टर मिश्रा ने चंदन की लिखित तहरीर के आधार पर पिंकी, कृष्णा चौहान, परमेश्वर भारती, चमेली और पिंटू के खिलाफ भादंवि की धारा 302/201 के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया.

इंसपेक्टर मिथिलेश मिश्रा ने केस की जांच शुरू करते हुए कृष्णा चौहान उर्फ किशन के बारे में पता किया तो जानकारी मिली कि वह आपराधिक प्रवृत्ति का था. बिचपई में वह पिंकी के घर के पड़ोस में अपनी मां के साथ किराए पर रहता था.

जांच के दौरान पूछताछ में यह भी पता चला कि कृष्णा का पिंकी के घर काफी आनाजाना था. वह घर से गायब भी था. पिंकी और कृष्णा की काल डिटेल्स निकलवाई गई तो उस से भी दोनों के संबंधों की पुष्टि हो गई. इस के बाद इंसपेक्टर मिश्रा किशन उर्फ कृष्णा की गिरफ्तारी के प्रयास में लग गए.

11 जून को उन्होंने मुखबिर की सूचना पर राबर्ट्सगंज के रोडवेज बस स्टैंड से किशन और प्रियंका को गिरफ्तार कर लिया. भेद खुल जाने की आशंका से प्रियंका किशन के साथ कहीं भाग जाने की फिराक में थी, लेकिन पकड़ी गई.

कोतवाली ला कर जब दोनों से कड़ाई से पूछताछ की गई तो दोनों ने चंदन की हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया और हत्या करने के पीछे की पूरी कहानी बयां कर दी—

उत्तर प्रदेश के जिला सोनभद्र के थाना करमा क्षेत्र के मदैनिया गांव में शंकर भारती रहते थे. वह रेलवे में थे. उन के परिवार में पत्नी कबूतरी के अलावा एक बेटी राजकुमारी और 2 बेटे चंद्रशेखर व चंदन थे.

उन्होंने सब से बड़ी बेटी राजकुमारी का विवाह समय रहते कर दिया था. बेटों में चंद्रशेखर बड़ा था. वह किसी के यहां कार ड्राइवर की नौकरी करता था. सब से छोटे चंदन ने बीए तक पढ़ाई की थी. सब कुछ अच्छा चल रहा था कि 2002 में शंकर भारती की मृत्यु हो गई.

मृतक आश्रित कोटे में नौकरी की बात आई तो आपसी सहमति से चंदन का नाम दिया गया. 2004 में चंदन रेलवे में भरती हो गया. वर्तमान में वह चुर्क में बतौर केबिनमैन कार्यरत था. रेलवे में नौकरी लगते ही चंदन के लिए रिश्ते आने लगे.

एनटीपीसी में इंजीनियर परमेश्वर भारती बीजपुर में रहते थे. परिवार में पत्नी चमेली और एक बेटी पिंकी उर्फ प्रियंका व 2 बेटे थे पिंटू और रिंकू.

पिंकी सब से बड़ी थी. उस ने बीए कर रखा था. परमेश्वर को चंदन के बारे में पता चला तो उन्होंने उस के बारे में जानकारी हासिल की. उस समय करमा थाने के जो इंसपेक्टर थे, वह परमेश्वर के रिश्तेदार थे. परमेश्वर ने उन से बात की तो उन्होंने पता करके परमेश्वर को बताया कि लड़का बहुत अच्छा और सीधासादा है. उस में कोई ऐब भी नहीं है, सरकारी नौकरी में है. फिर रिश्ता तय हुआ और 2005 में चंदन और पिंकी का विवाह हो गया.

पिंकी खबसूरत और पढ़ीलिखी थी. वह अच्छे खातेपीते परिवार से ताल्लुक रखती थी. विवाह के बाद जब वह अपनी ससुराल आई तो वहां का मकान और रहनसहन उसे अच्छा नहीं लगा. लेकिन अब वह कुछ नहीं कर सकती थी.

शादी के बाद पिंकी चंदन से जिद करने लगी कि वह बिचपई में रहे. बिचपई में पिंकी के पिता का एक मकान खाली पड़ा था. पिंकी ने उस में चंदन के साथ रहने की बात अपने पिता परमेश्वर से कर ली थी.

चंदन को मानना पड़ा

आए दिन पिंकी चंदन से बिचपई चल कर रहने की जिद करती. चंदन अपने परिवार के साथ रहना चाहता था, इसलिए पिंकी की बात पर ध्यान नहीं देता था. अपनी बात न मानते देख पिंकी बीवियों वाले हथकंडे अपनाने लगी. उस से नाराज हो कर बोलना बंद कर देती, खाना नहीं खाती थी. इस पर चंदन समझाता तो उस की बात सुनती तक नहीं थी. आखिर चंदन को उस की जिद के आगे झुकना ही पड़ा.

वह पिंकी के साथ बिचपई में अपने ससुर परमेश्वर के मकान में रहने लगा. कालांतर में प्रियंका 2 बेटों अमन और नमन की मां बनी. स्कूल जाने लायक तो प्रियंका ने उन्हें नाना परमेश्वर के पास भेज दिया.

चंदन कभीकभी शराब पी लेता था. पीने पर पिंकी कुछ कहती तो वह उस की पिटाई कर देता था. पिंकी भी चंदन के साथ कुछ अच्छा व्यवहार नहीं करती थी. वह ज्यादातर मायके का ही गुणगान करती रहती थी.

चंदन अपने घरवालों से बात करता या उन की तारीफ करने लगता तो पिंकी के तनबदन में आग लग जाती थी. पत्नी के रूखे व्यवहार के कारण चंदन ज्यादा शराब पीने लगा था. शराब पीने के बाद दोनों में झगड़ा जरूर होता था.

किशन उर्फ कृष्णा चौहान फुलाइच तरवा आजमगढ़ का रहने वाला था. उस के पिता रामत चौहान ने 2 शादियां की थीं. रामत चौहान पहली पत्नी और उस की 2 बेटियों के साथ आजमगढ़ में रह रहा था. किशन उस की दूसरी पत्नी रमा का बेटा था.

कृष्णा अपनी मां के साथ डेढ़ साल से पिंकी के घर के पड़ोस में किराए पर रह रहा था. वह अपराधी प्रवृत्ति का था. राबर्ट्सगंज कोतवाली में उस पर 2019 में धारा 457/380/411 के तहत मुकदमा भी दर्ज था. 29 साल का किशन अविवाहित था.

पड़ोस में रहते हुए उस की नजर पिंकी पर गई तो उस की खूबसूरती देख कर किशन उस की ओर आकर्षित हो गया. चंदन ड्यूटी पर रहता था, प्रियंका घर में अकेली होती थी.

पड़ोसी होने के नाते पिंकी और किशन एकदूसरे को जानते  थे, पर अभी तक बात नहीं हुई थी. दोनों की नजर एकदूसरे पर पड़ती, तो जल्दी नहीं हटती थी.

एक दिन किशन सुबहसुबह पिंकी के घर पहुंच गया. हमेशा की तरह पिंकी उस समय भी अकेली थी. दरवाजा खटखटाने पर पिंकी ने दरवाजा खोला तो किशन को खडे़ पाया और मुंह से निकला, ‘‘अरे आप…’’

‘‘जी, मैं आप का पड़ोसी किशन.’’

‘‘जानती हूं आप को, बताने की जरूरत नहीं.’’ पिंकी ने मुस्करा कर कहा, ‘‘अरे अंदर आइए, बाहर क्यों खड़े हैं.’’

औपचारिकतावश पिंकी ने कहा तो किशन बोला, ‘‘चाय बनाने जा रहा था तो देखा चीनी नहीं है. अभी दुकानें भी नहीं खुली हैं. फिर सोचा पड़ोसी ही पड़ोसी के काम आता है, इसलिए आप के पास चला आया. इस बहाने आप से परिचय भी हो जाएगा.’’

‘‘अच्छा किया. अब मैं खुद आप को चाय बना कर पिलाती हूं. उस के बाद आप चीनी भी ले जाइएगा.’’ कह कर पिंकी ने उसे कुरसी पर बैठाया और खुद चाय बनाने किचन में चली गई.

कामी नजर

किशन जिस जगह कुरसी पर बैठा था, ठीक उसी के सामने किचन थी. किशन चाय बनाती पिंकी को पीछे से ताड़ रहा था. पिंकी के शरीर की बेहतरीन बनावट उस की आंखों में प्यास जगा रही थी. इसी बीच पिंकी ने पलट कर उस की ओर देखा तो उसे अपनी ओर देखते पाया. एकाएक दोनों की आंखें मिलीं तो होंठ खिल उठे. चाय के कप टे्र में रख कर पिंकी किचन से बाहर आई और टे्र मेज पर रख कर किशन को चाय देते हुए पूछा, ‘‘आप लोग कुछ समय पहले यहां रहने आए हैं, इस से पहले कहां रहते थे?’’

‘‘भाभी, मैं पहले आजमगढ़ में रहता था. वहां मेरे पिता रहते हैं. यहां मैं अपनी मां के साथ रहता हूं.’’

फिर चाय का घूंट भरते हुए किशन पिंकी की तारीफ करते हुए बोला, ‘‘वाह, आप चाय बहुत बढि़या बनाती हैं.’’

‘‘तारीफ के लिए शुक्रिया.’’ तारीफ सुन कर पिंकी खुशी से बोली.

चाय पीतेपीते उन दोनों ने एकदूसरे के बारे में जानकारी ली. पिंकी को किशन से बात करना बहुत अच्छा लग रहा था. उस की बातें और बात करने का ढंग अलग ही था. काफी देर तक बातें करने के बाद किशन वहां से चला गया.

इस के बाद तो दोनों के बीच हर रोज बातें होने लगीं. किशन किसी न किसी बहाने से पिंकी के पास पहुंच जाता. पिंकी भी जान गई थी कि किशन उस से मिलने और बातें करने के लिए बहानों का सहारा लेता है. इसलिए एक दिन उस ने किशन से कह दिया कि उसे मिलने के लिए किसी बहाने की जरूरत नहीं है. वह ऐसे भी मिलने आ सकता है.

किशन खुश हो गया कि अब उसे बहाने नहीं बनाने पड़ेंगे. अब जब देखो किशन पिंकी के पास ही नजर आने लगा. घर के कामों में भी उस की मदद करने लगा. साथ में काम करतेकरते हंसीमजाक करते कब समय बीत जाता, पता ही नहीं चलता. चंदन के घर आने से पहले ही किशन वहां से चला आता था.

कुछ ही दिनों में दोनों काफी घुलमिल गए. दोनों को एकदूसरे के बिना कुछ अच्छा नहीं लगता था. किशन तो जानता था कि वह पिंकी को जी जान से चाहने लगा है. लेकिन अब पिंकी को भी एहसास होने लगा कि किशन चुपके से आ कर किस तरह उस की जिंदगी बन गया, उस के दिलोदिमाग पर छा गया.

पिंकी के दिमाग में सिर्फ उस की बातें ही घूमती रहती थीं. किशन पिंकी के दिलोदिमाग पर ऐसा छाया कि वह भी उस की ओर खिंचने लगी. जब प्यार का एहसास हुआ तो वह भी किशन से मजाक कर के लिपटनेचिपटने लगी. पिंकी का ऐसा करना किशन के लिए शुभ संकेत था कि वह उस की होने के लिए बेताब है.

एक दिन दोनों पासपास बैठे किशन की लाई आइसक्रीम खा रहे थे. किशन ने अपनी आइसक्रीम खाई तो उस ने ऐसा मुंह बनाया जैसे उसे आइसक्रीम अच्छी न लगी हो. फिर उस ने पिंकी की आइसक्रीम की ओर देखा और तेजी से उस का हाथ पकड़ कर उस की आइसक्रीम की एक बाइट खा ली.

किशन की इस हरकत पर पिंकी भौंचक्की रह गई. फिर शरारती अंदाज में उस की पीठ पर प्यार से धौल जमाने लगी. उस के इस अंदाज से किशन हंसने लगा. फिर बोला, ‘‘आप की आइसक्रीम सच में बहुत मीठी है.’’

पिंकी उस से नाराज होने की बात कह कर चुपचाप बैठ गई तो किशन की नजर पिंकी के पिंक लिप्स पर गई, जहां कुछ आइसक्रीम लगी हुई थी. उसे शरारत सूझी, वह अपने चेहरे को पिंकी के चेहरे के पास ले गया और उस के चेहरे को अपने हाथों में ले कर उस के पिंक लिप्स को अपने होंठों से चाट लिया.

इस शरारत से पिंकी अचंभित रह गई, लेकिन इस शरारत ने उस के शरीर में आग भरने का काम किया. किशन भी अपने आप को नहीं रोक पाया. वह बराबर पिंकी के लिप्स को चूमने लगा तो पिंकी ने मस्त हो कर आंखें मूंद लीं. इस के बाद तो उन के बीच वही हुआ जो अकसर उन्माद के क्षणों में होता है. दोनों बहके तो ऐसे फिसले कि अपनी इच्छा पूरी करने के बाद ही अलग हुए.

उन के बीच एक बार जो अनैतिक रिश्ता बना तो वह बारबार दोहराया जाने लगा. लेकिन ऐसे रिश्ते की सच्चाई अधिक दिनों तक छिपी नहीं रह पाती. एक दिन चंदन ने दोनों को रंगेहाथों पकड़ लिया. इस के बाद किशन तो वहां से चला गया, लेकिन चंदन ने पिंकी को जम कर पीटा. साथ ही आगे से ऐसी नापाक हरकत न करने की हिदायत दी.

पिंकी के इस गलत कदम से चंदन परेशान रहने लगा. उस की अपने भाई चंद्रशेखर से बात होती रहती थी. उस ने भाई को भी पिंकी के किशन से अवैध संबंध के बारे में बता दिया.

दूसरी ओर पिंकी पर चंदन द्वारा की गई पिटाई और हिदायत का कोई असर नहीं हुआ. वैसे भी चंदन हर वक्त घर पर रह नहीं सकता था. इस के अलावा घर में पिंकी पर नजर रखने वाला कोई नहीं था. पिंकी पहले की तरह ही किशन के साथ रंगरलियां मनाती रही. वह चाहती थी कि उस के और किशन के रिश्ते पर कोई तर्कवितर्क न करे.

5/6 जून की रात किशन और पिंकी रंगरलियां मना रहे थे कि रात 12 बजे चंदन घर लौट आया. उस ने पिंकी और किशन को एक साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया तो वह उन से झगड़ने लगा. इस पर किशन ने पिंकी से कहा कि आज इस का काम खत्म कर देते हैं.

पिंकी भी उस की बात से सहमत थी, इसलिए उस का साथ देने लगी. वह घर में पड़ी नायलोन की रस्सी उठा लाई. दोनों ने मिल कर रस्सी से चंदन का गला घोंट दिया, जिस से उस की मौत हो गई.

चंदन की हत्या करने के बाद दोनों ने उस की लाश को नायलोन की रस्सी से बांध कर घर की लोहे की चौखट से लटका दिया, जिस से यह लगे कि चंदन ने आत्महत्या की है. इस के बाद किशन वहां से चला गया.

सुबह जब पुलिस आई तो पिंकी ने उस के आत्महत्या कर लेने की बात ही बताई. लेकिन उन दोनों की चाल काम न आई और दोनों पकड़े गए. आवश्यक कानूनी लिखापढ़ी कर के दोनों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया.

—कथा पुलिस सूत्रों व चंद्रशेखर से पूछताछ पर आधारित

युवाओं में क्यों बढ़ रहा है यूटीआई का खतरा ?

सवाल
मेरी शादी को कुछ ही महीने हुए हैं. मुझे 2 बार यूटीआई हो गया है. मेरी समझ नहीं आ रहा है कि ऐसा क्यों हो रहा है?

जवाब
शादी के बाद नयानया सैक्सुअल इंटरकोर्स होता है, इसलिए संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. जो महिलाएं नियमित यौन संबंध बनाती हैं, उस से ज्यादा संख्या में बैक्टीरिया ब्लैडर में चले जाते हैं. बारबार यौन संबंध बनाने से हुए संक्रमण को हनीमून सिस्टिरिस कहते हैं. अत: यौन संबंध बनाने के बाद यौन अंग को अच्छी तरह धो लें और यूरिन पास करें ताकि बैक्टीरिया शरीर से बाहर निकल जाएं. शारीरिक संबंध बनाने के बाद दर्द हो या फिर यूरिन पास करते समय जलन हो तो डाक्टर से संपर्क करें.

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यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन या यूटीआई (यह ट्रैक्ट शरीर से मुख्यरूप से किडनी, यूरेटर ब्लैडर और यूरेथरा से मूत्र निकालता है) एक प्रकार का विषाणुजनित संक्रमण है. यह ब्लैडर में होने वाला सब से सामान्य प्रकार का संक्रमण है लेकिन कई बार मरीजों को किडनी में गंभीर प्रकार का संक्रमण भी हो सकता है जिसे पाइलोनफ्रिटिस कहते हैं.

यौनरूप से सक्रिय महिलाओं में यह अधिक होता है क्योंकि यूरेथरा सिर्फ 4 सैंटीमीटर लंबा होता है और जीवाणु के पास ब्लैडर के बाहर से ले कर भीतर तक घूमने के लिए इतनी ही जगह होती है. डायबिटीज होने से मरीजों में यूटीआई होने का खतरा दोगुना तक बढ़ जाता है.

डायबिटीज से बढ़ता है जोखिम

–     डायबिटीज के कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है, इसलिए शरीर जीवाणुओं, विषाणुओं और फुंगी से मुकाबला करने में अक्षम हो जाता है. इस वजह से डायबिटीज से पीडि़त मरीजों को अकसर ऐसे जीवाणुओं की वजह से यूटीआई हो जाता है. इस में सामान्य एंटीबायोटिक काम नहीं आते हैं.

–     लंबी अवधि की डायबिटीज ब्लैडर को आपूर्ति करने वाली नसों को प्रभावित कर सकती है जिस की वजह से ब्लैडर की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं जो यूरिनरी सिस्टम के बीच सिग्नल को प्रभावित कर ब्लैडर को खाली होने से रोक सकती हैं. परिणामस्वरूप, मूत्र पूरी तरह से नहीं निकल पाता है और इस की वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

–     मेटाबोलिक नियंत्रण खराब होने से डायबिटीज से पीडि़त मरीज में किसी प्रकार के संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है.

–     कुछ नई एंटीडायबिटीक दवाओं की वजह से मामूली यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन हो सकता है.

क्या हैं लक्षण

लोअर यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन

–     पेशाब करते हुए दर्द होना.

–     पेशाब में जलन महसूस होना.

–     तत्काल पेशाब करने की जरूरत महसूस होना.

–     असमंजस.

–     क्लाउडी यूरिन.

–     पेशाब में से अजीब सी बदबू आना.

–     पेशाब में खून.

–     पेट के निचले हिस्से में दर्द.

–     पीठ में दर्द.

अपर यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन

–     सर्दी के साथ तेज बुखार.

–     उलटी होना.

–     पेट के निचले हिस्से में दर्द.

–     बगल में दर्द.

आमतौर पर इन लक्षणों का मतलब होता है कि संक्रमण किडनी तकपहुंच चुका है. इस गंभीर समस्या से नजात पाने के लिए अस्पताल में भरती होने की जरूरत हो सकती है. तत्काल उपचार से लक्षणों से भी छुटकारा मिल सकता है और संक्रमण के फैलने से भी बचा जा सकता है. कई दुर्लभ मामलों में यूटीआई की वजह से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जैसे किडनी को नुकसान या फिर किडनी फेल होना. यूटीआई का पता लगाने के लिए बैक्टीरिया और पस के लिए एक अत्यंत साधारण मूत्र परीक्षण काफी है. एंटीबायोटिक को ले कर संवेदनशीलता के लिए यूरिन कल्चर, पेट का अल्ट्रासाउंड और गंभीर मामलों में सीटी स्कैन किया जाता है.

उपचार

लोअर यूटीआई, जो जटिल नहीं होता है, का उपचार बाहरी रोगी के तौर पर ओरल एंटीबायोटिक के साथ डाक्टर की उचित देखरेख में किया जा सकता है. कोई भी रेनल या कार्डिएक बीमारी न होने पर विभिन्न प्रकार के ओरल फ्लुइड्स लेने की सलाह दी जा सकती है. उपचार करने वाले डाकटर की अनुमति से दर्द में राहत देने वाली सुरक्षित दवाएं दी जा सकती हैं. दर्दनिवारक दवाओं से आमतौर पर बचना चाहिए क्योंकि इन से किडनी को नुकसान हो सकता है.

जटिल यानी अपर यूटीआई के लिए अस्पताल में भरती होने के साथ लंबे समय तक एंटीबायोटिक लेनी पड़ती है.

पौलीस्टिक ओवरियन सिंड्रोम और डायबिटीज का संबंध

यह ऐसी परिस्थिति है जो बच्चे पैदा करने की उम्र की महिलाओं को बड़े पैमाने पर प्रभावित करती है जहां उन के अंडाशय की सतह पर असामान्य छोटे दर्दरहित सिस्ट होते हैं. इस के अलावा उन में असामान्यरूप से अधिक मात्रा में पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरौन होते हैं और अन्य हार्मोन का असामान्य अनुपात होता है जिस के परिणामस्वरूप शरीर में इंसुलिन की मात्रा उच्च होने के साथ ही अनियमित मासिकचक्र होता है.

संकेत

–     अनियमित मासिकधर्म.

–     ओलिगोमेनोहोयिया यानी मासिकचक्र के दौरान कम रक्तस्राव.

–     चेहरे, छाती और निपल के पास अधिक बाल.

–     एक्ने.

–     बांझपन.

–     अधिक वजन.

कारक

इंसुलिन प्रतिरोध और वजन बढ़ना पौलीसिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम यानी पीसीओएस के 2 प्रमुख कारक हैं. इंसुलिन प्रतिरोध की वजह से शरीर में सामान्य से अधिक इंसुलिन का उत्पादन होता है जिसे हाइपरइंसुलिनेमिया कहते हैं. अधिक मात्रा में इंसुलिन की वजह से अंडाशय में अत्यधिक मात्रा में टेस्टोस्टेरौन होता है जिस की वजह से सामान्य अंडोत्सर्ग पैदा हो सकता है.

अधिक मात्रा में इंसुलिन की वजह से वजन भी बढ़ सकता है जिसे टाइप 2 डायबिटीज और पीसीओएस से जोड़ा जा सकता है. पीसीओएस से पीडि़त महिलाओं में कम उम्र में डायबिटीज होने का जोखिम चारगुना अधिक होता है.

पीसीओएस से पीडि़त कई मरीजों में मेटाबोलिक सिंड्रोम होते हैं जिन में पेट पर मोटापा, बैड कोलैस्ट्रौल सीरम ट्रिगलीसेराइड्स का बढ़ना, गुड कोलैस्ट्रौल का घटना, सीरम हाई डैंसिटी लिपोप्रोटिन और रक्तचाप बढ़ना शामिल हैं.

पीसीओएस से पीडि़त महिलाओं में कोरोनरी आर्टरी कैल्शिफिकेशन और बढ़ा हुआ कैरोटिड इंटिमा की मोटाई देखने को मिलती है.

बचाव

–     जीवनशैली प्रबंधन, खाने पर ध्यान और व्यायाम करें.

–     वजन कम करें.

–     डाक्टर से सलाह कर इंसुलिन सैंसिटाइजर्स मैडिकेशन मेटफौर्मिन का इस्तेमाल किया जा सकता है.

–     हार्मोनली मैडिकेशन.

जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस

जब गर्भवती मां में गर्भवती होने के दौरान पहली बार ग्लूकोज प्रतिरोध अनियमित पाया जाता है तो उसे जेस्टेशन डायबिटीज कहते हैं. ऐसी महिलाओं में भ्रूण द्वारा अधिक मात्रा में ग्लूकोज लेने के परिणामस्वरूप बड़े आकार के बच्चे को जन्म देने का जोखिम होता है. अधिक ब्लड ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित न करने पर नवजात बच्चे की मौत का खतरा बना रहता है.

जेस्टेशनल डायबिटीजका इलाज

–     औब्सेट्रेटीशियन की सलाह के साथ नियमित व्यायाम करें.

–     न्यूट्रीशनिस्ट के पास जाएं और कम कार्बोहाइड्रेट अनुपात वाला डाइट चार्ट बनवाएं.

–     हर दिन ब्लड ग्लूकोज का स्तर जांचें.

–     नियमितरूप से अपने डायबिटीज डाक्टर और औब्सेट्रेटीशियन से मिलें.

–     जरूरत पड़ने पर आप को इंसुलिन लेने की सलाह दी जा सकती है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान एंटी डायबिटीक दवाएं नहीं ली जा सकती हैं.

डिलीवरी के बाद क्या करें

–     जेस्टेशन डायबिटीज वाली महिलाओं में डायबिटीज होने का जोखिम सामान्य जेस्टेशन वाली महिलाओं के मुकाबले कम रहता है.

–     डिलीवरी के 6-12 हफ्तों बाद पोस्ट पारटम ओरल ग्लूकोज टौलरैंस किया जाना चाहिए और उस के बाद प्रत्येक 3 वर्षों में एक बार.

–     महिला को सख्त जीवनशैली का पालन अवश्य करना चाहिए और अपना वजन कम करने की कोशिश करनी चाहिए व बीएमआई बरकरार रखनी चाहिए.

–     नियमित एरोबिक और मांसपेशियों को मजबूती देने वाले व्यायाम अवश्य करने चाहिए.

–     महिलाओं में धूम्रपान अधिक नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि इस से इंसुलिन का स्तर बढ़ता है जिस से इंसुलिन प्रतिरोध पैदा होता है जिस के परिणामस्वरूप डायबिटीज बढ़ सकती है. या इस से ठीक उलट भी हो सकता है क्योंकि डायबिटीज से पीडि़त मरीज, जो धूम्रपान करता है, की बीमारी ठीक करना बहुत मुश्किल होता है.

–     धूम्रपान करने वाली महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले कार्डियोवैस्क्यूलर जटिलताएं विकसित होने का खतरा अधिक रहता है.

–     धूम्रपान करने वाली महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का खतरा अधिक रहता है जिस की वजह से समय से रजोनिवृत्ति, हड्डियों में कमजोरी यानी ओस्टियोपोरोसिस जैसी चीजें हो सकती हैं.

–     कुछ अध्ययन बताते हैं कि मासिकचक्र में अनियमितता, ओवरियन सिस्ट इंफर्टिलिटी धूम्रपान से जुड़ी हैं.

–     गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने वाली महिलाओं में समय से पहले जन्म देने, अस्थानिक गर्भावस्था, मृतबच्चे का जन्म, बच्चे के कम वजन जैसे खतरे होते हैं.

यूटीआई से कैसे बचें

–     सख्त ग्लाइकैमिक नियंत्रण.

–     अगर कोई रेनल या कार्डिएक समस्या न हो तो अधिक मात्रा में तरल लें.

–     अच्छा जेनाइटल हाइजिन बनाए रखें.

–     सैनिटरी नैपकिंस को बारबार बदलें.

–     ब्लैडर को लगातार खाली करती रहें.

–     प्रसूति रोग विशेषज्ञ से चर्चा करने के बाद रजोनिवृत्त हो चुकी महिलाएं एस्ट्रोजेन क्रीम का इस्तेमाल कर सकती हैं.

–     यौनसंबंध बनाने के बाद उचित साफसफाई पर ध्यान दिया जाना चाहिए.

–     यूटीआई का खतरा पैदा करने वाली एंटीडायबिटीक दवाओं के बारे में डायबिटीक विशेषज्ञ डाक्टर से सलाह लें.

–     लैक्स ब्लैडर का उपचार किया जाना चाहिए.

थायरायड और डायबिटीज

–     थायरायड विकार एक पैथोलौजिकल स्थिति है जो डायबिटीज नियंत्रण को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है और इस में मरीज के परिणामों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने की क्षमता होती है.

–     थायरायड बीमारी डायबिटीज के सब से सामान्यरूप में पाई जाती है और यह अधिक उम्र के साथ जुड़ी होती है. खासतौर पर टाइप 2 डायबिटीज और टाइप 1 डायबिटीज में औटोइम्यून बीमारियां जुड़ी होती हैं.

–     थायरायड विकार शरीर के मेटाबोलिक नियंत्रण को प्रभावित करता है और इसलिए ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित करना मुश्किल होता है.

–     थायरायड प्रोफाइल मरीजों को औटोइम्यूनिटी पर संशय होने पर थायरायड औटोएंटीबौडी की भी जांच करानी चाहिए.

–     ब्लड ग्लूकोज प्रबंधन के साथ उचित ढंग से नजर रखने के साथ ही थायरायड का उचित उपचार किया जाना चाहिए.

जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस की स्थिति में गर्भधारण के दौरान नवजात को जान का खतरा रहता है.

धंसता न्यूयॉर्क

वैज्ञानिकों की खासीयत तो इसी में है कि वे कुछ अद्भुत सोचें जिस का आम आदमी को पता न हो और सीधे मतलब भी न हो. ???…जैसे, पृथ्वी की सूर्य से दूरी या सूर्य तारे की दूसरे अन्य उसी तरह के तारे से दूरी (अल्फा सेंटौरी एववी पाउड लाइट ईयर दूर जबकि लाइट ईयर दूरी नापने का पैमाना है जिस का मतलब है कि दूरी जितने में एक साल में लाइट एक जगह से दूसरी जगह जाएगी जब लाइट की गति 1,85,000 मील प्रति सैकंड हो) 39,90,00,00,00,00,000 किलोमीटर है…??? धार्मिक गुरु इस संख्या को अनंत कह कर टाल देते हैं पर वैज्ञानिक तर्क, टैलीस्कोप, गणित से खोजते हैं.

अब इन्हीं वैज्ञानिकों ने कहा है कि अमेरिका का प्रमुख शहर न्यूयॉर्क, जो एक द्वीप पर बसा है, धंस रहा है क्योंकि उस पर हर रोज बड़ीबड़ी बिल्डिगों, लोगों और समय का बोझ बढ़ रहा है. उन का अनुभव है कि न्यूयॉर्क पर 17 खरब टन लोहा, सीमेंट, कंक्रीट, रोड़ी, पत्थर आदि यानी 4,700 एंपायर एस्टेट जैसी बिल्डिंगों का भार हो गया है जो न्यूयॉर्क को धंसा रहा है.

वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण समुद्र का पानी ऊपर हो रहा है और एक दिन न्यूयॉर्क की सडक़ें पानी से भर सकती हैं.

पर साथ ही, वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि न्यूयॉर्क वालों को अभी नावें खरीदने की जरूरत नहीं है. धंसने से पानी के ऊपर आने की गति इतनी धीमी है कि न्यूयॉर्क के मैनहट्टन इलाके, जो ठोस रौक पर बसा है, में पानी पहुंचने में कई सौ साल लगेंगे.

वैज्ञानिकों की तरह प्रलय की भविष्यवाणी सभी धर्मगुरु करते रहे हैं पर उन का उद्देश्य सिर्फ एक होता है कि आप के पास आज जो है वह चर्च, मठ आश्रम, मसजिद को दे दो. प्रलय के बाद भगवान आप दानियों को स्वर्ग में सुरक्षित स्थान देगा. जबकि, वैज्ञानिक छिपी हुई चेतावनी देता है कुछ ज्ञान बढ़ाने के लिए तो कुछ नीतियों को बनाने वालों को नई सोच देने के अवसर देने के लिए.
न्यूयॉर्क फिलहाल बस 1 मिलीमीटर प्रतिवर्ष की गति से धंस रहा है.

नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा, जयकारे और जलता मणिपुर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका यात्रा पर निकल गए हैं, जहां उन का स्वागत मोदी… मोदी… कर के कुछ इस तरह हो रहा है जैसे मानो कोई आकाश से धरती पर देवपुरुष उतर आया हो. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह सब अच्छा लगता है क्योंकि वे जहां भी जाते हैं लगभग इसी तरह की पटकथा लिखी जाती है. वहां भारतीयों का हुजूम इकट्ठा हो जाता है और उन के बीच जाते हैं, लोग मोदी…मोदी… करते हैं और देश का गोदी मीडिया उसे कुछ इस तरह दिखाता है मानो यह कोई बहुत बड़ी उपलब्धि है.

सीधी सी बात है, आप सत्ता में हैं आप के पास ताकत है तो कोई भी आप की जयजयकार करेगा. महत्त्व तब है जब आप सत्ता में न हों, आप पैसे खर्च करने की बखत न रखते हों और कोई आप को तब नमस्ते करे, आप की जयजयकार करे. मगर यहां सब कुछ उलटा हो रहा है. यह एक नई परंपरा है.

देश की आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू से ले कर अटल बिहारी वाजपेयी तक की अगर हम बात करें तो किसी भी प्रधानमंत्री ने अपनी जयजयकार इस तरह नहीं करवाई है. नरेंद्र मोदी को अपनी जयजयकार करवाने में आनंद आता है।

देश यह पूछना चाह रहा है कि मणिपुर जल रहा है और केंद्र सरकार का यह दायित्व है कि उसे शांति के रास्ते पर लाए. मगर ऐसा नहीं कर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में राजकीय अतिथि बनना पसंद किया तो सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर आप प्रधानमंत्री पद का दायित्व किस तरह निभा रहे हैं? क्या आप को मणिपुर की हिंसा से तकलीफ नहीं है?

इस का जवाब तो आप को आज नहीं तो कल देना होगा. क्योंकि आप जिस पद पर हैं इतिहास आप का पीछा नहीं छोड़ेगा. इतिहास तो आप से पूछेगा जब मणिपुर जल रहा था, आप राजकीय अतिथि बन कर अपने जयजयकारे अमरीका में क्यों लगवा गए थे? उस समय आप का सिर नीचा होगा। शायद यही कारण है कि देश के विपक्ष ने अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाते हुए एक बड़ी पहल की मगर मोदी ने उन की मांग को अनदेखा कर दिया.

इन जयकारों का क्या मतलब है

मणिपुर में जारी हिंसा को ले कर कांग्रेस समेत 10 विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की थी. विपक्षी दलों ने मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री अटल अटल बिहारी वाजपेयी की याद दिलाई. इस मामले में इन दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि अमेरिका के दौरे पर रवाना होने से पहले उन्हें मिलने का समय दें ताकि वे मणिपुर राज्य से जुड़े मुद्दों को उन के समक्ष रख सकें.

कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस महासचिव जयराम ने इस पर विस्तार से प्रकाश डाला था और बताया कि कांग्रेस, जनता दल (एकी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तृणमल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, औल इंडिया फारवर्ड ब्लौक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (यूबीटी) और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी). इस तरह एक तरह से विपक्ष ने अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाते हुए 12 जून, 2023 को लगभग 10 दिन पहले प्रधानमंत्री कार्यालय से संवाद करते हुए नरेंद्र मोदी से मिलने की पेशकश की थी ताकि मणिपुर में शांति का रास्ता निकल सके.

जयराम रमेश चाहते थे कि मणिपुर में समान विचार वाले 10 विपक्षी दलों के नेता प्रधानमंत्री से मिल कर जलते हुए मणिपुर में शांति कायम करने का प्रयास करेंगे. उन्हें विश्वास था कि प्रधानमंत्री विदेश यात्रा के लिए रवाना होने से पहले इन नेताओं से मिलेंगे. मगर ऐसा नहीं हुआ और विपक्ष को अनदेखा करते हुए प्रधानमंत्री अमेरिका रवाना हो गए.

विपक्ष की सुने सरकार

यहां याद दिलाते चलें कि 20 साल पहले भी मणिपुर जल रहा था और उस समय सभी दलों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने का आग्रह किया था. इस के बाद सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वाजपेयी से 2 बार मिला और इस तरह आखिरकार मणिपुर में शांति कायम हो गई थी.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश कहते हैं,”प्रधानमंत्री से हम कहना चाहते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी को याद रखिए.”

रमेश ने आरोप लगाया कि मणिपुर की मौजूदा स्थिति के लिए भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिम्मेदार है. मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोब सिंह ने कहा है कि हम राजनीति करने के लिए नहीं आए हैं, प्रधानमंत्री से सिर्फ यह आग्रह करना चाह रहे हैं कि पहले मणिपुर में सामान्य स्थिति सुनिश्चित की जाए और फिर 2 समुदायों के बीच बातचीत शुरू की जाए. मणिपुर में मई से मेड़ती और कुक समुदाय के लोगों के बीच भड़की जातीय हिंसा के बाद से 100 से अधिक लोगों की जानें चली गई हैं. कुल जमा यह कि अमेरिका के सांसद भारत के मणिपुर में इंटरनैट बंद करने पर सवाल उठा रहे हैं। मणिपुर के अशांत होने पर चिंता जाहिर कर रहे हैं और दूसरी तरफ हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका यात्रा में अपने जयकारे लगवा रहे हैं.

Navya Nanda Video : अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या की हिंदी से इंप्रेस हुए लोग, बांधे तारीफों के पुल

Navya Naveli Nanda Viral Video : अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा आए दिन सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं. वह अपनी जिंदगी की हर एक अपडेट अपने फैंस के साथ शेयर करती है. अभी तो उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम भी नहीं रखा है. इससे पहले ही वह फैंस की फेवरेट बन गई हैं. नव्या एक बिजनेसवुमैन हैं, जो महिलाओं के लिए काम करती हैं.

इस समय सोशल मीडिया पर नव्या (Navya Naveli Nanda Viral Video) का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह हिंदी भाषा में लोगों की भलाई के बारे में बात कर रही हैं. इससे उनके फैंस उनकी सोच से तो इंप्रेस हुए है ही. साथ ही लोग उनकी हिंदी की भी तारीफ कर रहें हैं.

जानें क्या कहा नव्या ने?

आपको बता दें कि, अपने सोशल मीडया अकाउंट पर नव्या (Navya Naveli Nanda Viral Video) ने खूद ये वीडियो शेयर किया है. जो उनके एक इंटरव्यू का टीजर है. वीडियो में नव्या कहती हैं, ‘एक चीज जो बार-बार सुनती हूं वह यह है कि आप बहुत यंग हो. आपके पास एक्सपीयंस नहीं है. तो ऐसे में एक सवाल आता है कि अरे आप तो 25 साल की हो. लाइफ के बारे में आपको क्या एक्सपीरियंस है? तो आप कैसे हेल्थकेयर, लीगल अवेयरनेस और घरेलू हिंसा आदि विषयों के बारे में काम कर सकती हो?’

नव्या- इस जनरेशन का क्या होगा?

इसके आगे नव्या कहती हैं, ‘मैं हमेशा सोचती हूं कि अरे मैं अगर 80 साल तक रुक जाऊं कुछ करने के लिए तो दुनिया का क्या होगा? हमारे देश के कम से कम 80 प्रतिशत लोग हमारी उम्र यानी 20-30 साल के ही हैं. अगर हम सब अभी 50 साल तक इंतजार करेंगे कुछ करने के लिए तो इस पीढ़ी का क्या होगा? इस जनरेशन का क्या होगा? और फिर देश में बदलाव कौन लाएगा? मुझे लगता है कि ये जो बच्चों की नई पीढ़ी आई है. उन्हें इतना ज्ञान है वो भी इतनी कम उम्र में, तो हमे उन्हें अंडरएस्टिमेट नहीं करना चाहिए क्योंकि आज हम बहुत कैपेबल है.

नव्या की हिंदी पर फिदा हुए फैंस

इस वीडियो में नव्या (Navya Naveli Nanda Viral Video) हिंदी में बोल रही है, जिसे देखकर यूजर्स उनसे इंप्रेस हो गए हैं. उनके इस पोस्ट पर लोग जमकर कमेंट कर रहे हैं. जहां एक यूजर ने लिखा, ‘नव्या की हिंदी बहुत शानदार है. ऐसे ही अच्छा काम करती रहो. मुझे वो पेरेंट्स समझ नहीं आते हैं जो अपने बच्चों को हिंदी नहीं सिखाते हैं.’ वहीं एक अन्य यूजर ने तो बॉलीवुड पर ही तंज कस दिया. उसने लिखा, ‘इकलौती स्टार किड जिसके पास दिमाग है’.

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