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अक्षय ने ऐसा क्या कहा कि शरमा गईं दिव्या कुमार

अगर आप तस्वीर से भी ज़्यादा खूबसूरत हों और इंडस्ट्री के जाने माने शक्तिशाली शख्स की पत्नी हों, तो यूं ही कोई आपके चेहरे पर सुर्खी ले आए यह आसान नहीं. लेकिन हाल ही में खूबसूरत दिव्या कुमार के गुलाबी गालों को और सुर्खी देने का सेहरा बंधा खिलाड़ी अक्षय कुमार के माथे.

जी हाँ विषम परिस्थितियों में भी अपनी पहचान बनाकर कामयाबी का परचम लहराने वाले अक्षय कुमार. दरअसल हाल ही में हुए एक अवार्ड फंक्शन में अक्की, टी सीरीज़ के मालिक भूषण कुमार की खूबसूरत पत्नी दिव्या कुमार के बगल में बैठे थे. मज़े की बात है कि दिव्या ने अपने अभिनय करियर की शुरूआत अक्षय कुमार के साथ ही फ़िल्म अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों से की थी. 

तो क्या आप सोच सकते हैं कि इस मौके पर अक्की ने दिव्या से क्या कहा होगा ? भूषण की भौंहें टेढ़ी हो उससे पहले हम आपको जल्दी से बता दें कि उनके बीच हुई बातचीत पूरी तरह से प्रोफेशनल थी, जहां चतुर अक्षय ने बतौर निर्देशक दिव्या की युवा पसन्द फिल्मों को तरजीह देते हुए उनकी प्रशंसा की. सिर्फ यही नहीं दिव्या की पहली सुपरहिट फ़िल्म यारियां के बाद पुल्कित सम्राट और यामी गौतम की दिलकश अदाकारी से सजी फ़िल्म सनम रे की भी अक्षय ने खूब तारीफ़ की. उन्होंने बताया कि सनम रे की ताज़गी ने उन्हें अचंभित कर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि इसका प्रोमो देखने के बाद अब वह इस फ़िल्म को देखना चाहते हैं क्योंकि अक्षय को पूरा यकीन हो चला है कि टी सीरीज़ के बैनर तले जल्द ही एक और हिट फ़िल्म का शुमार होनेवाला है.

अक्षय के इन शब्दों को सुनकर ना सिर्फ कोमल दिव्या के गाल सुर्ख हो गए बल्कि उन्होंने इसके लिए प्रार्थना भी की. सच पूछिए तो यह सुनकर हमें भी बहुत अच्छा लगा लेकिन ईमानदारी से कहें तो हमारे लिए सबसे ज़्यादा ख़ुशी इस बात की है कि जो कभी अपने काम की तारीफ़ नहीं करते उसी बहादुर ने आज दिव्या की तारीफ़ की जो काबिले गौर बात है. सच पूछिए तो इस इंडस्ट्री में जहाँ लोग अपने काम से काम रखना पसन्द करते हैं वहां इस तरह की वास्तविकता बहुत अच्छी लगती है. वह भी एक सुपरस्टार के मुख से. अब हम समझे कि आखिर वो क्या बात थी जिसने दिव्या के गालों को सुर्खी से भर दी. हम समझते हैं इसी को प्रशंसा और सफलता का रंग कहते हैं.

मैच फिक्सिंग के लिए मुझसे संपर्क किया गया: मैथ्यूस

श्रीलंका के कप्तान एंजलो मैथ्यूस ने जांच सदस्यों से मैच बुकी के संपर्क किए जाने की बात स्वीकार की है. श्रीलंका के लिए 56 टेस्ट में 4 हजार से ज्यादा रन बना चुके मैथ्यूस को वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ मैच हारने के लिए भारी रकम की पेशकश की गई थी.

मैथ्यूस ने मैच फिक्सिंग की जांच कर रही श्रीलंकाई पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि उन्हें मैच फिक्स करने को कहा गया था. मैथ्यूस ने कहा, 'जांच दल के सदस्य किसी एक खिलाड़ी के बारे में जांच नहीं कर रहे हैं बल्कि खिलाड़ी से मैच फिक्सिंग के बारे में पूछताछ कर रहे हैं.' मैथ्यूस से श्रीलंकाई पुलिस ने करीब पांच घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की. मैथ्यूस से पुलिस ने कुशल परेरा और रंगना हैराथ से मैच फिक्स करने के ऑफर के बारे में भी पूछा.

गॉल टेस्ट में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ मैच में परेरा और हैराथ ने मैच फिक्स करने के ऑफर को ठुकरा दिया था. बाद में यह मैच श्रीलंका ने पारी और छह रन से जीता जिसमें हैराथ ने 10 विकेट लिए थे. मैथ्यूस ने साफ किया कि खिलाड़ियों ने खुद फिक्सिंग के बारे में बताया है. हालांकि श्रीलंका के खेल मंत्री दयाश्री जयासेकरा ने पुलिस में केस दर्ज किया जिसके बाद मामले में कार्रवाई शुरू हुई है.

सोमवार को श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने मैच फिक्सिंग के लिए एक घरेलू खिलाड़ी को उकसाने के आरोप में गेंदबाजी कोच अनुषा समारनायके को 4 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है. फिक्सिंग को लेकर क्रिकेट में लगातार सवाल उठते रहे हैं और आईसीसी भी फिक्सिंग को लेकर सख्त हो गई है.

अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के लिए चुने गए ये 15 खिलाड़ी

अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप की शुरुआत 27 जनवरी से होने वाली है. ऐसे में भारतीय अंडर-19 टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने मंगलवार को कहा कि उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती 30 संभावित खिलाड़ियों में से 15 खिलाड़ियों को चुनने की थी.

बांग्लादेश की मेजबानी में होने वाले अंडर-19 विश्व कप में भारत का पहला मुकाबला आयरलैंड से 28 जनवरी को होना है. आस्ट्रेलिया ने इस विश्व कप में से सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अपना नाम वापस ले लिया, जिसके बाद आईसीसी ने आयरलैंड को इस विश्व कप में शामिल किया.

द्रविड़ ने बांग्लादेश रवाना होने से पहले पत्रकारों से कहा, 'मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती 30 संभावित खिलाड़ियों में से सर्वश्रेष्ठ 15 खिलाड़ियों को चुनने की थी. सारे ही खिलाड़ी प्रतिभाशाली हैं और उनमें किसी को बाहर रखना मेरे लिए काफी मुश्किल था. हमने खिलाड़ियों को देखा और उसके बाद अंतिम 15 की घोषणा की.' उन्होंने कहा, 'मैंने खिलाड़ियों को उनका स्वाभविक खेल खेलने की बात कही थी. हमारे लिए फायदे की बात यह है कि सभी खिलाड़ी लंबे शॉट्स खेल सकते हैं.'

विश्व कप की तैयारियों के सवाल का जबाव देते हुए राहुल ने कहा कि बल्लेबाज, गेंदबाज, और हरफनमौला खिलाड़ी सभी अच्छे फॉर्म में हैं. झारखंड के विकेटकीपर बल्लेबाज इशान किशन को टीम का कप्तान बनाया गया है. द्रविड़ ने किशन की तारीफ करते हुए कहा, 'हमने कई कप्तानों को अजमाया, जिनमें सबसे बेहतर किशन साबित हुए.'

द्रविड़ ने कहा कि टीम के उप-कप्तान ऋषभ पंत विकेटकीपर की जिम्मेदारी निभाएंगे और किशन कप्तानी पर ध्यान देंगे. द्रविड़ ने कहा कि यह विश्व कप खिलाड़ियों के मुख्य टीम में शामिल होने के लक्ष्य का एक हिस्सा है.

उन्होंने कहा, 'यह विश्व कप युवा खिलाड़ियों के लिए अपने आप को साबित करने का एक मौका है. खिलाड़ियों का पहला लक्ष्य मुख्य टीम में शामिल होने का होना चाहिए. यह टूर्नामेंट उन्हें यह अवसर प्रदान करता है.'

बरिंदर के शॉट से घायल अंपायर वार्ड ने शुरू की नई परंपरा

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज का चौथा वनडे जब कैनबरा में शुरू हुआ, तो मैच की शुरुआत में बल्लेबाज डेविड वॉर्नर और एरॉन फिंच के अलावा एक और शख्स था, जो मैदान पर हेलमेट पहने खड़ा था. वो थे अंपायर जॉन वार्ड. वार्ड के इस कदम के साथ ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हेलमेट पहनकर अंपायरिंग की परंपरा भी शुरू हो गई.

वार्ड के इस फैसले से हैरानी नहीं हुई, क्योंकि कुछ ही महीने पहले जब वो भारत के घरेलू क्रिकेट में एक मैच में अंपायरिंग कर रहे थे, तो एक गेंद उनके सिर पर लगी थी और उन्हें कुछ दिनों तक अस्पताल में बिताने पड़े थे.

पंजाब और तमिलनाडु के बीच खेले गए इस मैच में वार्ड के सिर के पिछले हिस्से में गेंद लगी थी और वे दर्द से कराहते हुए गिर पड़े थे. दरअसल पंजाब के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज बरिंदर सरां उस समय बैटिंग कर रहे थे. उनका ही एक करारा शॉट वार्ड के सिर में जा लगा था. वॉर्ड पिछले कुछ दिनों से बिग बैश मुकाबले में हेलमेट पहनकर अंपायरिंग का अभ्यास भी कर रहे थे.

IPL: पुणे ने धोनी के हाथ सौंपी टीम की कमान

हाल ही में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के नौवें संस्करण में शामिल दो नई टीमें पुणे और राजकोट ने ड्रॉफ्ट के जरिए चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ा था और अब राइसिंग पुणे सुपरजिआंट्स ने एक बड़ा ऐलान करते हुए भारतीय टीम के वनडे और टी20 कप्तान एमएस धोनी को टीम का कप्तान नियुक्त कर दिया है.

सोमवार को राइसिंग पुणे सुपरजिआंट्स टीम के मालिक संजीव गोयनका ने ये बड़ा ऐलान करते हुए खुशी ज़ाहिर की. संजीव गोयनका ने कहा, मैं साल 2016 में बतौर कप्तान धोनी का पुणे की टीम में स्वागत करता हूं.”

15 दिसंबर को जहां पुणे की टीम ने पहली बोली लगाते हुए कप्तान धोनी, अजिंक्ये रहाणे, आर अश्विन, स्टीव स्मिथ और दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज़ फाफ डू प्लेसी को चुना था.

वहीं राजकोट की टीम ने सुरेश रैना, रविन्द्र जडेजा, ब्रैंडन मैक्कुलम, जेम्स फॉक्नर और ड्वेन ब्रावो को चुना था. जहां पुणे ने धोनी को बतौर अपने पहले खिलाड़ी 12.5 करोड़ रूपये की कीमत में खरीदा था. वहीं राजकोट ने रैना को अपना पहला खिलाड़ी चुना था. जिसके बाद रैना ने ट्वीट कर कहा था,‘‘ राजकोट के लिये आईपीएल में खेलने को लेकर रोमांचित हूं. नये साथी खिलाड़ियों और गुजरात के लोगों के सहयोग का इंतजार है.’’

धोनी के बाद अजिंक्ये रहाणे को पुणे ने अपना दूसरा खिलाड़ी बनाते हुए 9.5 करोड़ की बोली लगाई. वहीं राजकोट ने रविन्द्र जडेजा को अपनी दूसरी पसंद बनाया है. रहाणे-जडेजा के बाद पुणे ने अश्विन तो राजकोट ने न्यूज़ीलैंड के कप्तान और चेन्नई के विस्फोटक बल्लेबाज़ को अपना तीसरी पसंद बनाते हुए 7.5 करोड़ में खरीदा है.

बतौर चौथी पसंद पुणे ने ऑस्ट्रेलियाई और राजस्थान रॉयल्स के कप्तान स्टीव स्मिथ को 5.5 करोड़ में वहीं राजकोट ने चौथी पसंद के रूप में ऑस्ट्रेलियाई ऑल-राउंडर जेम्स फॉक्नर को खरीदा. आखिरी और पांचवी खिलाड़ी के रूप में पुणे ने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज़ फाफ डू प्लेसी को वहीं राजकोट ने ड्वेन ब्रावो को 4 करोड़ में खरीदा.

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह निविदा प्रणाली के जरिए कोलकाता के कारोबारी संजीव गोयनका की कंपनी ‘न्यू राइजिंग’ ने जहां पुणे फ्रेंचाइजी के अधिकार हासिल किए, वहीं स्मार्टफोन निर्माता इंटेक्स ने राजकोट फ्रेंचाइजी का मालिकाना हासिल किया.यह दोनों नई टीमें आईपीएल-9/10 में चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की जगह लेंगी, जिन्हें आईपीएल-6 स्पॉट फिक्सिंग मामले में दो वर्ष के लिए निलंबित कर दिया गया है. सुपर किंग्स और रॉयल्स में रहे 50 खिलाड़ियों में से ड्राफ्टिंग में आज कुल 10 खिलाड़ियों का चयन हुआ. पुणे और राजकोट दोनों टीमें पांच-पांच खिलाड़ियों का चयन किया. सबसे कम बोली लगाने वाली टीम पुणे को आज सबसे पहला खिलाड़ी चुनने का मौका मिला. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में खेली जा रही 5 वनडे मैचों की सीरीज़ की कप्तानी भी धोनी ही कर रहे हैं. जिसमें भारतीय टीम 3-0 से सीरीज़ गंवा चुकी है.

टेनिस में मैच फिक्सिंग: जोकोविक को मिला था ऑफर

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टेनिस में पिछले 10 साल में फिक्सिंग के कई मामले सामने आए, लेकिन किसी पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. अब वर्ल्ड नंबर वन नोवाक जोकोविक ने फिक्सिंग पर एक तरह से मुहर लगाते हुए कहा है कि उन्हें भी फिक्सिंग के लिए अप्रोच किया गया था.

जोकोविक के मुताबिक, कॅरियर की शुरुआत में उन्हें भी मैच फिक्सिंग का ऑफर मिला था. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जोकोविक को मैच फिक्सिंग के लिए 2 लाख डॉलर (करीब 1 करोड़ 35 लाख रुपए) ऑफर किए गए थे. उन्होंने कहा कि “मुझे डायरेक्ट अप्रोच नहीं किया गया. 2007 में मेरे साथ जो लोग काम करते थे उनके जरिए अप्रोच किया गया. मैंने फौरन इनकार कर दिया. वो लोग मेरे पास आना चाहते थे लेकिन ऐसा हो नहीं सका.”

 “पिछले छह या सात साल में मैंने फिर कभी फिक्सिंग के बारे में नहीं सुना. कुछ लोगों के बारे में बातें होती रही हैं लेकिन इनसे उन्हीं लोगों को निपटना है. इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकता.” “इस अप्रोच से मैं कुछ डर गया था. क्योंकि मैं इसे किसी गलत काम में शामिल नहीं होना चाहता था.”

किसने किया मैच फिक्सिंग का दावा

बीबीसी और बजफीड ने रविवार शाम को मैच फिक्सिंग से जुड़ी सीक्रेट फाइलें देखने का दावा किया. दावे के मुताबिक, बीते 10 साल में 50 टॉप रैंकिंग प्लेयर्स में 16 ऐसे हैं, जो कथित तौर पर मैच फिक्सिंग में शामिल रहे हैं. बीबीसी के मुताबिक, इन 16 प्लेयर्स ने कई मैच पैसे लेकर हारे. इसकी जानकारी टेनिस इंटेग्रिटी यूनिट (टीआईयू) को भी है.

रिपोर्ट में कहा गया है, जिन प्लेयर्स पर आरोप लगे, उनमें ग्रैंड स्लैम जीतने वाले भी शामिल हैं. लेकिन इनमें से किसी को भी खेलने से रोका नहीं गया. यह रिपोर्ट इसलिए और अहम हो जाती है, क्योंकि सोमवार से ही ग्रैंड स्लैम सीजन का पहला टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलियन ओपन शुरू हो रहा है.

और क्या है दावा?

रिपोर्ट के मुताबिक, टेनिस की गवर्निंग बॉडी एटीपी ने 2007 में इस मामले की जांच भी की थी. एटीपी की जांच में पता लगा कि मैच फिक्सिंग सिंडिकेट रूस, इटली और सिसली से ऑपरेट होता है. इसमें हजारों लाखों डॉलर का हेर-फेर होता है. रिपोर्ट के मुताबिक, विम्बलडन के भी तीन मैच फिक्स किए जा चुके हैं. हालांकि, इनकी डिटेल नहीं दी गई है. 2008 में एटीपी ने 28 प्लेयर्स की जांच के ऑर्डर दिए थे, लेकिन इसके बाद कोई एक्शन नहीं लिया गया. 2009 में एटीपी ने एंटी-करप्शन कोड बनाया, लेकिन लीगल एडवाइस लेने के बाद पुराने मामलों को दबा दिया गया.

कैसे होती थी मैच फिक्सिंग?

रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े टूर्नामेंट्स के दौरान मैच फिक्सिंग होटल रूम में होती थी. प्लेयर्स को 50 हजार डॉलर तक दिए गए. एटीपी चीफ क्रिस करमोड आरोपों को गलत बताते हुए कहते हैं, "मैं भरोसा दिला सकता हूं कि टेनिस को हल्के में नहीं लिया जाएगा."

टीम इंडिया में शामिल हुए जसप्रीत बुमराह

गुजरात के क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है. जसप्रीत टीम में चोटिल बॉलर मोहम्मद शमी की जगह लेंगे. बीसीसीआई की सिलेक्शन कमेटी ने सोमवार को ट्वीट के जरिए इसकी घोषणा की.

जसप्रीत सिंह के अलावा आशीष नेहरा, युवराज सिंह, सुरेश रैना, हरभजन सिंह और हार्दिक पंड्या भी टी20 सीरीज के लिए टीम इंडिया का हिस्सा है. ये सभी खिलाड़ी 26 जनवरी से शुरू हो रही सीरीज के लिए 22 जनवरी को रवाना होंगे. युवराज लंबे गैप के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी कर रहे हैं.

डीडीसीए एपिसोड

नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में सब से ज्यादा बोलने वाले मंत्री अरुण जेटली को आम आदमी पार्टी ने बुरी तरह घेर लिया है. दिल्ली के क्रिकेट स्टेडियम को ले कर जो रस्साकशी चल रही है उस में अरुण जेटली सभी चैनलों, अखबारों को इंटरव्यू देने में लगे जैसे अभिनेता अभिनेत्री अपनी फिल्मों के प्रमोशन के लिए देते रहते हैं. मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दफ्तर में एक अफसर के केबिन में डाले गए छापे से शुरू हुआ था. सीबीआई चाहे जो कहे, एक मुख्यमंत्री के दफ्तर पर छापा मारा जाए तो सरकार व मुख्यमंत्री की छवि तो खराब होगी ही. शासन हो या व्यापार, सैकड़ों कागज ऐसे मिल जाएंगे जो पहली बार में गलत लगेंगे चाहे बाद में उन का औचित्य सिद्ध किया जा सके.

मायावती, मुलायम सिंह, जयललिता, शरद पवार जैसे नेता तो सीबीआई जांच से घबरा जाते हैं पर अरविंद केजरीवाल दूसरी मिट्टी के बने निकले. उन्होंने दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे अरुण जेटली के अध्यक्षीय काल में बने स्टेडियम की मिट्टी की परतें उधेड़नी शुरू कर दीं. नतीजतन, नरेंद्र मोदी के इकलौते मंत्री, जिन के पास वकालत से बहुत अच्छी, शुद्ध आय वर्षों से चली आ रही थी, खुद कठघरे में खड़े हो गए हैं.

यह मामला आंधी की तरह है जो 2-4 दिन में कुछ तोड़फोड़ कर ठंडा पड़ जाएगा जैसा मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह के व्यापमं घोटाले के मामले में हुआ या जैसा ललित मोदी के राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे या विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संबंधों को ले कर हुआ. अरुण जेटली चूंकि नरेंद्र मोदी के लिए आवश्यक हैं, वे आतेजाते तो कहीं नहीं पर उन्हें सफाई देने को मजबूर होना पड़ रहा है और इस का अपरोक्ष लाभ कांगे्रस को मिल रहा है जिस का नैशनल हैराल्ड का मामला फीका पड़ गया.

भाजपा इस मामले से इतनी चिंतित हो गई कि भाजपा सांसद कीर्ति आजाद, जो खुद क्रिकेटर रहे हैं और जिन्होंने डीडीसीए कांड का परदाफाश करने का बीड़ा उठा रखा है, को अमित शाह समझाने के लिए बुलाने को मजबूर हो गए.

डेढ़ साल में भारतीय जनता पार्टी को समझ आ गया है कि शासन चलाने में भ्रष्ट आचरण तो अपनाना ही होगा क्योंकि उलझे मामलों को हल करने के शौर्टकट अपनाने ही पड़ते हैं.

इस सारे मामले में कभी किसी पर दोष साबित होंगे, ऐसा लगता नहीं है. जो पहले दिखता है, वह साबित करना असंभव सा है. अरुण जेटली पर आरोप चाहे जितने लगें, न नरेंद्र मोदी उन्हें छोड़ने वाले हैं, न डीडीसीए. यह कांड यही साबित करेगा कि राजनीति का मतलब हमारे देश में एक कांड से दूसरे कांड में जाना है, एक निर्माण से दूसरे निर्माण में नहीं.

लखनऊ: चप्पे चप्पे पर आपको दिखेगी नवाबी शान

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ गोमती नदी के किनारे बसा है. नवाबों के शहर के नाम से मशहूर लखनऊ के चप्पेचप्पे पर नवाबी शानोशौकत की छाप देखी जा सकती है. वैसे भी इस शहर का इतिहास बहुत पुराना है इसलिए समय के साथ इस के नाम में भी बदलाव आए. पहले इस का नाम लक्ष्मणपुरी फिर लखनपुरी और बाद में लखनऊ हो गया.

1775 से 1856 तक लखनऊ अवध रियासत की राजधानी था. तब यहां पर अवध की तहजीब व अदब का विकास हुआ. नवाबों की बनवाई कई इमारतें आज भी लखनऊ में मौजूद हैं. यहां केवल ऐतिहासिक इमारतें ही देखने लायक नहीं हैं बल्कि यहां की चिकनकारी, नवाबी तहजीब, मुगलई खाना, आभूषण और चांदी का वर्क आदि भी मशहूर हैं. आज अपनी नजाकत और नफासत को संभालते हुए लखनऊ एक मेट्रो शहर के रूप में आगे बढ़ रहा है. पर्यटकों को नवाबी मजा देने के लिए ऐतिहासिक स्थलों को घूमने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम ने बग्घियों की नई व्यवस्था शुरू की है. इस के अलावा हाल ही में गोमती के किनारे पर खूबसूरत टूरिस्ट स्पाट का भी निर्माण किया गया है.

दर्शनीय स्थल

बड़ा इमामबाड़ा : चारबाग रेलवे स्टेशन से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बड़ा इमामबाड़ा वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है. इस के एक छोर पर कागज फाड़ने की जैसी कम आवाज को भी दूसरी तरफ से सुना जा सकता है. इस इमारत का निर्माण नवाब आसिफुद्दौला ने 1784 में अकाल से अपनी जनता को राहत देने के लिए करवाया था. करीब 50 फुट लंबा और 16 फुट ऊंचा हाल, बगैर किसी खंभे के सहारे पर टिका है. यह भवन भूलभुलैया के नाम से भी जाना जाता है. बड़ा इमामबाड़ा सैलानियों के लिए सुबह 6 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है.

छोटा इमामबाड़ा : इसे हुसैनाबाद के इमामबाड़े के नाम से भी जाना जाता है. यह बड़े इमामबाड़े से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस का निर्माण 1837 में मोहम्मद अली शाह ने करवाया था. दूर से इस इमामबाड़े का बाहरी नक्शा ताजमहल जैसा दिखता है. इस में नहाने के लिए एक खास किस्म का हौज बनाया गया था जिस में गरम और ठंडा पानी एकसाथ आता था. इस इमारत में शीशे के लगे हुए झाड़फानूस बेहद खूबसूरत हैं.

रूमी दरवाजा : इस का निर्माण भी नवाब आसिफुद्दौला ने करवाया था. इस को तुर्किश गेटवे के नाम से भी जाना जाता है. इस विशाल दरवाजे की ऊंचाई 60 फुट है. इस दरवाजे के निर्माण में कहीं भी लकड़ी या लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है.

घड़ी मीनार : रूमी दरवाजे से कुछ कदमों की दूरी पर घड़ी मीनार है. इस का निर्माण अंगरेजों ने 1881 में करवाया था. 67 मीटर ऊंची इस मीनार पर यूरोपियन स्टाइल में की गई नक्काशी इसे कुछ अलग आकर्षण देती है. यहां लगी घड़ी के डायल 12 पंखडि़यों वाले फूल की तरह नजर आते हैं, पेंडुलम लगभग 14 फुट लंबा है.

पिक्चर गैलरी : घड़ी मीनार से कुछ दूर आगे चल कर पिक्चर गैलरी है जिस में अवध के नवाबों के तैलचित्र लगे हैं. इस से नवाबी संस्कृति का पता चलता है.

रेजीडेंसी : इस भवन का निर्माण भी नवाब आसिफुद्दौला ने करवाया था. इस इमारत को बनाने की शुरुआत 1780 में हुई थी और 1800 में बन कर तैयार हुई. 1857 में आजादी की लड़ाई के बाद अंगरेजों ने इस पर कब्जा कर लिया और इस में अपना निवास बनाया तो इस का नाम रेजीडेंसी पड़ गया. इस इमारत की दीवारें आजादी की लड़ाई की गवाह हैं. यहां एक कब्रगाह है जिस में गदर के दौरान मारे गए लोगों को दफनाया गया है. सुबह 9 से शाम साढ़े 5 बजे तक यह पर्यटकों के लिए खुला रहता है. यहां बना खूबसूरत लान इस की खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है.

शहीद स्मारक : यह स्मारक 1857 में शहीद हुए वीरों की याद में गोमती नदी के किनारे बनाया गया है. यहां नौका विहार का भी मजा लिया जा सकता है. यहां फूलों से लिखा शहीद स्मारक देखने लायक है.

जामा मसजिद : यह मसजिद 4950 वर्ग मीटर के विशाल विस्तार में फैली है. इस के 15 धनुषाकार गुंबद आने वाले सैलानियों को हैरान कर देते हैं. इस का निर्माण अहमद शाह के शासनकाल के दौरान शुरू हुआ और उस की बेगम ने पूरा कराया. इस इमारत में 260 खंभे हैं.

टिप्स: आपकी ड्रैस भी मैच करे ज्वैलरी से

ज्वैलरी केयरिंग टिप्स

कौस्ट्यूम ज्वैलरी को हमेशा साफ व सूखा रखें. फिर चाहे वह नैकलैस हो, रिंग हो, ब्रेसलेट हो या इयररिंग्स. कौस्ट्यूम ज्वैलरी को लोशन, परफ्यूम, औयल व पानी से बचाएं वरना उस का कलर चेंज हो सकता है. जब भी क्रीम, परफ्यूम लगाएं या हाथ धोएं ज्वैलरी को पहले उतार दें.

कौस्ट्यूम ज्वैलरी को हमेशा न पहनें. उसे अमोनिया, ऐसिड, विनेगर के संपर्क से बचाएं. हर ज्वैलरी को अलगअलग बौक्स या पाउच में रखें.

गहने हर स्त्री का पहला प्यार होते हैं. शायद इसीलिए बचपन से दादीनानी और मां के गहनों से खुद को सजनासंवरना उन्हें हमेशा लुभाता है. दरअसल, हर युवती व महिला की चाहत होती है खुद को खूबसूरत व स्टाइलिश दिखाने की और इसी चाहत को पूरा करने के लिए वह ब्यूटीफिकेशन, लेटैस्ट फैशन व ज्वैलरी का सहारा लेती है. लेकिन वह इस बात से अनजान होती है कि फैशन व ब्यूटीफिकेशन के अलावा वह मैचिंग स्टाइलिश ज्वैलरी के साथ खुद को टीमअप कर के अपने डेली लुक को ज्वैलिसीफाई कर सकती है और अपनी खूबसूरती को नए माने दे कर फैशनीस्ता की कैटेगरी में खुद को शामिल कर सकती है.

आइए, ज्वैलरी डिजाइनर कृति गर्ग से जानते हैं कि अलगअलग ड्रैसेज के साथ किस तरह की ज्वैलरी पहन कर आप अपने डेली लुक को ज्वैलिसीफाई कर सकती हैं:

इयररिंग्स: कृति कहती हैं कि सही ड्रैस के साथ पहनी गई मैचिंग ज्वैलरी न केवल किसी महिला की लुक को कंपलीट करती है, बल्कि उसे कौन्फिडैंस भी देती है. ज्वैलरी में अगर इयररिंग्स की बात की जाए, तो प्रेशियस मैटल जैसे गोल्ड, सिल्वर, डायमंड के अलावा मार्केट में मैटल, फाइबर, पेपर, प्लास्टिक व लैदर, एडी के इयररिंग्स की अनेक वैरायटी मौजूद हैं, जिन में से कोई भी महिला अपनी जरूरत और जेब के अनुसार अपनी ड्रैस मैच कर सकती है.कृति कहती हैं कि अगर कोई वर्किंग लेडी, जिस के औफिस में बिजनैस ड्रैस कोड हो तो उसे लार्ज ट्रूप या ड्रौप इयररिंग्स न पहन कर स्मौल स्टड्स पहनने चाहिए. बिजनैस ड्रैस कोड के साथ ब्राइट स्पार्कलिंग, डायमंड या बड़े जैम्स स्टोन नहीं जंचते. ट्राउजर्स व स्ट्राइप्ड शर्ट के साथ जियोमैट्रिक इयररिंग्स और जींस के साथ अगर कोई कलरफुल फ्लोरल टौप पहनता है, तो उस के साथ मैटल के इयररिंग्स पहन सकता है. इंडियन वियर जैसे लौंग कुरती के साथ हैंगिंग्स वाले इयररिंग्स लुक को कौंप्लिमैंट करेंगे. ज्यादा ब्लिंग या चमकीली ज्वैलरी मैरिज या पारिवारिक आयोजनों के लिए रखें. अगर कोई महिला मैरिड है तो वह स्टड्स पहन सकती है. सस्ते फंकी स्ट्रीट इयररिंग्स, वैस्टर्न वियर और हैंडलूम, खादी, कौटन सूट व कुरती के साथ जंचते हैं. अगर आप शाम को किसी पार्टी में जा रही हैं, तो बाजर में मौजूद इयरकफ्स आप ईवनिंग गाउन या साड़ी के साथ पहन सकती हैं.

बैंगल्स और वाचेज: अगर आप मैरिड हैं तो डेली यूज में वैस्टर्न ड्रैस के साथ हैंडकफ्स व मल्टीकलर्ड मैटल, फाइबर, प्लास्टिक या लैदर का बे्रसलेट पहन सकती हैं. लैदर ब्रेसलेट आप की स्किनी जींस को ऐनहांस करने का काम करता है. एक हाथ में बे्रसलेट या कफ्स के साथ आप दूसरे हाथ में वाच से खुद को ऐक्सैसराइज कर सकती हैं.आजकल बाजार में बड़े डायल वाली ट्रैंडी घडि़यों का फैशन चल रहा है. जहां युवतियों के लिए मौडर्न, स्टाइलिश, ऐलिगैंट और शाइनिंग वाचेज मौजूद हैं, तो वहीं सिल्वर व मैटल के बेस पर बे्रसलेट स्टाइल में भी मौजूद हैं. इन घडि़यों को साड़ी, सलवारकुरती व जींस सभी के साथ ऐक्सैसराइज किया जा सकता है. अगर आप टौम बौय जैसा लुक चाहती हैं तो स्पौटी लुक की कलरफुल घड़ी जींस के साथ पहन सकती हैं. वहीं ट्रैडिशनल व फौर्मल के साथ मैटल के साथ बे्रसलेट स्टाइल की घड़ी फबेगी. कलाई के साइज और घड़ी के डायल के साइज की बात की जाए, तो ध्यान रहे कि डायल कलाई के 2/3 हिस्से से ज्यादा को कवर न करे.

ऐंकलेट व रिंग: वैस्टर्न वियर के साथ आप बीडेड या मैटल का सिंगल ऐंकलेट भी पहन सकती हैं. यह आप को क्लासी लुक देगा. जहां तक रिंग्स की बात है डेली यूज में औफिस में और अगर मैरिड हैं तो वैडिंग रिंग और सिंपल बैंड आकार की रिंग ही पहनें. औफिस से बाहर डेटिंग पर या ईवनिंग पार्टी में आप कलरफुल शाइनी ड्रैसेज के साथ बोल्ड रिंग्स पहन सकती हैं. लेकिन ध्यान रहे कि आप के नेल्स अच्छी तरह से मैनिक्योर किए हुए हों. साथ ही ज्यादा नेल आर्ट या ग्लिटर लुक न दें. इस से रिंग का महत्त्व कम हो जाएगा.

नैकलैस: आप सोचेंगी डेली लुक में भला नैकलैस कैसे पहना जा सकता है? नैकलैस तो सिर्फ फौर्मल और स्पैशल ओकेजन के लिए होता है. लेकिन आप की यह सोच गलत है.

आप डेली लुक के साथ भी नैकलैस कैरी कर सकती हैं. जैसे बटन फ्रंट और कौलर्ड शर्ट के साथ कंट्रास्ट कलर के बिब टाइप नैकलैस स्टाइलिश लुक देते हैं और आप की लुक को ज्वैलिसीफाई करते हैं. ट्रैडिशनल ड्रैसेज जैसे कौटन साड़ी व कलरफुल कुरती के साथ चांदी के औक्सीफाइज्ड नैकलैस आप को शिल्पा व दीपिका की तरह फैशन दीवा का रूप देंगे. बाजार में स्ट्रीट ज्वैलरी में बिब, लेयर्ड व कलर्ड नैकलैस की फंकी ज्वैलरी उपलब्ध है, जिसे आप डेली लुक में पहन सकती हैं. अगर आप को आर्टिफिशियल ज्वैलरी से ऐलर्जी है तो आप सिल्वर ज्वैलरी, जो अभी ट्रैंड में भी है और जिस का फ्यूचर में कौस्ट बैनिफिट भी होता है, का नैकलैस डेली पहन सकती हैं. गरमियों में सिल्वर ज्वैलरी डेली लुक के लिए बैस्ट औप्शन होता है. फिर चाहे वह कौरपोरेट लंच हो, डेट हो, औफिस हो या किट्टी पार्टी. कृति बताती हैं कि अगर आप अपनी ड्रैस के साथ बोल्ड बैल्ट पहन रही हैं, तो लौंग चेन नैकलैस न पहनें वरना ध्यान चेन के बजाय वैस्टलाइन पर जाएगा.

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