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मेक इन इंडिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशों के दौरे जम कर कर रहे हैं. वे जहां भी जाते हैं वहां से करोड़ों अरबों का सामान खरीद कर लाते हैं. उन्होंने कहीं भारतीय व्यापारियों के लिए दरवाजे खोले, ऐसा नहीं लगता. नेपाल, जो भारत के व्यापारियों के लिए अच्छा बाजार था, मधेशी विवाद के कारण अब बंद हो गया है. यह जो सामान खरीदा जा रहा है, इस के लिए गरीब भारत को पैसा कहां से मिल रहा है? जब से भारत में नई सरकार बनी है, हमारा निर्यात कम होता जा रहा है. फिर भी अगर हमारे पास विदेशी मुद्रा का भंडार है तो हमारे मजदूरों के कारण, जो दुनियाभर में अपने परिवारों से दूर रह कर ठंडेगरम देशों में शरीर घिस रहे हैं और पैसा भेज रहे हैं. इस पैसे पर नरेंद्र मोदी हर जगह कुछ खरीद रहे हैं. देशी राजा भी, आजादी से पहले, जब भी विदेश जाते थे, भरभर कर सामान लाते थे जिस का भुगतान उन की गरीब जनता करती थी.

अभी रूस में मोदी ने हथियार खरीदे हैं और परमाणु संयंत्र भी. क्यों भई, अपने मेक इन इंडिया का क्या हुआ? उद्योगपति अनिल अंबानी और गौतम अदानी ऐसे दौरों पर बेचने नहीं, खरीदने जाते हैं. देश के मजदूरों से मिले पैसे का उपयोग देश की गरीबी को दूर करने के लिए किया जाना चाहिए पर ज्यादातर पैसा या तो हथियारों की खरीद में लग रहा है या विलासिता की चीजों पर. भारतीय मजदूर देश को हर साल 70 अरब रुपए देते हैं और बदले में उन्हें क्या मिलता है, यह किसी भी एअरपोर्ट पर उन के लौटने पर उन की तलाशी लेते हुए दिख जाएगा.

किन्नर की आशनाई में जान गंवाई

लखनऊ के पानदरीबा इलाके में होटल कृष्णा पैलेस की देखभाल करने वाले 23 साल के राहुल ओझा से मिलने हर तरह के लोग आते थे. इनमें से एक महक नाम का किन्नर भी था. महक का असल नाम जीशान था. वह मूल रूप से बाराबंकी जिले का रहने वाला था. कुछ समय से वह हुसैनगंज थानाक्षेत्रा के दादामियां कर मजार के पास रहने लगा था. जीशान बेरोजगार था. उसके पास रोजगार का कोई साधन नहीं था. रोजगार की तलाश में लखनऊ में उसकी मुलाकात कुछ किन्नर साथियों से हुई. देखने सुनने में जीशान भी किसी लडकी की ही तरह सुदंर दिखता था. किन्नर साथियों की सलाह पर वह अपना पहनावा और बोलचाल में बदलाव करके किन्नर बन गया और अपना नाम महक रख लिया. अब वह किन्नर गैंग में शामिल होकर घरघर जाकर नेग की वूसली करने लगा. किन्नर बने जीशान ने जब अपना नाम महक रखा तो वह दुकानो और होटलों में भी वूसली के लिये जाने लगा. लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के आसपास यह लोग रात में आने वाले यात्रियों को लडकी होने का झांसा देकर अपने साथ देहसबंध बनाने के नाम फंसा कर पैसा वूसल करते थे.

जीशान बने महक की मुलाकात कृष्णा होटल के राहुल ओझा से हुई. महक के साथ उसकी दोस्ती बढने लगी. महक के लिये यह दोस्ती फायदेमंद थी. राहुल और महक के बीच दोस्ती नजदीकी रिश्तो में बदल गई. लंबे समय तक यह संबंध चलने लगे. महक को एक जगह बंधकर रहने की आदत नहीं थी. इस बीच महक की दोस्ती इमरान के साथ हो गई. बहराइच का रहने वाला इमरान लखनऊ में टैंपों चलाने का काम करता था. वह भी महक के साथ दादा मियां की मजार के पास रहने लगा. एक साथ रहने से इमरान महक के ज्यादा करीब हो गया. इस बात को लेकर राहुल महक से नाराज होता था. असल में इमरान के करीब आने के बाद महक अब राहुल से दूरी बनाने लगा था.

जब राहुल की टोकाटाकी ज्यादा बढ गई तो 11 अप्रैल सोमवार की रात महक और इमरान ने राहुल को सदर इलाके मे बुलाया. पहले उन लोगों ने शराब पी. इसके बाद आपसी बातचीत में झगडा शुरू हो गया. महक और इमरान ने राहुल को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया. राहुल का बांया पैर 3 जगह से टूट चुका था. चेहरा पहचान में न आये इसलिये उसको कुचल दिया था. राहुल की बांयीं आंख पफोड दी थी. सिर में लोहे का सरिया घुसा दिया गया था. इसके बाद राहुल को रेलवे लाइन के किनारे डाल दिया गया. राहगीरों की सूचना पर पुलिस ने उसे सिविल अस्पताल पहुंचाया. जहां डाक्टरों ने उसको मरा घोषित कर दिया. उधर राहुल के घर वालों ने उसे तलाश किया पर उसका कोई पता नहीं चला. मंगलवार को 11 बजे राहुल के दोस्त मिथुन के नम्बर पर रिजवान नाम के आदमी ने फोन करके सूचना दी कि राहुल की लाश दादामियां की मजार के पास रेलवे लाइन पर पडी  है.

घर वालों को वहां कोई लाश नहीं मिली पर यह जानकारी मिली की कल एक घायल आदमी को पुलिस ले गई है. राहुल के घर वाले गौतमपल्ली पुलिस स्टेशन गयेख, तो वहां राहुल की मौत का पता चला. पुलिस ने बताया कि राहुल का शव सिविल अस्पताल में रखा है. घर वालों ने उसको देखा और राहुल के पिता दूधनाथ ओझा ने किन्नर महक और दूसरे लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखाया. पुलिस ने जब महक को पकडा तो उसने बताया कि राहुल उसके साथ अनैतिक संबंध बनाता था. जब इमरान से उसकी दोस्ती बढ गई तो राहुल झगडा करता था. इससे परेशान होकर इमरान के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी.

संत चला रहे हैं अरबों की दुकान: लालू

सच में बदल गए हैं लालू यादव! कभी बाबाओं, ज्योतिषियों, संतो और तांत्रिकों से घिरे रहने वाले लालू यादव को अब बाबाओं की असलियत समझ में आ गई हैं. चारा घोटाले में फंसने के बाद वह ‘सेटेलाइट बाबा’ के चक्कर में खूब फंसे थे. उस ठग बाबा ने लालू का आशीर्वाद पाकर अपना धंधा तो चमका लिया, पर उस बाबा का आशीर्वाद लालू के काम नहीं आया और उन्हें चारा घोटाला के मामले में जेल जाना ही पड़ा था. अब लालू में यह हिम्मत आ गई है कि धर्म की दुकान चलाने वाले ठग बाबाओं को खुले आम ठग कह सकें. बाबा रामदेव, रविशंकर और आसाराम जैसे बाबाओं पर उन्होंने जम कर तीर चलाया.

डाक्टर भीमराव अंबेडकर की 125 जयंती के मौके पर राजद कार्यालय में आयोजित जलसे में लालू अपनी रौ में दिखे और कुछ बदले-बदले भी नजर आए. राजद सुप्रीमो लालू ने बाबा रामदेव, रविशंकर, आसाराम सहित तथाकथित धर्मगुरूओं पर निशाना साधते हुए कहा कि साजिश के तहत धर्म को बढ़ावा दिया जा रहा है. बाबा रामदेव खुद को संत और योग गुरू कहते हैं, पर वह आज सबसे बड़े उद्योगपति और पूंजीपति बने बैठे हैं. उनसे बड़ा मौकापरस्त तो चिराग लेकर ढूंढने पर भी नहीं मिलेगा. जब उत्तर प्रदेश में उन्हें अपना योग और जड़ी-बूटियों की दुकान चलानी थी, तो वह मुलायम सिंह यादव के गुण गाते नहीं थकते थे और आज अपना उद्योग चलाने और फैलाने के लिए नरेंद्र मोदी की गोद में जा बैठे हैं. ऐसा आदमी बाबा कैसे हो सकता है?

उन्होंने कहा कि एक संत है रविशंकर. वह कहते हैं कि जो देश से प्यार नहीं करता है, उसे देश छोड़ कर बाहर चले जाना चाहिए. लालू ने रविशंकर से सवाल पूछा है कि वह किस आधार पर रट लगा रहे हैं कि कुछ लोग देश से प्यार नहीं करते हैं? आखिर उनके देशप्रेम का मापदंड क्या है? जो भाजपा और आरएसएस के खिलाफ बोले वह देशद्रोही हो जाता है क्या? लालू साफ लहजे में कहते हैं कि ऐसे बाबा और संत धर्म के नाम पर लोगों को उल्लू बना रहे हैं और अपना उल्लू सीधा कर करोड़ों-अरबों रूपये की धर्म की दुकानें चला रहे हैं. समाजसेबी प्रभात कुमार कहते हैं कि लालू की सोच, समझ, और सियासत में बदलाव का असर दलित, पिछड़ी और अल्पसंख्यक राजनीति पर भी पड़ेगा. इससे दलितों-अल्पसंख्यकों की सही तरक्की होने के संकेत मिलते हैं. 10 साल के पहले के और आज के लालू यादव में जमीन-आसमान का फर्क दिख रहा हैं.

उन्होंने दलितों और अल्पसंख्यकों को आगाह करते हुए कहा कि आएसएस और भाजपा के लोग देश में तिरंगा झंडा की जगह भगवा झंडा लहराने की साजिश रच रहे हैं. वोट के लिए हिंदू राष्ट्र की बातों को हवा दी जा रही है. ऐसी बातों के बहकावे में दलितों को हरगिज नहीं आना है. आगे उन्होंने प्रधनमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि वह दलित और अल्पसंख्यक विरोधी हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश चुनाव की वजह से उनका दलित और अल्पसंख्यक प्रेम कुछ समय के लिए जाग उठा है, जो पूरी तरह से दिखावा और छलावा है.

प्रधानमंत्री, भाजपा, आरएसएस ओर बाबाओं को ठिकाने लगाने के बाद लालू ने वैसे लोगों को भी ठिकाने लगाने की पुरजोर कोशिश की जो यह हवा बना रहे हैं कि लालू नीतीश से नाराज है और वह सरकार को ज्यादा दिनों तक नहीं चलने देंगे. उन्होंने कहा कि कुछ लोग यह भरम फैला रहे हैं कि लालू नीतीश सरकार को नहीं चलने देगें, ऐसे लोग अपना भरम पाले बैठे रहें. हमारी सरकार को कुछ नहीं होगा. नीतीश सरकार चलेगी और खूब अच्छी तरह से चलेगी.

पिछले 5 अप्रैल से बिहार को पूरी तरह से ड्राई स्टेट घोषित किए जाने के बाद राजनितिक गलियारों में यह हवा तेजी से चल रही थी कि नीतीश के इस फैसले से लालू नाराज हैं. इस मसले पर लालू ने चुटकी लेते हुए कहा- ‘हाथी चले बाजार और कुत्ता भौंके हजार’. अफवाह फैलाने वाले कुछ भी कहें पर शराबबंदी का फैसला क्रांतिकारी फैसला है. आगे उन्होंने जोड़ा कि दूध-दही खाओ, शराब को भगाओ. उसके बाद हंसते हुए धीरे से बोले-‘यादव के गुण आओ’.

VIDEO: …और इस तरह एक भारतीय से हार गये क्रिस गेल

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लेग स्पिनर यजुवेंद्र चाहल ने एक आर्म रेसलिंग मुकाबले में लंबे-लंबे दर्शनीय छक्के लगाने के लिये मशहूर क्रिस गेल को हरा दिया. दरअसल, दोनों क्रिकेट स्टार खाली समय में मजाकिया अंदाज में आर्म रेसलिंग कर रहे थे. गेल ने यह मजेदार वीडियो अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है.

वीडियो में देखिये किस तरह चाहल से हार गये क्रिस गेल

 

धोनी ने मानी बात, छोड़ दिया आम्रपाली का साथ

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने रियल एस्टेट फर्म आम्रपाली के ब्रांड एंबैसडर के पद से इस्तीफा दे दिया है चूंकि नोएडा में एक हाउसिंग प्रोजेक्ट के रहवासियों ने सोशल मीडिया पर मुहिम चलाकर धोनी को इस बिल्डर से खुद को अलग करने के लिये कहा था.

कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा ने कहा, 'धोनी अब हमारे ब्रांड एंबैसडर नहीं हैं. मैं नहीं चाहता कि आम्रपाली से जुड़े रहने के कारण उनकी छवि पर कोई असर पड़े. धोनी और हमने मिलकर यह फैसला लिया है.' धोनी पिछले छह सात साल से कंपनी के ब्रैंड एंबैसडर थे.

 

पिता की जिद ने सरफराज को बना दिया सुपरस्टार क्रिकेटर

आईपीएल 9 के एक मैच में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ खेलते हुए मात्र 10 गेंदों में 35 रन बनाने वाले सरफराज खान फिर से सुर्खियों में आ गये हैं. उनकी धुआंधार बल्लेबाजी देखकर हर कोई उनका मुरीद हो गया है. सरफराज के क्रिकेटर बनने की कहानी भी बिल्कुल अलग है. दरअसल, इसके पीछे उनके पिता की एक जिद है, जिसने उन्हें आज इस मुकाम पर पहुंचा दिया है कि क्रिस गेल, विराट कोहली, शेन वाटसन और डेविड वॉर्नर जैसे दिग्गज भी उनके प्रशंसकों की फेहरिस्त में शुमार हैं.

दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरफराज के पिता नौशाद इकबाल अब्दुल्ला नाम के एक स्पिनर को उत्तर प्रदेश से मुंबई लाए थे. यहां इकबाल को उन्होंने क्रिकेट के गुर सिखाए और एक अच्छे मुकाम तक पहुंचा दिया. बाद में इकबाल अंडर-19 भारतीय टीम और आईपीएल में भी खेले. लेकिन जब नौशाद को उनकी जरूरत थी तो उन्होंने ताना मारते हुए कहा- 'मेरे में काबिलियत थी, इसलिये खेला. तुम्हारे अंदर टैलेंट है तो अपने बच्चे को खिलाकर दिखाओ.'

यह जवाब सुनकर सरफराज के पिता को अच्छा नहीं लगा, उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए अपने बेटे को स्टार क्रिकेटर बनाने की ठान ली. आज सरफराज इस मुकाम पर हैं कि क्रिस गेल जैसे दिग्गज बल्लेबाज उन्हें अपने बेटे की तरह मानते हैं. सरफराज के लिये गेल कहते हैं- 'वह मेरा पक्का यार है. वह मेरे लिये बेटे के समान है. वह ज्यादातर मेरे कमरे में ही रुकता है. वह ऐसा खिलाड़ी है जिसे देखना आनंददायक होता है.'

ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर शेन वाटसन ने भी सरफराज की तारीफ की थी, उन्होंने कहा इसमें कोई शक नहीं कि इस तरह के शॉट पर उसने बेहद कड़ी मेहनत की है. इससे पहले कभी उसके जैसी युवा प्रतिभा नहीं देखी. आईपीएल के वर्तमान सत्र में हुए एक मैच में सरफराज ने 10 गेंदों पर 5 चौकों और दो छक्कों के सहारे 35 रनों की बेहद दर्शनीय पारी खेली थी. इसी दौरान उन्होंने स्विंग के महारथी भुवनेश्वर कुमार की पांच गेंदों पर 22 जोड़े थे. भारत की अंडर-19 टीम की ओर से खेलते हुए सरफराज ने 33 वनडे में एक शतक और 11 अर्धशतक के सहारे 1080 रन बनाए हैं.

VIDEO: आखिर एक प्रेमी को क्यों बनानी पड़ी प्रेमिका की ऐसी फिल्म

यूट्यूब पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसका नाम है 'फर्स्ट नाइट'. यह वीडियो झूठे रेप केस पर बनाई गई एक शार्ट फिल्म है. इस शार्ट फिल्म को ट्रेवलिंग सिनेमा शॉटर्स की तरफ से बीते 10 अप्रैल को यू ट्यूब पर अपलोड किया गया था, जिसे अब तक 2 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा है. इस वीडियो में दिखाया गया है कि आखिर क्यों एक लड़के को अपनी गर्लफ्रेंड की वीडियो बनाने की जरूरत पड़ी.

इस वीडियो में दिखाया गया है कि कबीर नाम का एक लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ असहज महसूस करता है और उसके साथ बिताए गये निजी पलों को लैपटॉप में रिकॉर्ड कर लेता है. लड़की इस दौरान नशे में रहती है. वीडियो के अंत में लड़का एक मैसेज देता है और कहता है कि 'वो अपनी गर्लफ्रेंड से बहुत प्यार करता है, पर वो उसके साथ कुछ भी करने से डरता है, इसलिए वो उन पलों को रिकॉर्ड कर लेता है'.

कबीर ऐसे करने के पीछे एक खास वजह बताते हुए कहता है कि उसका एक दोस्त एक लड़की के साथ 3 सालों से रिलेशन में था. इसके बावजूद भी लड़की ने उस पर रेप का केस कर दिया और उसे चार दिनों तक हवालात में रहना पड़ा. अंत में कबीर कहता है कि बलात्कार की ज्यादातर घटनाएं झूठी होती है. उसने दिल्ली महिला आयोग के रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि अप्रैल 2013 से जुलाई 2014 के बीच दर्ज किए गये 53.2 फीसदी रेप के मामले गलत थे.

आप भी देखिए ये पूरा वीडियो

‘जोरावर’ के क्रू के लिए हर रात परफॉर्म करते थे हनी सिंह

सबसे फेमस रैपर हनी सिंह उनकी आगामी फिल्म "जोरावर" से  ​इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में अपना डेब्यू कर रहे हैं और वे इस बात से बेहद उत्साहित हैं. हनी ने फिल्म की शूटिंग के दौरान बेहद ज्यादा  मेहनत तो की ही है पर साथ में उन्होंने अपने क्रू का खूब मनोरंजन भी किया है.

हनी हर रात शूटिंग पूरी होने के बाद क्रू के लिए परफॉर्म करते थे, इतना ही नहीं जब उन्हें शूटिंग के बीच ब्रेक मिलता, वे सॉन्ग लिखते थे तथा उसे रिकॉर्ड भी करते थे. वे उनके आगामी वीडियो के लिए स्टोरीलाइन लिखते तथा फिल्म ज़ोरावर के निर्देशक को कई आईडिया भी बताते रहते थे.

फैनः एक फैन के आगे मात खा गया सुपर स्टार

एक सेलेब्रिटी और उसके फैन के बीच क्या रिश्ता होना चाहिए, इसी बात को समझाने के लिए निर्माता आदित्य चोपड़ा और निर्देशक  मनीष शर्मा फिल्म ‘‘फैन’’ लेकर आए हैं, जिसमें मुख्य भूमिका में शाहरुख खान हैं. शाहरुख खान ने इस फिल्म में ही फिल्मों के सुपर स्टार आर्यन खन्ना और उस के फैन यानी कि गौरव चानना की दोहरी भूमिका निभायी है. यूं तो गौरव चानना के किरदार में जान फूंकने में शाहरुख खान सफल रहे हैं, मगर फिल्म को बाक्स आफिस पर कामयाबी मिल जाएगी, ऐसा नही लगता. सुपर स्टार आर्यन के किरदार में अपने अभिनय की छाप छोड़ने में शाहरुख असफल रहे हैं.

पिछले दिनों शाहरुख खान ने कहा था कि उनकी फिल्म ‘फैन’ एक संदेशपरक फिल्म है, तो यह सच है. उनकी फिल्म ‘फैन’ हर दर्शक को संदेश देती है कि वह इस मुगालते में कभी न रहे कि वह जिस सुपर स्टार का फैन है, वह सुपर स्टार कभी उसे अपनी जिंदगी का पांच सेकंड भी देगा. सुपर स्टार कहने के लिए कहता है, ‘मैं जो  कुछ हूं अपने फैन की वजह से हूं.’ पर हर सुपर स्टार मानकर चलता है कि वह जिस मुकाम पर पहुंचा है, उसके पीछे उसकी मेहनत, उसकी किस्मत के साथ साथ उसका सनकी होना शामिल है. अन्यथा वह भी उसी मिट्टी का है, जिस मिट्टी का वह फैन है. हकीकत में कोई भी स्टार अपनी सफलता का श्रेय अपने फैन को नहीं देता.

फिल्म को बाक्स आफिस पर कामयाबी न मिल पाने की कई वजहे हैं. फिल्म के पात्र जरुरत से ज्यादा बनावटी लगते हैं. सुपरस्टार और उसका फैन इस फिल्म में जो कुछ करता है, वह तो लेखक व निर्देशक की दिमागी कल्पना की पराकाष्ठा है. तीसरी वजह फिल्म का नकारात्मक रवैया व सोच. एक सफल इंसान अपने फैन को अपनी सफलता का श्रेय दे न या दे, मगर वह आर्यन खन्ना की तरह अपने ‘सुपर स्टार’ की शक्ति व पैसे के बल पर अपने फैन को पुलिस के हाथों पिटवाकर उसे अपराधिक प्रवृत्ति का नहीं बनाएगा. सुपर स्टार की मंत्र मुग्धता तो देखिए, वह फैन भी अपनी शक्ल सूरत वाला ही चुनता है. परिणामतः कहानी में खोखलापन भर जाता है. पर फिल्मकार यही कहेंगे कि यह तो सिनेमा है, हकीकत नहीं.

यह कहानी है दिल्ली के युवक गौरव चानना (शाहरुख खान) की, जो बचपन से ही फिल्म अभिनेता आर्यन खन्ना का अंध भक्त है. वह आर्यन की ही फिल्में देखते हुए बड़ा हुआ है. वह अपने मोहल्ले के हर समारोह में आर्यन खन्ना की फिल्मों के किरदारों की नकल किया करता है. गौरव दिल्ली में एक सायबर कैफे चलाता है. वह आर्यन के जन्मदिन पर आर्यन से मिलने के लिए मुंबई जाता है. और उसी होटल के उसी कमरे में ठहरता है, जिसमें पहली बार मुंबई पहुंचने पर आर्यन खन्ना ठहरे थे. दूसरे दिन वह आर्यन खन्ना के जन्मदिन पर उनके बंगले पर जाता है पर मिल नहीं पाता. भीड़ का हिस्सा बनकर रह जाता है. दूसरे दिन उसे पता चलता है कि अभिनेता सिड कपूर को आर्यन खन्ना ने गुस्से में थप्पड़ मार दिया. सिड का मानना है कि आर्यन खन्ना अपने गिरते करियर व उसके चढ़ते करियर को देख खुद को असुरक्षित महसूस करते हुए ऐसा कर्म किया.

उधर टीवी पर आर्यन के खिलाफ सिड की बातें सुनकर आर्यन खन्ना के फैन व अंध भक्त गौरव चानना को गुस्सा आ जाता है. वह सिड का फैन बनकर सिड के पास जाता है और उसकी वैनिटी वैन में उसकी पिटायी कर उससे जबरन एक संदेश रिकार्ड करवाता है कि वह आर्यन से गुस्सा नहीं है. उसने आर्यन को लेकर मीडिया में गलत बाते कहीं, उसके लिए वह माफी मांगता है…’ अपने घर पर अपनी पत्नी व बच्चों के साथ टीवी पर सिड का माफीनामा देखते हुए सुपर स्टार आर्यन खन्ना खुश होते हैं, मगर कुछ ही देर में उनकी पीए सुनयना (सयानी गुप्ता) आर्यन का वह वीडियो दिखाती है, जिससे पता चलता है कि गौरव चानना ने सिड से जबरन माफी मंगवायी. यह बात आर्यन को नागवार लगती है. वह गौरव से फौन पर पूछता है कि वह कहां है और फिर एक पुलिस इंस्पेक्टर को धन देकर गौरव को पकड़वाकर पुलिस स्टेशन के अंदर बुरी तरह से पिटवाता है. फिर खुद पुलिस स्टेशन आकर गौरव से मिलता है और उसे धमकाते हुए कहता है-‘‘मैं सुपर स्टार हूं. मेरे पास तुम्हें या किसी फैन को देने के लिए पांच सेकंड नही है. वह अपनी मेहनत के बल पर सफल है.’’ तब गौरव चाननार फोन करके आर्यन से कहता है कि वह उसे बर्बाद कर देगा. अन्यथा आर्यन सारी बोले.’’पर आर्यन सारी बोलने के लिए तैयार नहीं. उसका मानना है कि वह सुपर स्टार है. उसके पास ताकत, धन सब कुछ है.

यहीं से गौरव के अंदर बदले की भावना आ जाती है. वह दिल्ली जाकर अपनी दुकान बेच देता है और आर्यन का पीछा करते हुए लंदन तक पहुंच जाता है. यहीं से आर्यन व गौरव के बीच शह और मात का खेल शुरू हो जाता है. हार कर आर्यन लंदन में प्रेस वार्ता कर गौरव पर हमशक्ल व अपराधी होने का आरोप लगाता है. एक दिन गौरव, आर्यन के बंगले में पहुंच जाता है और आर्यन के कमरे में तोड़फोड़कर आर्यन की पत्नी से कहता है कि वह आर्यन से कहे कि वह अपने फैन से बदतमीजी करने के लिए सारी कहे. इस पर आर्यन दिल्ली गौरव के घर पहुंचकर उसके माता पिता को धमकाता है और फिर गौरव की प्रेमिका को हथियार बनाकर दिल्ली के उसी मोहल्ले में सारे आरोप गौरव पर लगा देता है. शह और मात के इस खेल का अंत गौरव की मौत के साथ होता है. पर सुपर स्टार अपने फैन से सारी नहीं कहता.

फिल्म ‘‘फैन’’ में इस बात पर जोर दिया गया है कि फैन की  सीमाएं होनी चाहिए, पर इस बात का कोई जिक्र नही है कि सुपर स्टार या किसी भी सेलीब्रिटी को इंसानियत नहीं भूलनी चाहिए. फिल्म में संवेदनशीलता का घोर अभाव है. फिल्म में गीत संगीत, रोमांस, कामेडी का घोर अभाव है. फिल्म के अंदर आर्यन व गौरव के बीच एक दूसरे का पीछा करने व आपस मे मारपीट के सीन बहुत ज्यादा लंबे व उबाउ हैं. फिल्म का पहला हिस्सा दर्शकों के मन में कुछ उत्सुकता जगाता है, पर दूसरा हिस्सा मुट्ठी में में बंद रेत की तरह फिसल जाता है. लेखक व निर्देशक दोंनों भटके हुए नजर आते हैं.

फिल्म के निर्देशक यह भूल गए कि उनकी फिल्म का फैन आम इंसान है. आम इंसान फिल्मी हीरो जैसे कारनामे नहीं करेगा. ‘‘यशराज फिल्मस’ के बैनर तले बनी 143 मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘फैन’’ के निर्माता आदित्य चोपड़ा, निर्देशक मनीष शर्मा, एडीटर नम्रता राव हैं. कलाकार हैं- शाहरुख खान, सयानी गुप्ता, श्रिया पिलगांवकर, दीपिका देशपांडे अमीन व अन्य.

मान गईं महबूबा

लंबी कवायद के बाद जम्मूकश्मीर में पीडीपी और भाजपा का ब्रेकअप खत्म हो गया है, अब महबूबा मुफ्ती वहां की पहली महिला मुख्यमंत्री होंगी. यह पुनर्मिलाप किन शर्तों पर हुआ, इस का खुलासा शायद ही सार्वजनिक हो पर दोनों पार्टियों के स्वार्थ इस में साफ दिख रहे हैं. भाजपा इस राज्य में पहली बार मिले समर्थन को खोना नहीं चाहती थी और राज्यसभा में भी मजबूती चाहती है ताकि विपक्षी कभी विधेयक पारित कराने में टांग न अड़ाएं. उधर महबूबा भी परेशान थीं कि वक्त रहते सरकार न बनाई तो जमीन तो उन की भी कमजोर होती, लिहाजा सीधे नरेंद्र मोदी से मिलीं और फिर सरकार बनाने का दावा पेश करते विकास की जमीन पर आ गईं. देर से ही सही दोनों दलों को ज्ञान तो मिला कि वजूद बनाए रखना है तो ज्यादा देर ठीक नहीं वरना वोटर खफा हो सकते हैं.

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